मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जिले के चिरमिरी में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है. बताया जा रहा है कि नाबालिग मानसिक रूप से आशक्त थी. आरोपी के दोष सिद्ध होने पर जिला न्यायालय ने आरोपी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.
एमसीबी में नाबालिग से दुष्कर्म, आरोपी ताऊ को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा - Minor raped in MCB
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jun 29, 2024, 5:23 PM IST
एमसीबी में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी ताऊ को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है. आरोपी ने नाबालिग बच्ची को जंगल में ले जाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है.
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ताऊ निकला हैवान: दरअसल, ये घटना चिरमिरी क्षेत्र की है. 21 अगस्त 2021 को घटना के दिन सुबह 8 बजे पीड़िता अपने भाई के साथ मवेशी चराने के लिए गई थी. उसके माता-पिता मजदूरी करने गए हुए थे. शाम को माता-पिता मजदूरी कर घर पहुंचे, तब पीड़िता ने अपनी मां को बताया कि वह बैल चरा रही थी. उस समय उसका भाई दूर में था. तभी उसके ताऊ आए और उसे पकड़कर जंगल ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता की मां ने खड़गंवा थाने में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू किया.
आरोपी को 20 साल की सजा: इसके बाद आरोपी के खिलाफ सबूत मिलने के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में दोष सिद्ध होने पर आरोपी को न्यायालय ने 20 साल की सश्रम कारावास और 1 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई. अगर आरोपी अर्थदंड की राशि जमा नहीं करता है तो उसे 2 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा.
मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जिले के चिरमिरी में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है. बताया जा रहा है कि नाबालिग मानसिक रूप से आशक्त थी. आरोपी के दोष सिद्ध होने पर जिला न्यायालय ने आरोपी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.
ताऊ निकला हैवान: दरअसल, ये घटना चिरमिरी क्षेत्र की है. 21 अगस्त 2021 को घटना के दिन सुबह 8 बजे पीड़िता अपने भाई के साथ मवेशी चराने के लिए गई थी. उसके माता-पिता मजदूरी करने गए हुए थे. शाम को माता-पिता मजदूरी कर घर पहुंचे, तब पीड़िता ने अपनी मां को बताया कि वह बैल चरा रही थी. उस समय उसका भाई दूर में था. तभी उसके ताऊ आए और उसे पकड़कर जंगल ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता की मां ने खड़गंवा थाने में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू किया.
आरोपी को 20 साल की सजा: इसके बाद आरोपी के खिलाफ सबूत मिलने के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में दोष सिद्ध होने पर आरोपी को न्यायालय ने 20 साल की सश्रम कारावास और 1 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई. अगर आरोपी अर्थदंड की राशि जमा नहीं करता है तो उसे 2 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा.