मेरठ : मेरठ के प्रमोद शर्मा जांगिड़ ने आईटीआई से मशीनिष्ट में डिप्लोमा लिया. सपना था कि एक अच्छी नौकरी मिल जाए और अपने सपनों को उड़ान दे सकें. अच्छी नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन इसी बीच उन्होंने अपना खुद का काम करने की ठानी और आज 200 से अधिक तरह के खेल उत्पाद बनाते हैं. इस काम से 30 लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. वर्तमान में लगभग सालाना 6 करोड़ रुपये का टर्नओवर है.
ईटीवी भारत से बातचीत में प्रमोद जांगिड़ बताते हैं कि मेरठ के साकेत में स्थित आईटीआई से मशीनिष्ट विषय में तकनीकी शिक्षा लेने के बाद शुरुआत में एक अच्छी नौकरी की तलाश थी. खूब भागदौड़ भी की, मेरठ से हर दिन नौकरी करने गाजियाबाद भी गए. वहां कई अलग अलग कंपनियों में काम किया. इसी दौरान तय किया कि अपना ही काम करेंगे. बड़े भाई को काम के शुरुआत करने की सलाह ली तो उन्होंने भी सपोर्ट किया.
प्रमोद बताते हैं कि तकनीकी नॉलेज की वजह से काफी सहूलियत मिली. खेल उत्पाद बनानें में प्रयुक्त होने वाली मशीनों की मरम्मत आदि में काफी आसानी रहती थी. यह कारण रहा कि कारोबार चल निकला. फिलवक्त मेरे कारखाने में क्रिकेट, हॉकी, बॉलीबॉल, फुटबाल समेत 200 से अधिक उत्पाद बनते हैं. इसके लिए खुद के साथ 30 लोगों की टीम भी सहयोग करती है. इसके अलावा कई लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी जुड़े हैं. अब हमारी कंपनी से स्पोर्ट्स सिटी मेरठ के अलावा जालंधर के एक्सपोर्टर भी खेल उत्पाद खरीदने आते हैं.
प्रमोद बताते हैं कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है. शुरुआत में मेहनत और लगन की जरूरत है. प्रमोद कहते हैं कि जब कोई बच्चा चलना सीखता है तो कई बार गिरता है. जीवन में संघर्ष तो करना ही पड़ता है, लेकिन यह तय है कि परिणाम अवश्य अच्छे आएंगे.
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