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सर्दी-गर्मी से मौत पर मुआवजे का प्रावधान नहीं, नियमों में बदलाव के लिए केंद्र को लिखेंगे पत्र : मंत्री किरोड़ी लाल - Controversy on Death

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 31, 2024, 5:30 PM IST

Heat Wave in Rajasthan, राजस्थान में हीट वेव से मौत और मुआवजे को लेकर सियासी बयानबाजी के बीच अब भजनलाल सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस पर केंद्र सरकार से पत्राचार करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि तेज सर्दी या तेज गर्मी प्राकृतिक आपदा है, लेकिन इनसे मौत होने पर अभी मुआवजे का प्रावधान नहीं है.

Minister Kirodi Lal Meena
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (ETV Bharat Jaipur)
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का बड़ा बयान (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान में हीट वेव से मौत के आंकड़ों और मुआवजे को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी के बीच अब भजनलाल सरकार के आपदा राहत मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि तेज सर्दी और तेज गर्मी व हीट वेव प्राकृतिक आपदा है, लेकिन अभी जो नियम हैं. उनमें हीट वेव या तेज सर्दी के कारण मौत पर मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है. उन्होंने यह भी कहा है कि इस संबंध में वे आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलेंगे और केंद्र सरकार से पत्राचार की मांग करेंगे, ताकि आपदा राहत के नियमों में संशोधन किया जा सके और हीट वेव से मौत के मामलों में मुआवजा दिया जा सके.

सचिवालय में शुक्रवार को पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने यह बात कही है. हालांकि, राजस्थान हाईकोर्ट में स्व-प्रसंज्ञान लेकर सरकार को हीट वेव से होने वाली मौतों पर मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं. इधर, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया है कि हीट वेव से मौत पर मुआवजा देने के हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार मौत के आंकड़े छिपाने में लगी है.

पढ़ें : सीपी जोशी बोले- गहलोत को खुद के अलावा सभी नकारा-निकम्मा दिखाई देते हैं, जालोर-सिरोही में हो जाएगी योग्यता की परख - CP Joshi On Ashok Gehlot

कड़ाके की सर्दी और हीट वेव प्राकृतिक आपदा : किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मेरी मान्यता है कि कड़ाके की सर्दी और तेज गर्मी (हीट वेव) प्राकृतिक आपदा है. ऐसे में मुख्यमंत्री से मिलकर कहूंगा कि इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाए. इसे एसडीआरएफ की गाइडलाइन में शामिल कर लिया जाए, ताकि हीट वेव से मरने वालों को भी वैसे ही पैकेज दिया जा सके, जैसे अन्य प्राकृतिक आपदाओं में मिलता है. अभी इनमें कोई पैकेज नहीं मिलता है.

मनरेगा का समय बदला, रैन बसेरे की तर्ज पर हो इंतजाम : डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने यह भी कहा है कि भीषण गर्मी को देखते हुए हमने कुछ इंतजाम भी किए हैं. मनरेगा का समय बदला गया है. इसके साथ ही 70 फीसदी काम होने पर उसे 100 फीसदी मानते हुए पूरे काम का भुगतान करने का फैसला लिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि सर्दी ज्यादा होती है तो हम रैन बसेरे लगाते हैं. उसी तरह से छाया, टेंट, पानी और अन्य डिहाइड्रेशन दूर करने वाले तरल पदार्थ की व्यवस्था करने के भी वे पक्षधर हैं. इसे लेकर भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से बात करेंगे.

डोटासरा के बयान पर किया पलटवार : किरोड़ी मीणा ने कहा कि किसी की मौत होने पर पोस्टमार्टम किया जा रहा है. रिपोर्ट में कॉज ऑफ डेथ लिखा जा रहा है. अब इससे बड़ा न तो गोविंद डोटासरा हैं और न वे (किरोड़ी मीणा) खुद हैं. डॉक्टर अपनी रिपोर्ट में मौत का कारण लिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा अपने बयान में चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं, फिर भी हमने एडवाइजरी जारी की है, जिसे संभागीय आयुक्त और कलेक्टर्स को भेजा गया है. एडवाइजरी की पालना होगी तो सुरक्षित रहेंगे.

मौत के आंकड़ों को लेकर कही यह बात : हीट वेव से मौत के आंकड़ों को लेकर गफलत के सवाल पर उन्होंने कहा कि मौत के आंकड़ों को लेकर कोई गफलत नहीं है. जिनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हीट वेव से मौत सामने आ रही है, उसे ही हीटवेव से मौत माना जा रहा है. इसे छुपाने का कोई मतलब नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि कई बार लोग पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी नहीं होते. ऐसे में मौत का कारण सामने नहीं आ पाता है. उन्होंने यह भी कहा कि हम चिकित्सा विभाग से ही आंकड़े इकठ्ठा करते हैं और वही वास्तविक आंकड़ा है.

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का बड़ा बयान (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. राजस्थान में हीट वेव से मौत के आंकड़ों और मुआवजे को लेकर सियासी आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी के बीच अब भजनलाल सरकार के आपदा राहत मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि तेज सर्दी और तेज गर्मी व हीट वेव प्राकृतिक आपदा है, लेकिन अभी जो नियम हैं. उनमें हीट वेव या तेज सर्दी के कारण मौत पर मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है. उन्होंने यह भी कहा है कि इस संबंध में वे आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलेंगे और केंद्र सरकार से पत्राचार की मांग करेंगे, ताकि आपदा राहत के नियमों में संशोधन किया जा सके और हीट वेव से मौत के मामलों में मुआवजा दिया जा सके.

सचिवालय में शुक्रवार को पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने यह बात कही है. हालांकि, राजस्थान हाईकोर्ट में स्व-प्रसंज्ञान लेकर सरकार को हीट वेव से होने वाली मौतों पर मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं. इधर, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया है कि हीट वेव से मौत पर मुआवजा देने के हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार मौत के आंकड़े छिपाने में लगी है.

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कड़ाके की सर्दी और हीट वेव प्राकृतिक आपदा : किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मेरी मान्यता है कि कड़ाके की सर्दी और तेज गर्मी (हीट वेव) प्राकृतिक आपदा है. ऐसे में मुख्यमंत्री से मिलकर कहूंगा कि इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाए. इसे एसडीआरएफ की गाइडलाइन में शामिल कर लिया जाए, ताकि हीट वेव से मरने वालों को भी वैसे ही पैकेज दिया जा सके, जैसे अन्य प्राकृतिक आपदाओं में मिलता है. अभी इनमें कोई पैकेज नहीं मिलता है.

मनरेगा का समय बदला, रैन बसेरे की तर्ज पर हो इंतजाम : डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने यह भी कहा है कि भीषण गर्मी को देखते हुए हमने कुछ इंतजाम भी किए हैं. मनरेगा का समय बदला गया है. इसके साथ ही 70 फीसदी काम होने पर उसे 100 फीसदी मानते हुए पूरे काम का भुगतान करने का फैसला लिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि सर्दी ज्यादा होती है तो हम रैन बसेरे लगाते हैं. उसी तरह से छाया, टेंट, पानी और अन्य डिहाइड्रेशन दूर करने वाले तरल पदार्थ की व्यवस्था करने के भी वे पक्षधर हैं. इसे लेकर भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से बात करेंगे.

डोटासरा के बयान पर किया पलटवार : किरोड़ी मीणा ने कहा कि किसी की मौत होने पर पोस्टमार्टम किया जा रहा है. रिपोर्ट में कॉज ऑफ डेथ लिखा जा रहा है. अब इससे बड़ा न तो गोविंद डोटासरा हैं और न वे (किरोड़ी मीणा) खुद हैं. डॉक्टर अपनी रिपोर्ट में मौत का कारण लिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा अपने बयान में चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं, फिर भी हमने एडवाइजरी जारी की है, जिसे संभागीय आयुक्त और कलेक्टर्स को भेजा गया है. एडवाइजरी की पालना होगी तो सुरक्षित रहेंगे.

मौत के आंकड़ों को लेकर कही यह बात : हीट वेव से मौत के आंकड़ों को लेकर गफलत के सवाल पर उन्होंने कहा कि मौत के आंकड़ों को लेकर कोई गफलत नहीं है. जिनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हीट वेव से मौत सामने आ रही है, उसे ही हीटवेव से मौत माना जा रहा है. इसे छुपाने का कोई मतलब नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि कई बार लोग पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी नहीं होते. ऐसे में मौत का कारण सामने नहीं आ पाता है. उन्होंने यह भी कहा कि हम चिकित्सा विभाग से ही आंकड़े इकठ्ठा करते हैं और वही वास्तविक आंकड़ा है.

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