लखनऊ : पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने मंगलवार को विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निराश्रित गोवंश को गो आश्रय स्थल तक पहुंचाने, बरसात से बचाव के लिए गोशालाओं की सुविधाओं, कब्जा मुक्त गोचर भूमि, हरा चारा उत्पादन और वृहद गोसंरक्षण केंद्रों के निर्माण कार्य के संबंध में समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश को हरे चारे की उपलब्धता के लिए चारा नीति के अंतर्गत परती/गोचर भूमि पर हरा चारा उत्पादन को प्राथमिकता दी जाए. 20 हजार हेक्टेअर क्षेत्रफल में हरा चारा बुआने का कार्य अभियान के रूप में 15 अगस्त तक पूरा कराया जाए.
उन्होंने कहा कि सभी जिलों में भूसा, हरा चारा और दाना की उपलब्धता की जांच की जाए. किसी भी गोआश्रय स्थल पर गोवंश भूखे न रहें इस पर विशेष ध्यान दिया जाए. प्रत्येक गोआश्रय स्थल पर ताजे पानी की व्यवस्था हो. अधिकारी निर्धारित प्रारूप पर भ्रमण रिपोर्ट प्रस्तुत करें. जिन गोआश्रय स्थलों में पानी भराव की समस्या है उनमें सोलिंग करवाई जाए जिससे गोवंश उस पर खड़ी हो सके. सड़कों पर घूम रहे गोवंश को प्राथमिकता के आधार पर गोआश्रय में संरक्षित करवाया जाए.
उन्होंने कहा कि पशुधन की ईयर टैगिंग को अनिवार्य बनाया जाए और कड़ाई से अनुपालन करवाया जाए. गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश को वर्षा से बचाव के लिए प्रबन्ध किया जाए. संचारी रोगों से बचाव के लिए प्रबन्धन वैक्सीन और औषधियों की कमी न होने दें. गोआश्रय स्थलों में जलभराव की समस्या के निस्तारण के लिए समय से पूरे इंतजाम किए जाएं और संक्रामक रोगों से बचाव के लिए आवश्यक दवाइयों और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. बैठक में मंत्री ने अगले माह तीन अगस्त को बरेली के नौ बड़े गो-संरक्षण केंद्रों के लोकार्पण की सहमति दी.
प्रमुख सचिव रविन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्षा ऋतु में संक्रामक रोगों के दृष्टिगत वैक्सीनेशन कार्य किया जाए और ईयर टैगिंग में तेजी लाई जाए. पशुधन पोर्टल पर अपलोड भी किया जाए. टैंगिंग कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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