नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर लंबे समय से धरना दे रहे किसानों ने दिल्ली कूच की घोषणा की. जिसके बाद किसानों को रोकने के लिए कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ उनकी वार्ता शुरू हुई. तीनों प्राधिकरण के सीईओ, डीएम और पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह वार्ता में शामिल हुए. बैठक के बाद इस पर सहमति बनी कि 18 फरवरी तक हाई पावर कमिटी गठित की जाएगी.
दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर दर्जनों गांव के किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का यह आंदोलन दिन-रात जारी है. इसके बाद किसानों ने दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया था. तब अधिकारियों के आश्वासन पर एक हाईलेवल कमेटी गठन कर उनकी समस्यायों को हल करने की बात कही गई थी. जिसके बाद किसान अपना धरना खत्म करने पर राजी हो गए थे. लेकिन कुछ समय बाद तक जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो किसानों ने फिर दिल्ली कूच की घोषणा कर दी. अब किसानों को रोकने के लिए कलेक्ट्रेट में किसानों और अधिकारियों की वार्ता हुई और अधिकारियों ने 18 फरवरी तक समय मांगा है.
- ये भी पढ़ें: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी बेहतर बनाने में जुटा यमुना प्राधिकरण,जानिए सीईओ ने क्या दी जानकारी?
किसान नेताओं का कहना है कि बैठक में 18 फरवरी तक एक हाई पावर कमेटी बनाने का निश्चित हुआ है. अगर 18 फरवरी तक हाई पावर कमेटी नहीं बनी तो हम 19 तारीख को फिर मीटिंग कर कुछ बड़ा करने का प्लान करेंगे. बता दें कि नोएडा- ग्रेटर नोएडा के किसान लंबे समय से नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा देने, प्राधिकरणों से 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा देने, 10 फीसद आबादी के भूखंड़ देने, पुरानी आबादी को छोड़ने, आबादी की शिफ्टिंग कराने, समेत अन्य मांग कर रहे हैं.