बेतिया: बिहार के बेतिया में नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म मामले के तीन दोषियों को बीस-बीस वर्ष की कठोर कारावास और 55-55 हजार जुर्माने की सजा सुनायी गयी. बेतिया बस स्टैंड में नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में पोक्सो अधिनियम के विशेष न्यायाधीश विवेकानन्द नंद प्रसाद ने यह सजा सुनायी. कोर्ट ने कांड के नामजद अभियुक्त रामलाल राम, नीलेश दुबे, मनोज कुमार मुखिया को 20 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
जुर्माना भी लगायाः न्यायाधीश ने तीनों सजायाफ्ता को 55-55 हजार यानी कि कुल एक लाख पैसठ हजार जुर्माना भी देने का आदेश दिया है. बेतिया न्यायालय ने जिन तीन आरोपियों को सजा सुनाई है उसमें सजायाफ्ता रामलाल बस का खलासी है, जो पूर्वी चंपारण के पीपरा थाना के बलवा गांव का रहनेवाला है. नीलेश दूबे, मुजफ्फरपुर के मीनापुर थाना के कल्याणपुर का रहनेवाला है. वही एक सजायाफ्ता मनोज कुमार मुखिया योगापट्टी थाने हरपुरवा गांव का रहनेवाला है.
क्या है घटनाः कांड के विशेष लोक अभियोजक वेदप्रकाश द्विवेदी ने बताया कि घटना 5 जून 2022 की रात की है. नाबालिग लड़की पटना में इलाज कराने के लिए बस स्टैंड पहुची. इसी क्रम में वह बस में बैठ गई. उसे अकेला देखकर सजायफ्ता बस को स्टैंड के पीछे ले गया. शक होने पर लड़की बस से उतरने लगी, लेकिन सजायाफ्ता उसे जबरन बैठा लिए और दरवाजा बंद कर दिया. फिर कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर सामूहिक दुष्कर्म किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने यह फैसला सुसंगत धारा में यह फैसला सुनाया है.
"घटना 5 जून 2022 की रात की है. नाबालिग लड़की पटना में इलाज कराने के लिए बस स्टैंड पहुची. बस में उसे अकेला देखकर तीनों सजायफ्ता बस को स्टैंड के पीछे ले गया और दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया."- वेदप्रकाश द्विवेदी, विशेष लोक अभियोजक