मेरठ : कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी श्रावन मास के साथ ही शुरू हो जाएगी. उससे पहले अब इस बड़े आयोजन को सकुशल संपन्न कराने के लिए मेरठ में चार राज्यों समेत प्रदेश के 12 जिलों के अफसरों के साथ बैठक हुई. बता दें कि पश्चिमी यूपी का यह सबसे बड़ा आयोजन है, जब लाखों शिवभक्त हर दिन मेरठ की सीमा से गुजरते हैं.
22 जुलाई से सावन की शुरुआत होने जा रही है. उससे पूर्व अब कांवड़ यात्रियों की यात्रा को लेकर पुलिस लाइन में गुरुवार को अहम बैठक का आयोजन किया गया. इस मौके पर यूपी समेत चार राज्यों के पुलिस अधिकारी बैठक में शामिल हुए. बैठक में पश्चिमी यूपी के अलग-अलग कुल 12 जिलों के पुलिस महकमे के यातायात व्यवस्था संभालने वाले अधिकारी बुलाए गए थे. वहीं, प्रदेश की सीमा से लगे दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड समेत यूपी के ट्रैफिक विभाग के एसपी रैंक अफसर बैठक में शामिल हुए. बैठक को एडीजी मेरठ ने सम्बोधित किया. इस दौरान यातायात व्यवस्था के बारे में विस्तार से विचार विमर्श हुआ. इस मौके पर अलग-अलग जिलों से आए एसपी ट्रैफिक और सीओ ट्रैफिक ने अपने-अपने जिलों के प्लान साझा किए. उन्होंने बताया कि किस तरह से कांवड़ यात्रा को लेकर उन्होंने क्या कुछ योजना बनाई है.
एडीजी डीके ठाकुर ने बताया कि जिन जिलों और राज्यों से कांवड़ यात्रा निकलेगी उन सभी जिलों के अधिकारियों से यहां चर्चा की गई है. इस मौके पर आईजी मेरठ रेंज नचिकेता झा भी बैठक में मौजूद थे, जबकि मेरठ एसएसपी, एसपी सिटी, एसपी ट्रैफिक, एसपी देहात समेत तमाम पुलिस अधिकारी बैठक में शामिल रहे. कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए एडीजी जोन ने जरूरी दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि, यात्रा के दौरान किसी भी तरीके की लापरवाही बरतने पर कार्यवाही तय है. उन्होंने बताया कि दो दिन बाद कांवड यात्रा को लेकर चीफ सेक्रेटरी और प्रदेश के डीजीपी मेरठ में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. उसमें उत्तराखंड दिल्ली और हरियाणा व राजस्थान के अधिकारी भी मौजूद रहे. इस मौके पर एडीजी ने रूट डायवर्जन और कांवड़ियों के रुकने की व्यवस्था को दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए.