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मंत्री बनने के बाद राधाकृष्ण किशोर ने बताया सरकार के लिए क्या है सबसे बड़ी चुनौती? कैसे करेंगे समाधान - MINISTER RADHAKRISHNA KISHORE

मंत्री बनने के बाद राधाकृष्ण किशोर ने अपनी चुनौतियों के बारे में बात की.

Minister Radhakrishna Kishore
मंत्री राधा कृष्ण किशोर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 5, 2024, 4:56 PM IST

रांची: हेमंत कैबिनेट में मंत्री बने राधाकृष्ण किशोर झारखंड की राजनीति का जाना-माना चेहरा हैं. संयुक्त बिहार के समय से ही पलामू प्रमंडल में अपनी अलग छवि बनाने में सफल रहे राधाकृष्ण किशोर अब तक छह बार विधायक बन चुके हैं और दूसरी बार मंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया है.

2014 के बाद एक बार फिर 2024 में कांग्रेस के टिकट पर पलामू के छतरपुर से चुनाव जीतने में सफल रहे राधाकृष्ण किशोर उस समय बेहद खुश हुए, जब राज्यपाल ने उन्हें राजभवन में मंत्री पद की शपथ दिलाई.

मंत्री राधाकृष्ण किशोर से बात करते संवाददाता भुवन किशोर झा (Etv Bharat)

मंत्री बनने के बाद राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि उनकी प्राथमिकता राज्य की जनता पर टैक्स लगाए बिना वित्तीय प्रबंधन को सुदृढ़ करना है. उन्होंने कहा कि चुनौती जरूर है लेकिन इसे पूरा करना कोई मुश्किल काम नहीं है. सरकार अपने स्तर पर सारी व्यवस्थाएं तेजी से करेगी और राज्य में विकास कार्य तेजी से किए जाएंगे.

राधाकृष्ण किशोर को मिल सकता है वित्त विभाग

कांग्रेस कोटे से मंत्री बने राधा कृष्ण किशोर को वित्त विभाग मिलने की संभावना है. शपथ लेने वाले मंत्रियों के विभागों का बंटवारा आज देर शाम तक हो जाएगा. हालांकि, मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा मुख्यमंत्री के विवेक पर होता है, लेकिन पहले से चली आ रही गठबंधन सरकार में उम्मीद है कि वित्त विभाग एक बार फिर कांग्रेस के पास ही रहेगा.

राधा कृष्ण किशोर वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं. इस वजह से उन्हें इसकी जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है. झारखंड की राजनीति के विशेषज्ञ माने जाने वाले राधा कृष्ण किशोर इससे पहले कुछ दिनों के लिए पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री भी बने थे.

गौरतलब है कि राधा कृष्ण किशोर वर्ष 1980, 1985, 1995, 2005, 2014 में छतरपुर से विधायक रह चुके हैं. राधा कृष्ण किशोर अवसरवादी राजनीति के लिए जाने जाते हैं, यही वजह है कि वे समय के साथ दल बदलते रहे हैं. 2005 में वे कांग्रेस छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए, 2009 में वे फिर जेडीयू छोड़कर कांग्रेस में वापस आ गए.

इसके बाद 2014 में वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और विधायक बने. वे बीजेपी में मुख्य सचेतक भी बने लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर वे आजसू में शामिल हो गए. चुनाव हारने के बाद वे राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए और 2024 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में वापस आ गए और छतरपुर से चुनाव जीतकर मंत्री बनने में सफल रहे.

यह भी पढ़ें:

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2014 के बाद एक बार फिर 2024 में कांग्रेस के टिकट पर पलामू के छतरपुर से चुनाव जीतने में सफल रहे राधाकृष्ण किशोर उस समय बेहद खुश हुए, जब राज्यपाल ने उन्हें राजभवन में मंत्री पद की शपथ दिलाई.

मंत्री राधाकृष्ण किशोर से बात करते संवाददाता भुवन किशोर झा (Etv Bharat)

मंत्री बनने के बाद राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि उनकी प्राथमिकता राज्य की जनता पर टैक्स लगाए बिना वित्तीय प्रबंधन को सुदृढ़ करना है. उन्होंने कहा कि चुनौती जरूर है लेकिन इसे पूरा करना कोई मुश्किल काम नहीं है. सरकार अपने स्तर पर सारी व्यवस्थाएं तेजी से करेगी और राज्य में विकास कार्य तेजी से किए जाएंगे.

राधाकृष्ण किशोर को मिल सकता है वित्त विभाग

कांग्रेस कोटे से मंत्री बने राधा कृष्ण किशोर को वित्त विभाग मिलने की संभावना है. शपथ लेने वाले मंत्रियों के विभागों का बंटवारा आज देर शाम तक हो जाएगा. हालांकि, मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा मुख्यमंत्री के विवेक पर होता है, लेकिन पहले से चली आ रही गठबंधन सरकार में उम्मीद है कि वित्त विभाग एक बार फिर कांग्रेस के पास ही रहेगा.

राधा कृष्ण किशोर वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं. इस वजह से उन्हें इसकी जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना है. झारखंड की राजनीति के विशेषज्ञ माने जाने वाले राधा कृष्ण किशोर इससे पहले कुछ दिनों के लिए पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री भी बने थे.

गौरतलब है कि राधा कृष्ण किशोर वर्ष 1980, 1985, 1995, 2005, 2014 में छतरपुर से विधायक रह चुके हैं. राधा कृष्ण किशोर अवसरवादी राजनीति के लिए जाने जाते हैं, यही वजह है कि वे समय के साथ दल बदलते रहे हैं. 2005 में वे कांग्रेस छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए, 2009 में वे फिर जेडीयू छोड़कर कांग्रेस में वापस आ गए.

इसके बाद 2014 में वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और विधायक बने. वे बीजेपी में मुख्य सचेतक भी बने लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर वे आजसू में शामिल हो गए. चुनाव हारने के बाद वे राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए और 2024 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में वापस आ गए और छतरपुर से चुनाव जीतकर मंत्री बनने में सफल रहे.

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