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आर्थिक संकट पर बोले CM सुक्खू के मंत्री, "शराब के ठेकों से जुटाए ₹485 करोड़, नहीं है दिवालियापन" - Himachal economic crisis

Himachal economic crisis: हिमाचल प्रदेश पर आर्थिक संकट को लेकर सुक्खू सरकार में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान का बयान आया है. उन्होंने प्रदेश में पैदा हो रहे आर्थिक संकट को लेकर केंद्र सरकार को जिम्मेवार बताया है. डिटेल में पढ़ें खबर...

हर्षवर्धन चौहान, उद्योग मंत्री
हर्षवर्धन चौहान, उद्योग मंत्री (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 31, 2024, 6:10 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है लेकिन ऐसा नहीं है कि प्रदेश में दिवालियापन है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने यह जानकारी दी है. प्रदेश सरकार कर्मचारियों को समय पर वेतन और पेंशन दे रही है. विकास कार्यों के लिए पैसा दिया जा रहा है. प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं और इसको लेकर कड़े फैसले लिए जा रहे हैं.

हर्षवर्धन चौहान, उद्योग मंत्री (ETV Bharat)

उद्योग मंत्री ने कहा "हमारी सरकारी ने बीते डेढ़ साल में शराब के ठेकों से 485 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट किया है. सीएम ने सभी विभागों से रेवेन्यू जनरेट करने को कहा और फालतू के खर्च बंद करने की बात कही है."

केंद्र सरकार से नहीं मिल रही मदद

उद्योग मंत्री ने कहा "केंद्र सरकार से जो जीएसटी 5000 करोड़ रुपये मिलता था वो साल 2022 में मिलना बंद हो गया है. इसके अलावा केंद्र सरकार से जो ग्रांट मिलती थी वो भी कम कर दी गई है. इसकी वजह से प्रदेश में आर्थिक संकट पैदा हुआ है."

बता दें कि इन दिनों हिमाचल प्रदेश का मानसून सत्र चल रहा है. प्रदेश पर बढ़ते कर्ज को लेकर पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप की जंग छिड़ी हुई है. इस बीच मानसून सेशन में कर्ज को लेकर एक जानकारी सामने आई है. हिमाचल सरकार ने 15 दिसंबर 2022 से लेकर 31 जुलाई 2024 तक कुल 21366 करोड़ रुपये का लोन लिया है. वहीं, प्रदेश सरकार के कर्मचारियों ने भी लंबित डीए और एरियर को लेकर मोर्चा खोल दिया है जिससे सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं.

ये भी पढ़ें: कर्मचारियों के डीए और एरियर को बहाने, लेकिन सुख की सरकार में अपनों के लिए खुला खजाने का मुख

ये भी पढ़ें: डिपुओं में कल से मिलेगा महंगा राशन, APL और BPL परिवारों की अब इतनी होगी जेब ढीली

शिमला: हिमाचल प्रदेश आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है लेकिन ऐसा नहीं है कि प्रदेश में दिवालियापन है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने यह जानकारी दी है. प्रदेश सरकार कर्मचारियों को समय पर वेतन और पेंशन दे रही है. विकास कार्यों के लिए पैसा दिया जा रहा है. प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं और इसको लेकर कड़े फैसले लिए जा रहे हैं.

हर्षवर्धन चौहान, उद्योग मंत्री (ETV Bharat)

उद्योग मंत्री ने कहा "हमारी सरकारी ने बीते डेढ़ साल में शराब के ठेकों से 485 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट किया है. सीएम ने सभी विभागों से रेवेन्यू जनरेट करने को कहा और फालतू के खर्च बंद करने की बात कही है."

केंद्र सरकार से नहीं मिल रही मदद

उद्योग मंत्री ने कहा "केंद्र सरकार से जो जीएसटी 5000 करोड़ रुपये मिलता था वो साल 2022 में मिलना बंद हो गया है. इसके अलावा केंद्र सरकार से जो ग्रांट मिलती थी वो भी कम कर दी गई है. इसकी वजह से प्रदेश में आर्थिक संकट पैदा हुआ है."

बता दें कि इन दिनों हिमाचल प्रदेश का मानसून सत्र चल रहा है. प्रदेश पर बढ़ते कर्ज को लेकर पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप की जंग छिड़ी हुई है. इस बीच मानसून सेशन में कर्ज को लेकर एक जानकारी सामने आई है. हिमाचल सरकार ने 15 दिसंबर 2022 से लेकर 31 जुलाई 2024 तक कुल 21366 करोड़ रुपये का लोन लिया है. वहीं, प्रदेश सरकार के कर्मचारियों ने भी लंबित डीए और एरियर को लेकर मोर्चा खोल दिया है जिससे सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं.

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