कैमूर : बिहार में गिरते पुल पर विपक्ष सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा है. आरजेडी के इस आरोप पर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार ने पलटवार किया है. उन्होंने दो टूक कहा कि उनके समय में बने हुए पुल-पुलिया ध्वस्त हो रहे हैं. उन्होंने पुल तो बना दिया लेकिन मेंटिनेंस पॉलिसी नहीं बनाई, जिसके कारण आज पुल टूट रहे हैं और उनके पाप अब हमारे माथे पर आ गया है.
मंत्री प्रेम कुमार का आरजेडी पर प्रहार : मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि हमारी सरकार लगातार दोषी अभियंताओं और ठेकेदारों पर कार्रवाई कर रही है. बता दें कि बिहार में 15 दिनों में 12 पुलों के गिरने की वजह से निर्माण प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए. इसपर विभागीय जांच जारी है. लेकिन एक सबसे बड़ा कारण मेंटिनेंस पॉलिसी का न होना निकलकर आ रहा है. पुल तो बन गए लेकिन उसे भगवान भरोसे छोड़ रखा गया. नतीजा ये हुआ कि कुछ साल में ही पुल ध्वस्त होकर गिरने लगे.
''बिहार में जो भी पुल राजद सरकार के समय में बना था, आज वह सभी पुल गिरकर टूट रहा है. यह उस समय की राजद सरकार में पुलों का मेंटनेंस और सही तरह से रख रखाव नहीं होने के कारण हुआ है. उसी का आज नतीजा यह है कि सभी पुल गिरकर ध्वस्त हो रहे हैं. उनका पाप आज हम लोगों के सिर पर आ रहा है.''- डॉ प्रेम कुमार, वन पर्यावरण एवं सहकारिता मंत्री, बिहार सरकार
15 दिन में गिरे 12 पुल : बता दें कि मानसून सीजन की शुरूआत से पहले यानी 18 जून 2024 से बिहार में पुल गिरना शुरू हुए. पहले अररिया, सिवान, सारण, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, किशनगंज और पूर्वी चंपारण में पुलों के गिरने के मामले सामने आए. सरकार की खूब भद्द पिटी तो आरोप तेजस्वी के 18 महीने के कार्यकाल को दोषी ठहराया जाने लगा. हालांकि तेजस्वी ने इन आरोपों पर जवाब दिया और कहा कि जब वह मंत्री थे तो उनके विभाग के पास पैसे ही नहीं थे.
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