ETV Bharat / state

मनरेगा से भी कम मिलता है मानदेय, कुक कम हेल्परों की मांग पहुंची शिक्षा मंदिर - Cook Cum Helper Wages

author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 13, 2024, 10:03 PM IST

Employment in Rajasthan, प्रदेश के सरकारी स्कूलों की रसोइयों में छात्रों के लिए मिड डे मील बना रहे कुक कम हेल्पर को एक मनरेगा कर्मी से भी कम मानदेय मिल रहा है. ऐसे में अब राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत ने कुक कम हेल्पर के लिए आवाज उठाते हुए मानदेय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की है. इसके लिए सितंबर में आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

Mid Day Meal in Rajasthan
छात्रों को मिड डे मील (ETV Bharat Jaipur)
डॉ. रनजीत मीणा, महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान में सरकारी स्कूलों में पहली से 8वीं तक के छात्रों को मिड डे मील दिया जाता है. इस भोजन को पकाने के लिए स्कूलों में कुक कम हेल्पर कार्यरत हैं, जिन्हें हर महीने मानदेय मिलता है. 50 छात्रों पर एक कुक कम हेल्पर की नियुक्ति होती है. जयपुर जिले में करीब 10 हजार कुक कम हेल्पर हैं. जबकि प्रदेश में करीब 1 लाख 20 हजार हैं.

हाल ही में राज्य सरकार ने इनके मानदेय में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की. ऐसे में अब इनको प्रति माह 2143 रुपये मिल रहे हैं, लेकिन ये मानदेय भी एक मनरेगा कर्मी से कम है. जिस पर राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत ने सवाल उठाया है. संघ के प्रदेश महामंत्री डॉ. रनजीत मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से कुक कम हेल्पर के मानदेय को बढ़ाने की मांग की है. बता दें कि कुक कम हेल्पर को 10% मानदेय बढ़ोतरी से पहले 2003 रुपये प्रति माह मिला करते थे. जबकि मनरेगा कर्मी को 100 दिन रोजगार के तहत 266 रुपये प्रति हाजिरी (काम के अनुसार) मानदेय मिलता है.

पढ़ें : मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षु डॉक्टरों को पांच माह से नहीं मिला मानदेय,हड़ताल पर रहे, प्रदर्शन किया - intern doctors on strike in barmer

डॉ. रनजीत मीणा ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान के सभी राजकीय विद्यालयों में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों के लिए मिड डे मील बनाने के लिए कुक कम हेल्पर कार्यरत हैं, जिन्हें मासिक 2143 रुपये मानदेय मिलता है, जो जीवनयापन के लिए बहुत कम है और न्यूनतम मजदूरी से भी कम है. कई स्कूलों में तो कुक कम हेल्पर विद्यालय में अपने कार्य के साथ-साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का कार्य भी कर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें विद्यालय समय तक रुकना पड़ता है. लेकिन इसका अतिरिक्त कोई पारिश्रमिक नहीं मिलता है. ऐसे में महंगाई को देखते हुए इनके मानदेय को कम से कम 8 हजार रुपये मासिक किया जाए. वहीं, यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो सितम्बर में आंदोलन किया जाएगा.

कुक कम हेल्पर पहुंचे शिक्षा मंत्री के द्वार, दिलावर ने दिखाई दरियादिली : हालांकि, इस संबंध में प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कुक कम हेल्पर के मानदेय का प्रकरण उनके संज्ञान में है. इस संबंध में अधिकारियों को मानदेय रिवाइज करने के निर्देश भी दिए हैं. साथ ही स्पष्ट किया है कि कुक कम हेल्पर को घर गृहस्थी चलाने लायक मानदेय तो मिले.

डॉ. रनजीत मीणा, महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान में सरकारी स्कूलों में पहली से 8वीं तक के छात्रों को मिड डे मील दिया जाता है. इस भोजन को पकाने के लिए स्कूलों में कुक कम हेल्पर कार्यरत हैं, जिन्हें हर महीने मानदेय मिलता है. 50 छात्रों पर एक कुक कम हेल्पर की नियुक्ति होती है. जयपुर जिले में करीब 10 हजार कुक कम हेल्पर हैं. जबकि प्रदेश में करीब 1 लाख 20 हजार हैं.

हाल ही में राज्य सरकार ने इनके मानदेय में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की. ऐसे में अब इनको प्रति माह 2143 रुपये मिल रहे हैं, लेकिन ये मानदेय भी एक मनरेगा कर्मी से कम है. जिस पर राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत ने सवाल उठाया है. संघ के प्रदेश महामंत्री डॉ. रनजीत मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से कुक कम हेल्पर के मानदेय को बढ़ाने की मांग की है. बता दें कि कुक कम हेल्पर को 10% मानदेय बढ़ोतरी से पहले 2003 रुपये प्रति माह मिला करते थे. जबकि मनरेगा कर्मी को 100 दिन रोजगार के तहत 266 रुपये प्रति हाजिरी (काम के अनुसार) मानदेय मिलता है.

पढ़ें : मेडिकल कॉलेज के प्रशिक्षु डॉक्टरों को पांच माह से नहीं मिला मानदेय,हड़ताल पर रहे, प्रदर्शन किया - intern doctors on strike in barmer

डॉ. रनजीत मीणा ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान के सभी राजकीय विद्यालयों में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों के लिए मिड डे मील बनाने के लिए कुक कम हेल्पर कार्यरत हैं, जिन्हें मासिक 2143 रुपये मानदेय मिलता है, जो जीवनयापन के लिए बहुत कम है और न्यूनतम मजदूरी से भी कम है. कई स्कूलों में तो कुक कम हेल्पर विद्यालय में अपने कार्य के साथ-साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का कार्य भी कर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें विद्यालय समय तक रुकना पड़ता है. लेकिन इसका अतिरिक्त कोई पारिश्रमिक नहीं मिलता है. ऐसे में महंगाई को देखते हुए इनके मानदेय को कम से कम 8 हजार रुपये मासिक किया जाए. वहीं, यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो सितम्बर में आंदोलन किया जाएगा.

कुक कम हेल्पर पहुंचे शिक्षा मंत्री के द्वार, दिलावर ने दिखाई दरियादिली : हालांकि, इस संबंध में प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कुक कम हेल्पर के मानदेय का प्रकरण उनके संज्ञान में है. इस संबंध में अधिकारियों को मानदेय रिवाइज करने के निर्देश भी दिए हैं. साथ ही स्पष्ट किया है कि कुक कम हेल्पर को घर गृहस्थी चलाने लायक मानदेय तो मिले.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.