लखनऊ : यूपी में हुए खनन घोटाले के मामले में गुरुवार को सीबीआई के सामने पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पेश नहीं होंगे. सीबीआई ने अखिलेश यादव को बतौर गवाह पेश होने के लिए दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय में पेश होने के लिए तलब किया था. सपा सरकार में प्रदेश के हमीरपुर समेत कई जिलों में हुए खनन घोटाले की सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई ने 21 फरवरी को अखिलेश यादव को नोटिस जारी करते हुए 29 फरवरी को सीबीआई मुख्यालय में बतौर गवाह तलब किया था. वहीं सपा मुखिया ने सीबीआई को जबाब भेजा है.
अखिलेश सरकार के दौरान हमीरपुर में हुए अवैध खनन को लेकर विजय द्विवेदी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने खदानों पर रोक लगा दी थी, बावजूद इसके अवैध खनन होता रहा. 28 जुलाई 2016 को कई शिकायतों व याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी. इसके बाद 30 जून 2017 को सीबीआई ने इस मामले में पहली एफआईआर दर्ज कराई थी. जिस वक्त यह घोटाला हुआ उस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास खनन मंत्रालय था. इसके बाद यह मंत्रालय गायत्री प्रसाद प्रजापति को भी दे दिया गया था.
इतना ही नहीं अवैध खनन होने के दौरान हमीरपुर में डीएम रहे तीन आईएएस अफसरों बी. चंद्र कला, संध्या तिवारी, भवनाथ से भी सीबीआई ने पूछताछ की थी. सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान पाया कि न सिर्फ हमीरपुर बल्कि फतेहपुर, सहारनपुर, कौशांबी, शामली, देवरिया और सिद्धार्थनगर में भी खनन घोटाला हुआ था. ऐसे में इन जिलों में भी तैनात रहे जिलाधिकारियों के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी. इसमें एजेंसी को करोड़ों रुपये बरामद हुए थे.
सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले में अपनी जांच कर रही है और पूर्व खनन मंत्री व घोटाले के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति की करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुकी है. वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीबीआई को लिखित जवाब भेजा है. कहा है कि 5 साल तक कोई जानकारी क्यों नहीं मांगी गई. दिल्ली आने में असमर्थ हूं, वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हो सकता हूं.
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