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जयपुर में बनेगा धातु से बनी मूर्तियों का म्यूजियम, देश-विदेश की कला को मिलेंगे आयाम

धातु से बनी मूर्तियों की कला प्रदर्शित करने के लिए जयपुर में म्यूजियम स्थापित होगा. इस संग्रहालय में देश-विदेश की धातु से निर्मित मूर्ति कला को संग्रहित किया जाएगा, ताकि आमजन इस कला और कलाकारों के हुनर से वाकिफ हो सकें. हालांकि यह सब कलाकारों के निजी प्रयास के दम पर ही किया जा रहा है.

metal craft museum in Jaipur
जयपुर में बनेगा धातु से बनी मूर्तियों का म्यूजियम
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 19, 2024, 5:04 PM IST

धातु से बनी मूर्तियों की कला को संजोएगा म्यूजियम

जयपुर. गुलाबी शहर में जल्द मेटल से बनी मूर्तियों की आर्ट गैलरी स्थापित की जाएगी. इसके लिए जयपुर में शिल्पांजलि आर्ट फाउंडेशन ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. आने वाले दिनों में जयपुर में म्यूजियम स्थापित करने के लिए विचार-विमर्श और जगह तलाशना शुरू कर दिया गया है. इस म्यूजियम में देश-विदेश में स्थापित विरासत को गुलाबी नगर के लोगों के बीच प्रदर्शित किया जाएगा. इस म्यूजियम के माध्यम से जहां लोग कला को समझेंगे, वहीं जयपुर की विरासत की जानकारी भी लोगों तक पहुंचेगी.

प्रसिद्ध कलाकार और शिल्पांजलि आर्ट फाउंडेशन के संयोजक राजकुमार पंडित ने मीडिया को बताया कि आर्ट गैलरी के लिए वीकेआई के वर्क्स फॉर आर्टिस्ट फाउंडरी में मेटल के स्कल्पचर का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि विश्व प्रसिद्ध आर्टिस्ट अपनी बेस्ट कलाकृति का मॉडल तैयार कर रहे हैं, जिन्हें बाद में फाउंडेशन अपने खर्चे पर तैयार करेगी. इसके लिए सात दिवसीय इंटरनेशल सिम्पोजियम का आयोजन किया गया है, जिसमें पद्मश्री राजेंद्र टिकु की देख-रेख में देश-विदेश के आर्टिस्ट स्कल्पचर तैयार कर रहे है.

पढ़ें: जयपुर वैक्स म्यूजियम में स्थापित हुआ भारत रत्न बाबा साहेब बीआर आंबेडकर का स्टैच्यू

देशी-विदेशी मूर्तिकारों का मंच: इस मौके पर पद्मश्री राजेंद्र टिकु ने बताया कि मेटल से बनी मूर्ति कला को आमजन तक पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए जयपुर में म्यूजियम स्थापित करने का निर्णय लिया गया, ताकि इसके माध्यम से इस कला को लोगों तक पहुंचाया जा सके. साथ ही इस कला से जुड़े कलाकारों को प्रोत्साहित किया जा सके. उन्होंने राजकुमार पंडित का धन्यवाद करते हुए कहा कि यहां फाउंडरी में देश ही नहीं विदेश के मूर्ति कलाकारों को एक जगह प्रदान की गई है. ताकि वे अपना हुनर दिखा सके. उन्होंने कहा कि आज विदेशों में धातु की मूर्ति बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है और इसके लिए सुविधा के अभाव के कारण इसका कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन नहीं कर पाता है. पंडित ने कहा कि देश ही नहीं विदेश के कलाकारों को भी यहां एक मंच प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अपनी कला को लोगों तक पहुंचा सकें.

पढ़ें: कोटा के म्यूजियम में है मां लक्ष्मी की अदभुत पेंटिंग, सोना-चांदी से जड़ित तस्वीर की यह है खासियत

सिम्पोजियम के संयोजक राजकुमार पंडित ने बताया कि इसमें पहली बार कोरिया के आर्टिस्ट तालूर एलएन शामिल हुए हैं. इसके अलावा कर्नाटक से संथामनी मुथई, केरला से जीजी सकारिया और सुमेध राजेंद्र, महाराष्ट्र से सुनील गावडे भी कलाकृतियों के डैमो तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि लगातार दूसरे साल यहां सिम्पोजियम का आयोजन किया गया है. इनमें तैयार डैमो के मेटल में स्कल्पचर तैयार करके आर्ट गैलरी में स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना में भी वह हतोत्साहित नहीं हुए और इस दौरान उन्होंने अपने कारीगरों और कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखा और उन्हें हतोत्साहित नहीं होने दिया.

पढ़ें: Rajasthan CM Oath Ceremony : जानिए उस अल्बर्ट हॉल का इतिहास जंहा सीएम भजनलाल ने ली शपथ

पूरे देश में लगे हैं राजकुमार के बनाए स्टैच्यू: जयपुर के मूर्तिकार राजकुमार पंडित ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई राजनेताओं के धातु से बने स्टैचू तैयार किए हैं. प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में उनके बनाए गए स्टैच्यू आज भी लोगों को आकर्षित करते हैं. फिर चाहे राजस्थान विधानसभा का अशोक स्तंभ हो या सवाई मानसिंह स्टेडियम के बाहर अर्जुन की प्रतिमा, घोड़े पर विराजमान छत्रपति शिवाजी, जयपुर का पीकॉक गार्डन, कोटा में पंडित जवाहरलाल नेहरू का 42 फीट का मास्क स्टैच्यू भी इन्हीं ने तैयार किया है. राजकुमार ने अपने गुरु बालकृष्ण के साथ संसद भवन में पहली बार गांधी जी की धातु की मूर्ति बनाई थी. साल 1997 में वे जयपुर आए थे. उनकी बनाई मेटल की पहली स्टैच्यू जोधपुर की मसूरिया पहाड़ी पर लगी वीर दुर्गादास राठौड़ की मूर्ति है. इसके बाद सचिवालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा भी उन्हीं की बनाई हुई है.

धातु से बनी मूर्तियों की कला को संजोएगा म्यूजियम

जयपुर. गुलाबी शहर में जल्द मेटल से बनी मूर्तियों की आर्ट गैलरी स्थापित की जाएगी. इसके लिए जयपुर में शिल्पांजलि आर्ट फाउंडेशन ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. आने वाले दिनों में जयपुर में म्यूजियम स्थापित करने के लिए विचार-विमर्श और जगह तलाशना शुरू कर दिया गया है. इस म्यूजियम में देश-विदेश में स्थापित विरासत को गुलाबी नगर के लोगों के बीच प्रदर्शित किया जाएगा. इस म्यूजियम के माध्यम से जहां लोग कला को समझेंगे, वहीं जयपुर की विरासत की जानकारी भी लोगों तक पहुंचेगी.

प्रसिद्ध कलाकार और शिल्पांजलि आर्ट फाउंडेशन के संयोजक राजकुमार पंडित ने मीडिया को बताया कि आर्ट गैलरी के लिए वीकेआई के वर्क्स फॉर आर्टिस्ट फाउंडरी में मेटल के स्कल्पचर का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि विश्व प्रसिद्ध आर्टिस्ट अपनी बेस्ट कलाकृति का मॉडल तैयार कर रहे हैं, जिन्हें बाद में फाउंडेशन अपने खर्चे पर तैयार करेगी. इसके लिए सात दिवसीय इंटरनेशल सिम्पोजियम का आयोजन किया गया है, जिसमें पद्मश्री राजेंद्र टिकु की देख-रेख में देश-विदेश के आर्टिस्ट स्कल्पचर तैयार कर रहे है.

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देशी-विदेशी मूर्तिकारों का मंच: इस मौके पर पद्मश्री राजेंद्र टिकु ने बताया कि मेटल से बनी मूर्ति कला को आमजन तक पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए जयपुर में म्यूजियम स्थापित करने का निर्णय लिया गया, ताकि इसके माध्यम से इस कला को लोगों तक पहुंचाया जा सके. साथ ही इस कला से जुड़े कलाकारों को प्रोत्साहित किया जा सके. उन्होंने राजकुमार पंडित का धन्यवाद करते हुए कहा कि यहां फाउंडरी में देश ही नहीं विदेश के मूर्ति कलाकारों को एक जगह प्रदान की गई है. ताकि वे अपना हुनर दिखा सके. उन्होंने कहा कि आज विदेशों में धातु की मूर्ति बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है और इसके लिए सुविधा के अभाव के कारण इसका कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन नहीं कर पाता है. पंडित ने कहा कि देश ही नहीं विदेश के कलाकारों को भी यहां एक मंच प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अपनी कला को लोगों तक पहुंचा सकें.

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सिम्पोजियम के संयोजक राजकुमार पंडित ने बताया कि इसमें पहली बार कोरिया के आर्टिस्ट तालूर एलएन शामिल हुए हैं. इसके अलावा कर्नाटक से संथामनी मुथई, केरला से जीजी सकारिया और सुमेध राजेंद्र, महाराष्ट्र से सुनील गावडे भी कलाकृतियों के डैमो तैयार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि लगातार दूसरे साल यहां सिम्पोजियम का आयोजन किया गया है. इनमें तैयार डैमो के मेटल में स्कल्पचर तैयार करके आर्ट गैलरी में स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना में भी वह हतोत्साहित नहीं हुए और इस दौरान उन्होंने अपने कारीगरों और कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखा और उन्हें हतोत्साहित नहीं होने दिया.

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पूरे देश में लगे हैं राजकुमार के बनाए स्टैच्यू: जयपुर के मूर्तिकार राजकुमार पंडित ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई राजनेताओं के धातु से बने स्टैचू तैयार किए हैं. प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में उनके बनाए गए स्टैच्यू आज भी लोगों को आकर्षित करते हैं. फिर चाहे राजस्थान विधानसभा का अशोक स्तंभ हो या सवाई मानसिंह स्टेडियम के बाहर अर्जुन की प्रतिमा, घोड़े पर विराजमान छत्रपति शिवाजी, जयपुर का पीकॉक गार्डन, कोटा में पंडित जवाहरलाल नेहरू का 42 फीट का मास्क स्टैच्यू भी इन्हीं ने तैयार किया है. राजकुमार ने अपने गुरु बालकृष्ण के साथ संसद भवन में पहली बार गांधी जी की धातु की मूर्ति बनाई थी. साल 1997 में वे जयपुर आए थे. उनकी बनाई मेटल की पहली स्टैच्यू जोधपुर की मसूरिया पहाड़ी पर लगी वीर दुर्गादास राठौड़ की मूर्ति है. इसके बाद सचिवालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा भी उन्हीं की बनाई हुई है.

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