जयपुर : आरएएस भर्ती 2018 और 2021 में धांधली के आरोप के साथ ही कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने आरपीएससी के तत्कालीन अध्यक्षों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मीणा ने इन अध्यक्षों की भूमिका पर मिलीभगत करने के आरोप के साथ इनकी शिकायत की कॉपी मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव शिखर अग्रवाल को दी है. इस दौरान मीणा ने आएएस 2018 और 2021 पेपर लीक को लेकर सबूत भी सौंपे और कहा कि तीन मुख्य पूर्व अध्यक्ष दीपक उप्रेती, शिव सिंह राठौड़ और संजय श्रोत्रिय इसमें शामिल हैं. इनकी भूमिका की जांच सीबीआई या फिर एसओजी से कराने की मांग की.
आगे 2018 के आरएएस टॉपर की कॉपी को लेकर मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने तत्कालीन अध्यक्ष दीपक उप्रेती पर संगीन आरोप लगाए. मंत्री मीणा ने कहा कि आरपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दीपक उप्रेती, शिव सिंह राठौड़ और संजय श्रोत्रिय ने ऐसे युवाओं को आरएएस में टॉप करवाया, जो वास्तव में पास होने के लायक तक नहीं थे. ऐसे में इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
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आरएएस धांधली : मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने शिकायत में कहा कि आरएएस 2018 की परीक्षा में शिव सिंह राठौड़ की भूमिका संदिग्ध रही है. आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा 28, 29 जनवरी, 2019 को संपन्न हुई थी. उस समय आरपीएससी के चेयरमैन दीपक उत्प्रेती थे. आरपीएससी चेयरमैन दीपक उत्प्रेती ने आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जांचने के समन्वयक की अहम जिम्मेदारी शिव सिंह राठौड़ को दी. मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने का काम ऑनलाइन एमडीएस विश्वविद्यालय अजमेर में किया गया, जहां उत्तर पुस्तिकाएं जांचते समय सीसीटीवी कैमरे सहित जो अन्य मापदंड निर्धारित थे उसे पूरा नहीं किया गया.
मीणा ने कहा कि एमडीएस विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति आरपी सिंह को आरएएस की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जांचने के समय एमडीएस विश्वविद्यालय के परीक्षा केंद्र बनाने, शिक्षक भर्ती और अशैक्षणिक पदों पर भर्ती की अनियमितताओं को लेकर 9 सितंबर, 2020 को एसीबी ने गिरफ्तार किया था. एमडीएस विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति आरपी सिंह ने उत्तर पुस्तिकाएं जांचने का कॉर्डिनेटर प्रोफेसर शिवदयाल सिंह शेखावत को बनाया था. शिवदयाल सिंह की नियुक्ति भी विवादों में रही है.
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रोल नंबरों में की गई गड़बड़ी : मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने बताया कि आरएएस 2018 के परिणाम के बाद उत्तर पुस्तिकाओं में कई अभ्यर्थियों द्वारा छोड़े गए प्रश्नों के उत्तर बाद में लिखवाए गए. उदाहरण के तौर पर रोल नंबर 804088 आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में 30 अंक से अधिक प्रश्नों में N/A लिखा था. अंकशीट पर उनके अंक शून्य दर्शाए गए यानी अभ्यर्थी ने परीक्षा के दौरान कुछ प्रश्नों का जवाब ही नहीं लिखा था. जिन्हें जांचने के दौरान परीक्षक ने N/A लिख दिया.
वहीं, जब अभ्यर्थी अच्छे अंक/रैंक लाने में कामयाब नहीं हुए तो तत्कालीन चैयरमेन शिवसिंह राठौड़ ने आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका अपलोड कराने में जानबूझकर कर देरी की. इस बीच कुछ परीक्षार्थियों को उत्तर पुस्तिका मुहैया कराकर उनसे छूटे हुए प्रश्नों के उत्तर लिखवाए गए और फिर उसके बाद उत्तर पुस्तिका को अपलोड कराया गया.
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इतना ही नहीं उत्तर पुस्तिका के अपलोड होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने तत्कालीन चैयरमेन शिवसिंह राठौड़ को लिखित में शिकायत दी कि उनकी कॉपियों को दोबारा जांचा जाए. इस पर शिवसिंह राठौड़ ने दोबारा उनकी कॉपियों की जांच करवाई और इस तरह से उन्हें आरएएस बनाया गया.
इन अभ्यर्थियों के बढ़े अंक
- रोल नंबर 216947 के प्रथम पेपर में अंक बढ़ाए गए.
- रोल नंबर 210130 के चतुर्थ पेपर में अंक बढ़ाए गए.
- रोल नंबर 220013 चतुर्थ पेपर में अंक बढ़ाए गए.
आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा में बढ़े इनके अंक
- रोल नंबर 812900 के चतुर्थ पेपर में अंक बढ़ाए गए.
- रोल नंबर 803064 के तृतीय पेपर में अंक बढ़ाए गए.
- रोल नंबर 810910 चतुर्थ पेपर में अंक बढ़ाए गए.
- रोल नंबर 804088 प्रथम पेपर में अंक बढ़ाए गए.
- रोल नंबर 800513 द्वितीय पेपर में अंक बढ़ाए गए.
आरएएस 2021 की मुख्य परीक्षा में बढ़े इनके अंक
- रोल नंबर 905091 के द्वितीय पेपर में अंक बढ़ाए गए.
- रोल नंबर 917921 के तृतीय पेपर में अंक बढ़ाए गए.
- रोल नंबर 908633 के द्वितीय पेपर में अंक बढ़ाए गए.