जमुई: बिहार सरकार की तरफ से बाल विवाह को लेकर लगातार कार्रवाई तो की जा रही है, लेकिन यह प्रथा पूरी तरह से खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. हालांकि प्रशासन इस प्रथा पर रोकथाम लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इसका एक बड़ा उदाहरण बिहार के जमुई जिले से सामने आ रहा है. जहां पुलिस ने समय पर पहुंचकर 15 साल की बच्ची की शादी को रुकवाया.
बरहट थाना क्षेत्र का मामला: मिली जानकारी के अनुसार, जमुई जिले के बरहट थानांतर्गत एक गांव में नाबालिग लड़की की शादी कराई जा रही थी. शादी की पूरी तैयारी कर ली गई थी. लेकिन बारात से पहले पुलिस और पदाधिकारी पहुंच गए. उन्होंने तत्काल शादी रुकवाई.
पुलिस प्रशासन ने शादी रूकवाया: बताया जा रहा कि जिले के बरहट थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में एक नाबालिग बच्ची की शादी कराये जाने की योजना थी, जिसकी भनक पुलिस को लग गई. सूचना प्राप्त होते ही आवश्यक विधिनुसार कार्रवाई के लिऐ बरहट थानाध्यक्ष, प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी, मुखिया समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों मौके पर पहुंच गए और शादी को रोकवाया.
परिवार ने बच्ची की शादी का विचार त्यागा: साथ ही पुलिस प्रशासन द्वारा परिवार तथा स्थानीय लोगों को समझाया गया कि किसी भी लड़की की शादी 18 वर्ष से कम उम्र में करना एक कानूनी अपराध है तथा ऐसा करने पर कड़े दंड का भी प्रावधान है. जिसके बाद परिवारजनों ने बच्ची की शादी का विचार त्याग दिया और यह प्रण किया कि वैधानिक उम्र के बाद ही बेटी की शादी का विचार करेंगे.
दो साल की सजा और जुर्माना हो सकता हैः बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत 18 साल से कम उम्र की लड़की से शादी करने वाले दूल्हा को 2 साल की सजा और एक लाख रुपए जुर्माना या दोनों हो सकता है. शादी में शामिल होने या इसके लिए प्रेरित करने वालों को भी दो साल की सजा और एक लाख रुपए जुर्माना या दोनों किया जाएगा. इसके अलावा जो माता पिता अगल अपने बच्चों की कम उम्र में शादी करते हैं तो उन्हें भी दो साल की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना या दोनों होगा. दोषी पाए जानें लोगों के ऊपर गैर जमानती केस दर्ज हो सकता है.
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