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मेरठ के प्रमोद को नहीं मिली नौकरी; 30 लोगों को रोजगार देकर करने लगे खेल के प्रोडक्ट्स तैयार, आज करोड़ों में है कारोबार - meerut success Story

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 18, 2024, 5:44 PM IST

Updated : Jul 18, 2024, 6:44 PM IST

कहते हैं सफल होने के लिए लगन और मेहनत की जरूरत (Meerut Success Story) होती है. ऐसा ही कर दिखाया है मेरठ के प्रमोद शर्मा जांगिड़ ने. प्रमोद ने आईटीआई करने के बाद खुद का व्यवसाय करने का मन बनाया और आज प्रमोद का सालाना टर्न ओवर छह करोड़ पहुंच गया है.

कारोबारी प्रमोद शर्मा जांगिड़.
कारोबारी प्रमोद शर्मा जांगिड़. (Photo credit: ETV Bharat)
खेल प्रोडक्ट निर्माता प्रमोद जांगिड़ की सफलता की कहानी बताते संवाददाता श्रीपाल तेवतिया. (Video Credit : Etv Bharat)

मेरठ : मेरठ के प्रमोद शर्मा जांगिड़ ने आईटीआई से मशीनिष्ट में डिप्लोमा लिया. सपना था कि एक अच्छी नौकरी मिल जाए और अपने सपनों को उड़ान दे सकें. अच्छी नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन इसी बीच उन्होंने अपना खुद का काम करने की ठानी और आज 200 से अधिक तरह के खेल उत्पाद बनाते हैं. इस काम से 30 लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. वर्तमान में लगभग सालाना 6 करोड़ रुपये का टर्नओवर है.

ईटीवी भारत से बातचीत में प्रमोद जांगिड़ बताते हैं कि मेरठ के साकेत में स्थित आईटीआई से मशीनिष्ट विषय में तकनीकी शिक्षा लेने के बाद शुरुआत में एक अच्छी नौकरी की तलाश थी. खूब भागदौड़ भी की, मेरठ से हर दिन नौकरी करने गाजियाबाद भी गए. वहां कई अलग अलग कंपनियों में काम किया. इसी दौरान तय किया कि अपना ही काम करेंगे. बड़े भाई को काम के शुरुआत करने की सलाह ली तो उन्होंने भी सपोर्ट किया.

प्रमोद बताते हैं कि तकनीकी नॉलेज की वजह से काफी सहूलियत मिली. खेल उत्पाद बनानें में प्रयुक्त होने वाली मशीनों की मरम्मत आदि में काफी आसानी रहती थी. यह कारण रहा कि कारोबार चल निकला. फिलवक्त मेरे कारखाने में क्रिकेट, हॉकी, बॉलीबॉल, फुटबाल समेत 200 से अधिक उत्पाद बनते हैं. इसके लिए खुद के साथ 30 लोगों की टीम भी सहयोग करती है. इसके अलावा कई लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी जुड़े हैं. अब हमारी कंपनी से स्पोर्ट्स सिटी मेरठ के अलावा जालंधर के एक्सपोर्टर भी खेल उत्पाद खरीदने आते हैं.

प्रमोद बताते हैं कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है. शुरुआत में मेहनत और लगन की जरूरत है. प्रमोद कहते हैं कि जब कोई बच्चा चलना सीखता है तो कई बार गिरता है. जीवन में संघर्ष तो करना ही पड़ता है, लेकिन यह तय है कि परिणाम अवश्य अच्छे आएंगे.


यह भी पढ़ें : एक साथ चार सरकारी नौकरियां, साईशिल्पी एक प्रतिभा जिन्होंने कठिनाइयों को बनायी अपनी पाठशाला - FOUR GOVERNMENT JOBS AT A TIME

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खेल प्रोडक्ट निर्माता प्रमोद जांगिड़ की सफलता की कहानी बताते संवाददाता श्रीपाल तेवतिया. (Video Credit : Etv Bharat)

मेरठ : मेरठ के प्रमोद शर्मा जांगिड़ ने आईटीआई से मशीनिष्ट में डिप्लोमा लिया. सपना था कि एक अच्छी नौकरी मिल जाए और अपने सपनों को उड़ान दे सकें. अच्छी नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन इसी बीच उन्होंने अपना खुद का काम करने की ठानी और आज 200 से अधिक तरह के खेल उत्पाद बनाते हैं. इस काम से 30 लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. वर्तमान में लगभग सालाना 6 करोड़ रुपये का टर्नओवर है.

ईटीवी भारत से बातचीत में प्रमोद जांगिड़ बताते हैं कि मेरठ के साकेत में स्थित आईटीआई से मशीनिष्ट विषय में तकनीकी शिक्षा लेने के बाद शुरुआत में एक अच्छी नौकरी की तलाश थी. खूब भागदौड़ भी की, मेरठ से हर दिन नौकरी करने गाजियाबाद भी गए. वहां कई अलग अलग कंपनियों में काम किया. इसी दौरान तय किया कि अपना ही काम करेंगे. बड़े भाई को काम के शुरुआत करने की सलाह ली तो उन्होंने भी सपोर्ट किया.

प्रमोद बताते हैं कि तकनीकी नॉलेज की वजह से काफी सहूलियत मिली. खेल उत्पाद बनानें में प्रयुक्त होने वाली मशीनों की मरम्मत आदि में काफी आसानी रहती थी. यह कारण रहा कि कारोबार चल निकला. फिलवक्त मेरे कारखाने में क्रिकेट, हॉकी, बॉलीबॉल, फुटबाल समेत 200 से अधिक उत्पाद बनते हैं. इसके लिए खुद के साथ 30 लोगों की टीम भी सहयोग करती है. इसके अलावा कई लोग अप्रत्यक्ष रूप से भी जुड़े हैं. अब हमारी कंपनी से स्पोर्ट्स सिटी मेरठ के अलावा जालंधर के एक्सपोर्टर भी खेल उत्पाद खरीदने आते हैं.

प्रमोद बताते हैं कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है. शुरुआत में मेहनत और लगन की जरूरत है. प्रमोद कहते हैं कि जब कोई बच्चा चलना सीखता है तो कई बार गिरता है. जीवन में संघर्ष तो करना ही पड़ता है, लेकिन यह तय है कि परिणाम अवश्य अच्छे आएंगे.


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Last Updated : Jul 18, 2024, 6:44 PM IST
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