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गाजियाबाद से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक रैपिड रेल के ट्रैक पर दौड़ेगी मेट्रो, यात्रा होगी सुगम

Rapid rail from Ghaziabad to Noida: जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को हाईस्पीड कनेक्टिविटी देने के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के गाजियाबाद स्टेशन से प्रस्तावित रैपिड रेल के ट्रैक पर मेट्रो भी दौड़ाने की तैयारी है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से..

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 24, 2024, 1:30 PM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के जेवर में बना रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए रैपिड रेल कॉरिडोर बनने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यातायात में बड़ा बदलाव आने वाला है. गाजियाबाद से जेवर तक 72 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर, रैपिड रेल और मेट्रो एक साथ दौड़ेंगे. रैपिड रेल के रूप में यहां नमो भारत रेल लोगों की यात्रा को सुगम बनाएगी. इससे यात्रा में लगने वाले समय में काफी कमी आएगी. इस परियोजना का निर्माण 2031 तक पूरा हो जाएगा.

इस मार्ग पर चलने वाली नमो भारत रेल और मेट्रो का संचालन नोएडा कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) करेगी. एनसीआरटीसी ने यमुना प्राधिकरण में प्रस्तुति पेश कर आगामी 4 अप्रैल तक परियोजना की डीपीआर सौपने की बात कही है. इस योजना के पूरा होने पर आईजीआई एयरपोर्ट से सराय काले खां, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा होकर नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचा जा सकेगा. इस परियोजना के लिए गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक बनने वाला रेल कॉरिडोर पहले चरण में बनकर तैयार हो जाएगा.

पहले इसको दो चरणों में बनाने की योजना थी. इस कॉरिडोर पर नमो भारत रेल 120 से 140 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ेगी. कॉरिडोर पर कुल 25 स्टेशन बनाए जाएंगे. नमो भारत रैपिड रेल केवल 11 स्टेशनों पर रुकेगी, जबकि मेट्रो सभी 25 स्टेशनों पर रुक कर चलेगी. यानी हर दो मेट्रो स्टेशन के बाद नमो भारत रेल का स्टेशन बनेगा. हालांकि भविष्य में आने वाले समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इन स्टेशनों की यात्रा संख्या को बढ़ाकर 38 किया जा सकेगा.

गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट कॉरिडोर तक यह होंगे स्टेशन: इस कॉरिडोर पर बनने वाले 25 स्टेशनों में गाजियाबाद का सिद्धार्थ विहार, गाजियाबाद दक्षिण, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 16, गौर सिटी के पास, ग्रेटर नोएडा वेस्ट चार मूर्ति, ईकोटेक 12, ग्रेटर नोएडा वेस्ट सेक्टर 2, ग्रेटर नोएडा वेस्ट सेक्टर 3, ग्रेटर नोएडा वेस्ट सेक्टर 10, ग्रेटर नोएडा वेस्ट सेक्टर 12, नॉलेज पार्क 5, पुलिस लाइन सूरजपुर, सूरजपुर, मलकपुर, ईकोटेक 2, नॉलेज पार्क 3, सेक्टर गम्मा 1, परी चौक, सेक्टर ओमेगा 2, सेक्टर 53, इकोटेक, दनकौर, यीडा दक्षिण सेक्टर 18, यीडा सेक्टर 21 एवं 35 और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्टेशन शामिल होंगे.

आईजीआई एयरपोर्ट से 50 मिनट में तय होगा नोएडा एयरपोर्ट का सफर: बताया जा रहा है कि 72.5 किलोमीटर के इस ट्रैक को तैयार होने पर रैपिड रेल के माध्यम से नोएडा एयरपोर्ट से आईजीआई एयरपोर्ट तक का सफर 45 से 50 मिनट में तय हो सकेगा. सराय काले खा में इसका मेन जंक्शन तैयार हो रहा है. आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरने वाले किसी यात्री को जेवर में नोएडा एयरपोर्ट से दूसरी फ्लाइट लेनी होगी, तो वह आरटीएस से गाजियाबाद होते हुए रैपिड रेल से सीधे जेवर पहुंच सकेगा. एनसीआरटीसी ने इस सफर को 45 से 50 मिनट दूरी वाला रखने का टारगेट रखा है.

16 हजार करोड़ होंगे खर्च: जेवर के निर्माण नोएडा एयरपोर्ट पर करीब दस हजार से ज्यादा वर्कर अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहे हैं. अक्टूबर 2024 में एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो जाएगा और अप्रैल 2025 से इसका ट्रायल शुरू होने की तैयारी है. करीब 6 महीने तक लगातार ट्रायल चलेगा. इसमें एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी से लेकर एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने तक तैयार की जाएगी. इसके लिए कई प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, लेकिन हाई स्पीड कनेक्टिविटी के लिए रैपिड रेल का प्रोजेक्ट स्थापित करने का फैसला लिया गया था. अब इसी रैपिड रेल के ट्रैक पर मेट्रो का संचालन भी होगा, ताकि लोकल कनेक्टिविटी बेहतर हो सके. यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण सिंह ने बताया की डीपीआर बनने के बाद उसे शासन को भेजा जाएगा. करीब 16,000 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट इस ट्रैक को तैयार करने के लिए खर्च होने का अनुमान है.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के जेवर में बना रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए रैपिड रेल कॉरिडोर बनने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यातायात में बड़ा बदलाव आने वाला है. गाजियाबाद से जेवर तक 72 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर, रैपिड रेल और मेट्रो एक साथ दौड़ेंगे. रैपिड रेल के रूप में यहां नमो भारत रेल लोगों की यात्रा को सुगम बनाएगी. इससे यात्रा में लगने वाले समय में काफी कमी आएगी. इस परियोजना का निर्माण 2031 तक पूरा हो जाएगा.

इस मार्ग पर चलने वाली नमो भारत रेल और मेट्रो का संचालन नोएडा कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) करेगी. एनसीआरटीसी ने यमुना प्राधिकरण में प्रस्तुति पेश कर आगामी 4 अप्रैल तक परियोजना की डीपीआर सौपने की बात कही है. इस योजना के पूरा होने पर आईजीआई एयरपोर्ट से सराय काले खां, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा होकर नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचा जा सकेगा. इस परियोजना के लिए गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक बनने वाला रेल कॉरिडोर पहले चरण में बनकर तैयार हो जाएगा.

पहले इसको दो चरणों में बनाने की योजना थी. इस कॉरिडोर पर नमो भारत रेल 120 से 140 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ेगी. कॉरिडोर पर कुल 25 स्टेशन बनाए जाएंगे. नमो भारत रैपिड रेल केवल 11 स्टेशनों पर रुकेगी, जबकि मेट्रो सभी 25 स्टेशनों पर रुक कर चलेगी. यानी हर दो मेट्रो स्टेशन के बाद नमो भारत रेल का स्टेशन बनेगा. हालांकि भविष्य में आने वाले समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इन स्टेशनों की यात्रा संख्या को बढ़ाकर 38 किया जा सकेगा.

गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट कॉरिडोर तक यह होंगे स्टेशन: इस कॉरिडोर पर बनने वाले 25 स्टेशनों में गाजियाबाद का सिद्धार्थ विहार, गाजियाबाद दक्षिण, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 16, गौर सिटी के पास, ग्रेटर नोएडा वेस्ट चार मूर्ति, ईकोटेक 12, ग्रेटर नोएडा वेस्ट सेक्टर 2, ग्रेटर नोएडा वेस्ट सेक्टर 3, ग्रेटर नोएडा वेस्ट सेक्टर 10, ग्रेटर नोएडा वेस्ट सेक्टर 12, नॉलेज पार्क 5, पुलिस लाइन सूरजपुर, सूरजपुर, मलकपुर, ईकोटेक 2, नॉलेज पार्क 3, सेक्टर गम्मा 1, परी चौक, सेक्टर ओमेगा 2, सेक्टर 53, इकोटेक, दनकौर, यीडा दक्षिण सेक्टर 18, यीडा सेक्टर 21 एवं 35 और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्टेशन शामिल होंगे.

आईजीआई एयरपोर्ट से 50 मिनट में तय होगा नोएडा एयरपोर्ट का सफर: बताया जा रहा है कि 72.5 किलोमीटर के इस ट्रैक को तैयार होने पर रैपिड रेल के माध्यम से नोएडा एयरपोर्ट से आईजीआई एयरपोर्ट तक का सफर 45 से 50 मिनट में तय हो सकेगा. सराय काले खा में इसका मेन जंक्शन तैयार हो रहा है. आईजीआई एयरपोर्ट पर उतरने वाले किसी यात्री को जेवर में नोएडा एयरपोर्ट से दूसरी फ्लाइट लेनी होगी, तो वह आरटीएस से गाजियाबाद होते हुए रैपिड रेल से सीधे जेवर पहुंच सकेगा. एनसीआरटीसी ने इस सफर को 45 से 50 मिनट दूरी वाला रखने का टारगेट रखा है.

16 हजार करोड़ होंगे खर्च: जेवर के निर्माण नोएडा एयरपोर्ट पर करीब दस हजार से ज्यादा वर्कर अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहे हैं. अक्टूबर 2024 में एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो जाएगा और अप्रैल 2025 से इसका ट्रायल शुरू होने की तैयारी है. करीब 6 महीने तक लगातार ट्रायल चलेगा. इसमें एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी से लेकर एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने तक तैयार की जाएगी. इसके लिए कई प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, लेकिन हाई स्पीड कनेक्टिविटी के लिए रैपिड रेल का प्रोजेक्ट स्थापित करने का फैसला लिया गया था. अब इसी रैपिड रेल के ट्रैक पर मेट्रो का संचालन भी होगा, ताकि लोकल कनेक्टिविटी बेहतर हो सके. यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण सिंह ने बताया की डीपीआर बनने के बाद उसे शासन को भेजा जाएगा. करीब 16,000 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट इस ट्रैक को तैयार करने के लिए खर्च होने का अनुमान है.

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