करनाल: भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा की तीन जिलों की करनाल में अहम बैठक हुई. इस बैठक में लंबित चली आ रही अपनी मुख्य मांगों को लेकर किसानों ने महापंचायत करने का फैसला किया. हरियाणा के टोहाना और पंजाब के मोगा में किसान महापंचायत होगी. भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा अध्यक्ष रत्न मान ने किसानों की बैठक को संबोधित किया.
डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंता- किसान नेता रतन मान ने कहा कि आज की बैठक में शंभू बॉर्डर पर बैठे वरिष्ठ किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है. किसानों के लिए संघर्ष करने वाले इतना बड़ा किसान नेता अनशन पर बैठा है और कोई भी सुध लेने वाला नहीं है. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा के किसानों के प्रति उनकी मंशा सही नहीं है. रतनमान ने कहा कि इन तमाम मुद्दों को लेकर वो हरियाणा का दौरा कर रहे हैं.
जनवरी में होगी किसान महापंचायत- प्रदेश के अलग-अलग जिलों में किसानों की बैठकों का दौर जारी है. आज करनाल में तीन जिलों की बैठक की गई है. मुख्य मांगों को लेकर राष्ट्रीय किसान मोर्चा द्वारा आने वाली 4 जनवरी को हरियाणा के टोहाना और 9 जनवरी को पंजाब के मोगा के अंदर किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा. संयुक्त रूप से होने वाली इस किसान महापंचायत में हरियाणा और पंजाब के किसान बड़ी संख्या में भाग लेंगे. इन महापंचायतों में बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.
रतन मान की किसानों से अपील- किसान नेता रतन मान ने कहा कि भाजपा द्वारा साजिशन सिख और नॉन सिख का एजेंडा हरियाणा पंजाब में चलाया जा रहा है. इसका जवाब हम 4 जनवरी को महापंचायत में देंगे. उन्होंने सभी किसानों से आहवान किया है कि महापंचायत में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और किसान आंदोलन को मजबूत करें.
मुख्यमंत्री कर रहे गुमराह- किसान नेता ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएसपी को लेकर किसानों को गुमराह कर रहे हैं, ताकि किसानों का आंदोलन मजबूती से ना चल सके. उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी से अपील की है कि वो प्रधानमंत्री से सभी फसलों पर एसपी देने की एक चिट्ठी लेकर आएं. इसके बाद सभी किसान मुख्यमंत्री सहित देश के प्रधानमंत्री का अभिनंदन करेंगे. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जी झूठ ना बोलें. एमएसपी कानून कैसे बनेगा और कौन बना सकता है, ये हम जानते हैं.
चढूनी बने सीएम के बगलगीर- वरिष्ठ किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर चुटकी लेते हुए रतन मान ने कहा की चढूनी जी नजर आ रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री के बगल में. उन्होंने कहा कि एक हमारा वरिष्ठ नेता आमरण अनशन पर बैठा है और दूसरा नेता मुख्यमंत्री के बगलगीर हो रहा. यह किसान आंदोलन की सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है. गुरनाम सिंह चढूनी की यह आदत है कि इस प्रकार का घटनाक्रम करके आंदोलन की सेहत को खराब किया जाए. यह बीजेपी सरकार द्वारा किसानों के अंदर साजिश करने की तैयारी चल रही है.
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