देहरादूनः स्टेट हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर, उत्तराखंड की ओर से प्रदेश में इमरजेंसी ट्रॉमा केयर नेटवर्क स्थापित किया जाना है. जिसको लेकर मंगलवार को देहरादून एनएचएम सभागार में बैठक का आयोजन किया गया. बैठक के दौरान स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर उत्तराखंड, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश और हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के समन्वय से आपातकालीन स्थिति में गंभीर रूप से घायल मरीजों को तत्काल बेहतर इलाज दिया जाने के लिए उत्तराखंड में ट्रॉमा केयर नेटवर्क को स्थापित किए जाने पर चर्चा की गई.
बैठक के दौरान मिशन निदेशक स्वाति एस भदौरिया ने राज्य में ट्रॉमा केयर नेटवर्क और गोल्डन ऑवर के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि आपात्कालीन स्थिति में आम व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए, बेहतर उपचार के लिए तकनीकी इंटरवेंशन पर ध्यान देने की जरूरत है. 108 के पास चिकित्सा केंद्रों के मैप उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेष ट्रॉमा ट्रेनिंग के संवेदीकरण और पैरामेडिक्स स्टाफ के ट्रॉमा केयर को लेकर प्रशिक्षण दिया जाए. साथ ही हेल्थ फैसिलिटीज मैपिंग किए जाने के भी निर्देश दिए.
बैठक के दौरान मिशन निदेशक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए एप विकसित किए जाए, जिसके तहत स्थान पर आपातकालीन स्थिति में घटना घटित हुई है, उस जगह के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल स्टाफ को पहले ही अलर्ट मिल जाए. ताकि मरीज का तत्काल प्रभाव से इलाज किया जा सके.
बैठक के दौरान एचएनबी मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. मदन लाल ब्रह्म भट्ट ने कहा कि कम्युनिटी हेल्थ वर्कर्स और धरातल पर काम कर रहे लोगों की मेडिकल के संबंध में बेसिक ट्रेनिंग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. वहीं, ऋषिकेश एम्स के ट्रॉमा डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मधुर उनियाल ने ट्रॉमा केयर नेटवर्क को लेकर अपनी रणनीतियों को साझा करते हुए कहा कि एम्स भी इमरजेंसी ट्रॉमा केयर नेटवर्क को विकसित करने में उत्तराखंड का सहयोग करेगा.
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