उदयपुर. उदयपुर संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. मन्नालाल रावत ने जनसपंर्क अभियान के तहत शुक्रवार को आसपुर विधानसभा क्षेत्र में बैठक की. इस दौरान उनके साथ राज्य के जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी भी मौजूद रहे, जिन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बाप के नेता कहते हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं है, जबकि आदिवासी समाज शुरू से ही सनातन धर्म को मानने वाला है. यदि आदिवासी हिंदू नहीं हैं तो बांसवाड़ा सीट से बाप के प्रत्याशी व चौरासी के विधायक राजकुमार रोत के पिता का नाम शंकर व माता का नाम पार्वती कैसे है.
मंत्री ने बोला हमला : मंत्री खराड़ी ने कहा कि केवल अपने सियासी स्वार्थ सिद्धि के लिए बाप के नेता बेबुनियादी बातें कर रहे हैं. वो अपने ही पूर्वजों व आदिवासी संस्कृति पर सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं, बैठक को संबोधित करते हुए राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने कहा कि इस क्षेत्र के विकास व स्थानीय आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने में भाजपा की सरकारों का बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार ने जनजाति विकास मंत्रालय का गठन किया था. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत ने आदिवासियों को कुर्सी पर बैठने का अधिकार दिया. उन्हीं की बदौलत आज इस जनजाति बाहुल्य टीएसपी क्षेत्र में सरपंच, प्रधान, जिला प्रमुख, विधायक व सांसद की कुर्सी पर आदिवासी बैठा है.
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जनजाति संस्कृति बचाने का लिया संकल्प : भाजपा प्रत्याशी डॉ. मन्नालाल रावत ने शुक्रवार को जनसंपर्क अभियान के दौरान जनजाति अस्मिता व विकास विषय पर आयोजित बैठक में जनजाति समाज के युवाओं के साथ संवाद किया. इस दौरान बैठक में उपस्थित सैंकड़ों युवाओं ने जनजाति संस्कृति बचाने का संकल्प लिया. वरिष्ठ चिंतक व विचारक रामचंद्र खराड़ी, कॉलेज शिक्षा से सेवानिवृत्त रामलाल गरासिया, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सुंदरलाल, समाजसेवी बंशी कटारा सहित क्षेत्र के अन्य वरिष्ठजन इस बैठक में मौजूद रहे.