कोटा. कई परिवारों ने कोरोना में अपनों को खो दिया तो कई ऐसे भी परिवार हैं, जिनमें अब सिर्फ एक ही सदस्य बचा. ऐसा ही एक परिवार रामगंज मंडी में भी है, जिसके छह सदस्यों की कोरोना से मौत हो गई थी. वहीं इस परिवार पर लाखों का लोन था और उस राशि को चुकाने की जिम्मेदारी एक महिला पर थी, लेकिन वो लोन चुकाने में असमर्थ थी. ऐसे में उसके मकान की नीलाम की नौबत आ गई थी. आखिरकार राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस महिला की मदद की उसके घर को नीलाम होने से बचाया. बता दें कि मंत्री ने महिला को बतौर आर्थिक मदद 6 लाख की राशि दी, जिससे उसका घर नीलाम होने से बच गया.
मंत्री दिलावर ने की मदद : दरअसल, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 3 फरवरी को रामगंज मंडी में वैष्णव बैरागी समाज के जगत गुरु रामानंद आचार्य जयंती समारोह में भाग लिया था. वहां मौजूद मोड़क स्टेशन निवासी पीड़ित अनिता वैष्णव ने अपनी समस्या दिलावर को बताई. दिलावर का कहना है कि चुनाव के दौरान कई लोगों ने उनकी आर्थिक मदद की थी. वहीं, चुनाव के बाद कुछ पैसे बच गए थे. ऐसे में उन्होंने उस राशि को पीड़ित अनीता को दे दिया, ताकि वो बैंक के बकाए लोन को चुका सके.
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नीलाम होने से बचा मकान : इधर, अनिता ने कहा कि 2020 में कोरोना काल में उसके पति सुनील वैष्णव, ससुर गुलाब चंद वैष्णव, सास दयावती, दादी प्रभु बाई, देवरानी मंजू वैष्णव और चाचा ससुर देवचंद वैष्णव का एक के बाद एक निधन हो गया था. इससे उसका पूरा परिवार बिखर गया था. पति ने मकान पर 10 लाख 20 हजार का लोन लिया था. इस लोन का बीमा नहीं था, जिसके चलते उसे खासी दिक्कतें पेश आ रही थी. इसके अलावा बैंक की ओर से लगातार उसे नोटिस मिल रहे थे. ऐसे में उसने मदन दिलावर को इस मामले से अवगत कराया था. उन्होंने अधिकारियों से बात करके राहत दिलाई, लेकिन लोन इतना अधिक था कि उसे चुकाना मुश्किल हो रहा था. वहीं, सत्ता बदलने के बाद मंत्री दिलावर ने छह लाख का चेक देकर आर्थिक मदद की, जिससे वो लोन की शेष बची राशि को चुका सकी और उसका मकान नीलाम होने से बच गया.