मेरठ: यूपी के मेरठ की मार्वी यूं तो बी-टेक डिग्री होल्डर हैं, लेकिन जब कोरोना काल चल रहा था, तब एक मल्टीनेशनल कम्पनी में जॉब करने वाली इस बेटी ने घर में रहकर मैक्रमे आर्ट के कुछ प्रोडक्ट तैयार किए. इसके बाद से अब तक ये बेटी निरंतर आगे ही बढ़ती जा रही है.
अब तक 50 से अधिक बेटियों को काम सिखा चुकी हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है. इतना ही नहीं मेरठ से दुबई तक अब उनके बनाए खास उत्पाद पसंद किए जा रहे हैं. अपने स्टार्टअप के जरिए मार्वी मैक्रमे आर्ट से बने एक से बढ़कर एक खूबसूरत हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स तैयार करा रही हैं.
मोटे धागों में आर्टिस्टिक तरीके से गांठ लगाकर तरह-तरह की चीजें बनाने में माहिर इस बेटी के बने उत्पाद देश के अलावा विदेश में भी अब पसंद किए जा रहे हैं. मार्वी कहती हैं कि जब वह बीटेक करने के बाद पुणे में जॉब कर रही थीं, तब कोरोना बढ़ गया. जिसके बाद वह अपने घर आ गई थीं.
वर्क फ्रॉम होम चलता रहा. इसी बीच यू ट्यूब पर उन्होंने मैक्रमे आर्ट के बारे में जाना. क्योंकि घर में थीं तो मार्वी ने इस हुनर को सीख लिया और अपने घर को ही सबसे पहले सजाने संवारने का निर्णय लिया. उसके बाद परिजनों ने उनका हौसला बढ़ाया जिसके बाद मार्वी ने अपने बनाए एक से बढ़कर एक उत्पाद ऑनलाइन बेचने शुरू कर दिए.
वह कहती हैं कि ऑर्डर बहुत आने लगे. अकेले करना संभव नहीं हो पा रहा था. जिसके बाद फिर उन्होंने निश्चय किया कि वे ऐसी बेटियों और युवतियों को साथ जोड़ेंगे जो कुछ करने की ललक रखती हैं.
मार्वी बताती हैं कि जो भी उनके साथ जुड़ी हैं उनको भी यह काम बेहद पसंद आया और उसके बाद से निरंतर आगे बढ़ रही हैं. मार्वी कहती हैं कि बचपन से मन में विचार था कि कुछ ऐसा करना है जो अपना काम हो, जिससे लोगों को काम भी मिल सके.
उन्होंने बताया कि पिछले साल 2023 के बीच में उनकी शादी हो गई और वह दुबई चली आईं, लेकिन उनका जो सपना था उसे वो साकार करने में निरंतर प्रयासरत हैं. वह बताती हैं कि खुशी है कि उनके साथ काफी लड़कियां और महिलाएं जुड़ी हैं और अब इंडिया में उनके काम को आगे बढ़ाने में माता पिता लगे हैं.
मार्वी के पिता कहते हैं कि देश के अलग अलग कोने से तमाम ऑर्डर आते हैं. जगह जगह देश में जब प्रदर्शनी लगती हैं तो वहां भी वे उत्पादों को प्रदर्शित करते हैं. इसके अलावा लोकल बाजार से लेकर ऑनलाइन माध्यम से भी मैक्रमे आर्ट के तमाम उत्पादों को पसंद किया जा रहा है.
मार्वी की मां कहती हैं कि उन्हें खुशी है कि उनकी बेटी ने जो शुरुआत की वह उसमें सहयोग कर रही हैं. मेरठ में मार्वी सभी से ऑनलाइन जुड़ी रहती हैं और जो बेटियां हुनरमंद और आत्मनिर्भर बन रही हैं उन्हें नए नए प्रोडक्ट तैयार करने के लिए नए आइडिया देती हैं.
मेरठ से विभिन्न उत्पाद तैयार होकर कोरियर या पार्सल के जरिए दुबई जाते हैं. मार्वी से और उनकी मां से सीखकर हर दिन दस से अधिक युवतियां धागों में गांठ लगाकर वॉल हैंगिंग्स, डोर हैंगिंग्स, थ्रेड हैंगिंग्स और पर्स, ज्वेलरी वॉल हैंगिंग, डोर हैंगिंग, टॉवल हैंगिंग्स, मिरर, पॉट हैंगिंग्स, पर्स और की रिंग्स हैंगिंग जैसी अनेकों चीजें तैयार कर रहीं है.
मार्वी से सीखकर आत्मनिर्भर बन रहीं बेटियां कहती हैं कि वे बेहद खुश हैं कि उनको रोजगार मिल गया है. वो आत्मनिर्भर भी बन रही हैं. कई बेटियों ने तो बताया कि मार्वी दीदी के लिए काम करने में उन्हें अच्छा लगता है और इस काम में उनका वक़्त भी कट जाता है.
परिवार चलाने में आर्थिक मदद भी हो जाती है. फिलहाल अगर बात करें मार्वी की कमाई की तो इस बारे में वह कहती हैं कि हैं उन्हें खुशी है कि उनके साथ जो लोग जुड़ रहे हैं उन सभी की आजीविका भी चल रही है.