जयपुर: भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर गुरुवार सुबह से शुरू हुआ सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर देर रात तक जारी रहा. पहले कांग्रेस ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ प्रदेश भाजपा के नेताओं को घेरा तो बीजेपी की ओर से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और उसके बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने डोटासरा पर न केवल पलटवार किया, बल्कि कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार और घोटालों पर जम कर निशाना साधा और कहा कि भ्रष्ट लोग उछल कूद कर रहे हैं.
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि जब से कांग्रेस की सरकार गई है, इसके प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उछल कूद कर रहे हैं. ये वो दिन भूल गए कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सम्मानित शिक्षकों से पूछा था कि तबादलों में नोट तो नहीं चल रहे, सब ने एक स्वर में कहा था कि चल रहे हैं. क्या ये बात उन्हें याद नहीं है? दिलावर ने डोटासरा पर तंज कसते हुए कहा कि हम जन कल्याण के लिए काम करते हैं, राजस्थान के लिए काम करते हैं, हम आपकी तरह शिक्षकों से तबादलों में नोट नहीं लेते हैं. शिक्षकों ने गोविंद सिंह डोटासरा को अप्रत्यक्ष रूप से भ्रष्ट कहा था. दिलावर बोले कि ऐसे भ्रष्ट लोग अब बहुत उछल कूद कर रहे हैं. डोटासरा यह भी भूल गए कि कांग्रेस आलाकमान के प्रतिनिधि आए थे, उनकी बात को भी इन्होंने नकारा दिया.
दिलावर ने कहा कि कोरोना काल में जब लोग मर रहे थे.परेशान थे,तब ये जैसलमेर जाकर होटलों में डांस कर रहे थे, मजे ले रहे थे. दिलावर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के बारे में इनकी ओर से की गई चर्चा मिथ्या है. भजनलाल शर्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं. सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं. राजस्थान के लिए काम कर रहे हैं और सब वर्गों को साथ लेकर चल रहे हैं. मैं समझता हूं कि श्रेष्ठ मुख्यमंत्री के बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं है.
डोटासरा ने कहा था- बीजेपी में नेताओं की कद्र नहीं: बता दें कि ED दफ्तर के बाहर कांग्रेस को ओर दिए गए धरने के दौरान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र के साथ प्रदेश की भजन लाल सरकार पर भी निशाना साधा था. डोटासरा ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ पर तंज कसते हुए कहा था कि क्या करना चाहते हो, क्या बताना चाहते हो? नेताओं का इतना अपमान तो मत करो. अब तो गैर हाजिरी लगा कर और प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है. इससे ज्यादा शर्म की बात हो नहीं सकती है, अपने ही नेताओं को प्रताड़ित करते हैं, इसके बाद कुछ बच नहीं जाता. राजेंद्र राठौड़ छोटे नेता थोड़े ही हैं, सात बार विधानसभा चुनाव में जीते और नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. उस आदमी के लिए आप इस तरह की बेइज्जती की बातें करते हो तो यह साबित हो गया है कि बीजेपी में लोगों की कद्र नहीं है.