ETV Bharat / state

'कोटे में कोटा..हमारे नेता ने तो 10 साल पहले ही कर दिया था' सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मंत्री अशोक चौधरी का बयान - Ashok Choudhary

Ashok Choudhary: सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति-जनजाति कैटेगरी के लिए सब-कैटेगरी को मान्यता देने के फैसले के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. अब राज्य सरकारें समाज के सबसे पिछड़े और जरूरतमंद लोगों को पहले से मौजूद आरक्षण में से कोटा दे सकेगी. इसको लेकर अशोक चौधरी ने कहा कि सब कास्ट को लेकर हमारे नेता नीतीश कुमार ने 10 साल पहले ही काम कर दिया था.

कोटे में कोटा पर अशोक चौधरी का बयान
कोटे में कोटा पर अशोक चौधरी का बयान (Photo Credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 2, 2024, 2:33 PM IST

बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी (Video Credit: ETV Bharat)

पटना: सुप्रीम कोर्ट ने शेड्यूल कास्ट आरक्षण को लेकर जो फैसला दिया है उसको लेकर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि 540 पेज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला है. अशोक चौधरी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर आज पार्टी कार्यालय पहुंचे थे. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि फैसले को पूरी तरह से पढ़ने के बाद ही इसके बारे में सही कुछ कहा जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोले अशोक चौधरी: अशोक चौधरी ने कहा कि सब कास्ट बनाने की जहां तक बात है, हमारे नेता ने 10 साल पहले ही महादलित बनाकर यह काम कर दिया था. अशोक चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में शेड्यूल कास्ट के जज को लेकर भी सवाल खड़ा किया और कहा 77 साल में केवल 7 ही जज क्यों बने हैं, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए. अशोक चौधरी ने कहा जहां तक शेड्यूल कास्ट में क्रीमी लेयर की बात है तो उस पर बहस हुआ ही नहीं है.

"हमारे नेता ने महादलित बनाकर वह काम 10 साल पहले कर दिया था. इसलिए फैसले का हम लोग स्वागत करते हैं. लेकिन पूरा फैसला जब तक पढ़ा नहीं जाएगा तब तक सही-सही बताना मुश्किल है. जब 540 पेज के फैसले को पढ़कर जो एक्सपर्ट है इस बारे में राय दे देंगे तो पार्टी की तरफ से आप लोगों को पूरी जानकारी दी जाएगी."- अशोक चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री, बिहार

'सुप्रीम कोर्ट में 77 साल में 7 जज ही क्यों?': अशोक चौधरी ने कहा कि शेड्यूल कास्ट को जो आरक्षण दिया गया था वह कभी सोशल और इकोनामिक था ही नहीं, अनटचेबिलिटी के लिए दिया गया था. पहले 10 साल के लिए दिया गया और वह बढ़ता रहा है फैसला तो अब सरकार को लेना है, लेकिन जब एक घर की चर्चा होगी तो एक रूम के बारे में फैसला नहीं होगा. जब आरक्षण की चर्चा होगी तो हर चीज पर चर्चा होगी. अशोक चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 77 साल में केवल 7 शेड्यूल कास्ट के जज ही क्यों बने हैं? क्या शेड्यूल कास्ट में लोग जज बनने के लिए काबिल नहीं है?

राजनीतिक गलियारों में एससी एसटी आरक्षण: आरक्षण को लेकर लगातार पूरे देश में सियासत हो रहा है. बिहार में भी 65 प्रतिशत आरक्षण को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में है और अब शेड्यूल कास्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का जो बड़ा फैसला आया है उससे राजनीतिक गलियारों में राजनीतिक दल नफा नुकसान का समीकरण देखने में लगे हैं.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति कैटेगरी के लिए सब-कैटेगरी को मान्यता दी है. इसके साथ ही अब राज्य सरकारें समाज के सबसे पिछड़े और जरूरतमंद लोगों को पहले से मौजूद कोटे में से कोटा दे सकती है. इसके जरिए रिजर्वेशन का लाभ समाज के सबसे पिछड़े और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जाती है. इसका मकसद रिजर्वेश पाने वाले बड़े समूहों के भीतर छोटे, कमजोर वर्गों को आरक्षण देकर उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना है.

ये भी पढ़ें- SC-ST आरक्षण पर ऐतिहासिक फैसला, कोटे के भीतर कोटा, जानिए किन लोगों को मिलेगा फायदा ? - Sub Category For Reservation

बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी (Video Credit: ETV Bharat)

पटना: सुप्रीम कोर्ट ने शेड्यूल कास्ट आरक्षण को लेकर जो फैसला दिया है उसको लेकर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि 540 पेज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला है. अशोक चौधरी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर आज पार्टी कार्यालय पहुंचे थे. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि फैसले को पूरी तरह से पढ़ने के बाद ही इसके बारे में सही कुछ कहा जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोले अशोक चौधरी: अशोक चौधरी ने कहा कि सब कास्ट बनाने की जहां तक बात है, हमारे नेता ने 10 साल पहले ही महादलित बनाकर यह काम कर दिया था. अशोक चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में शेड्यूल कास्ट के जज को लेकर भी सवाल खड़ा किया और कहा 77 साल में केवल 7 ही जज क्यों बने हैं, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए. अशोक चौधरी ने कहा जहां तक शेड्यूल कास्ट में क्रीमी लेयर की बात है तो उस पर बहस हुआ ही नहीं है.

"हमारे नेता ने महादलित बनाकर वह काम 10 साल पहले कर दिया था. इसलिए फैसले का हम लोग स्वागत करते हैं. लेकिन पूरा फैसला जब तक पढ़ा नहीं जाएगा तब तक सही-सही बताना मुश्किल है. जब 540 पेज के फैसले को पढ़कर जो एक्सपर्ट है इस बारे में राय दे देंगे तो पार्टी की तरफ से आप लोगों को पूरी जानकारी दी जाएगी."- अशोक चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री, बिहार

'सुप्रीम कोर्ट में 77 साल में 7 जज ही क्यों?': अशोक चौधरी ने कहा कि शेड्यूल कास्ट को जो आरक्षण दिया गया था वह कभी सोशल और इकोनामिक था ही नहीं, अनटचेबिलिटी के लिए दिया गया था. पहले 10 साल के लिए दिया गया और वह बढ़ता रहा है फैसला तो अब सरकार को लेना है, लेकिन जब एक घर की चर्चा होगी तो एक रूम के बारे में फैसला नहीं होगा. जब आरक्षण की चर्चा होगी तो हर चीज पर चर्चा होगी. अशोक चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 77 साल में केवल 7 शेड्यूल कास्ट के जज ही क्यों बने हैं? क्या शेड्यूल कास्ट में लोग जज बनने के लिए काबिल नहीं है?

राजनीतिक गलियारों में एससी एसटी आरक्षण: आरक्षण को लेकर लगातार पूरे देश में सियासत हो रहा है. बिहार में भी 65 प्रतिशत आरक्षण को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में है और अब शेड्यूल कास्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का जो बड़ा फैसला आया है उससे राजनीतिक गलियारों में राजनीतिक दल नफा नुकसान का समीकरण देखने में लगे हैं.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति कैटेगरी के लिए सब-कैटेगरी को मान्यता दी है. इसके साथ ही अब राज्य सरकारें समाज के सबसे पिछड़े और जरूरतमंद लोगों को पहले से मौजूद कोटे में से कोटा दे सकती है. इसके जरिए रिजर्वेशन का लाभ समाज के सबसे पिछड़े और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जाती है. इसका मकसद रिजर्वेश पाने वाले बड़े समूहों के भीतर छोटे, कमजोर वर्गों को आरक्षण देकर उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना है.

ये भी पढ़ें- SC-ST आरक्षण पर ऐतिहासिक फैसला, कोटे के भीतर कोटा, जानिए किन लोगों को मिलेगा फायदा ? - Sub Category For Reservation

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.