नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है. उनका यह दूसरा पत्र है. उन्होंने लिखा है कि असंवेदनशीलता और गंभीरता की कमी दिखाते हुए मंत्रियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अपने मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठकों में भाग लेने से इनकार कर दिया है.
केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में लिखा है कि जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन पर्यावरण और वन आदि विभागों से संबंधित दिल्ली सरकार के मंत्रियों की एक बैठक बुलाने का फैसला किया था. अब तक दो बार 29 मार्च और 02 अप्रैल को मंत्रियों के साथ बैठक के लिए बुलाया था. 'इस तरह का परामर्श और चर्चा आवश्यक थी ताकि मुख्यमंत्री केजरीवाल की हिरासत के चलते शासन के नियमित कार्यों में बाधा न आए, लेकिन मंत्रियों ने मॉडल कोड के विशेष आधार पर उनके निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया.
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिया जवाबः
"जब हम एलजी साहब से अपनी परेशानियां बताते हैं, तब वो कहते हैं कि ये तो स्थानांतरित विषय है, मेरे अधीन नहीं है, तो मैं क्या करूं? अब एलजी साहब राज्य सरकार को स्थानांतरित विषयों पर मंत्रियों की मीटिंग किस अधिकार से बुला रहे हैं? अगर एलजी साहब को सरकार चलाने का इतना ही शौक है तो वो भी चुनाव जीत कर आएं और सरकार चलाएं. बिल्ली के भाग्य से छींका नहीं टूटता है. एलजी को थोड़ा संविधान को भी समझना चाहिए. एलजी साहब पानी, स्वास्थ्य, पर्यावरण और वन की बात कर रहे हैं. ये सारे ट्रांसफर सब्जेक्ट (राज्य सरकार को स्थानांतरित विषय) हैं. ये सारे विषय चुनी हुई सरकार के अधीन आते हैं. संविधान के कौन से अनुच्छेद ने एलजी साहब को यह शक्ति दे दिया है कि वो चुने हुए मंत्रियों को बुलाकर इस पर आदेश दे सकते हैं. यह एलजी साहब को बताना चाहिए." -सौरभ भारद्वाज, स्वास्थ्य मंत्री
LG ने पत्र में आगे लिखा है, 'गोपाल राय, कैलाश गहलोत, आतिशी और सौरभ भारद्वाज को दो अप्रैल को बैठक के लिए सूचना भेजी गई थी. लेकिन सभी मंत्रियों ने ईमेल के माध्यम से उक्त बैठक में शामिल होने से इस विशेष आधार पर इनकार कर दिया कि आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए इस स्तर पर ऐसी बैठक उचित नहीं होगी.'
ये भी पढ़ें : केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देनेवाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में फैसला कल
उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा केंद्रीय गृह सचिव को भेजा गया यह पत्र इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि 4 अप्रैल को सौरभ भारद्वाज ने LG की बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था, उन्हें एक नोट लिखकर डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान में बुनियादी चिकित्सा आपूर्ति की गंभीर कमी पर प्रकाश डाला था. जबकि, अगले ही दिन LG ने स्वास्थ्य सेवा वितरण के 'दिल्ली मॉडल' की 'बिगड़ती' स्थिति के बारे में गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसकी तुलना 'जीवन रक्षक वेंटिलेटर' से की. उपराज्यपाल ने सौरभ भारद्वाज को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल मुद्दों पर चर्चा के लिए उनके निमंत्रण की अवहेलना करने की याद दिलाई थी और जिम्मेदारी से बचने और भ्रामक कथाओं का प्रचार करने की उनकी प्रवृत्ति की आलोचना की थी.
ये भी पढ़ें : AAP ने की 'जेल का जवाब वोट से' अभियान की शुरुआत, कहा- केजरीवाल के संघर्ष को बनाना है जन अभियान