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बारिश से अस्पताल में भींग रही दवाइयां, प्रभारी बोले- 'यह मेरी जिम्मेदारी नहीं', सिविल सर्जन बेखबर - Darbhanga Sadar PHC

Darbhanga Health Department:बिहार के दरभंगा में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है, इसका अंदाजा इस खबर से लगा सकते हैं. अस्पताल में दवा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है तो मरीजों का क्या हाल होगा ये किसी से छुपा नहीं है. हम दरभंगा शहर में स्थित सदर पीएचसी की बात कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

दरभंगा सदर पीएचसी का हाल
दरभंगा सदर पीएचसी का हाल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 25, 2024, 8:38 AM IST

दरभंगा सदर पीएचसी का हाल (ETV Bharat)

दरभंगाः पीएचसी का मतलब है प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र. किसी आपात स्थिति में या बीमार होने के बाद मरीज को पहले पीएचसी में भर्ती कराया जाता है. प्राथमिक उपचार के बाद अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है तो उसे पीएचसी से हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. लेकिन पीएचसी में प्राथमिकी उपचार तभी सही से होगा जब वहां की व्यवस्था दुरुस्त हो.

बारिश और धूप में खराब हो रही दवाः दरभंगा जिले के सदर पीएचसी और सीएचसी की स्थिति दयनीय है. यहां लोगों को जीवन देने वाली दवा का ख्याल तक नहीं रखा जा रहा है तो मरीजों का क्या हाल होगा इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं. अस्पताल में लाखों रुपये की दवाइयां वर्षा के पानी के झोंके और धूप के कारण खराब हो रही है.

दरभंगा सदर पीएचसी का हाल
दरभंगा सदर पीएचसी का हाल (ETV Bharat)

सरकार को बताया जिम्मेदारः जानकारी के मुताबिक इन दवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के बीच निःशुल्क वितरण किया जाना था. विभागीय लापरवाही के कारण इन दवाओं को पीएचसी के बरामदे पर छोड़ दिया गया. सदर पीएचसी के प्रभारी इस नुकसान का ठीकरा सरकार पर फोर रहे हैं.

"सिविल सर्जन ऑफिस से ये सभी दवा मिली है. एडिशनल पीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए है. यहां दवा रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. पीएचसी को प्रखंड की ओर से कुल आठ कमरा मिला हुआ है, उसी में अस्पताल चल रहा है. बाद में अस्पताल को दवा भंडारण के लिए एक रूम और मिला लेकिन उसमे रखने के बाद भी बरामदा पर पड़ा हुआ है. इस क्षति का जिम्मेदार सरकार है. मेरे पास दवा रखने के लिए रूम नहीं है." -डॉ. उमाशंकर प्रसाद, सदर पीएचसी प्रभारी

दरभंगा सदर पीएचसी का हाल
दरभंगा सदर पीएचसी का हाल (ETV Bharat)

20 दिनों से स्थिति खराबः बता दें कि दवा भंडार के लिए सही स्थल के अभाव में करीब 35 दिनों से यही स्थिति है. इन दवाओं को तेज धूप व अस्पताल के बरामदे पर बारिश के झोंके बीच रखा गया है. इससे दवा की गुणवत्ता और उसकी शक्ति प्रभावित हो रही है. तय मापदंड के मुताबिक अधिकतर दवाओं को रूम टेंपरेचर 22 से 25 डिग्री सेल्सियस पर रखना चाहिए लेकिन यहां रखी गई दवाएं औसतन 38 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान झेल रही हैं. कुछ दवाओं को फ्रीजर में भी रखने की जरूरत होती है लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है.

दरभंगा सदर पीएचसी का हाल
दरभंगा सदर पीएचसी का हाल (ETV Bharat)

सिविल सर्जन बेखबरः बताते चले कि सदर प्रखंड में संचालित सरकारी अस्पतालों के लिए दवा की आपूर्ति सदर पीएचसी के माध्यम से की जाती है. हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर और अतिरिक्त स्वास्थ केंद्रों में दवा के भंडारण की व्यवस्था नहीं है. दूसरी तरफ पीएचसी में भी दवा के भंडारण की व्यवस्था नहीं है. इसको लेकर जिले का सिविल सर्जन बेखबर हैं. उन्होंने कहा कि इसके बारे उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

"मैने अभी दवा को देखी नहीं है कितनी भींगी है. इस बात की जानकारी सदर के पीएचसी के प्रभारी के द्वारा मुझे नहीं दी गई है. अगर दवा रखने की जगह की जानकारी हमें दी जाती तब तो हम व्यवस्था करते. नुकसान की जानकारी पीएचसी के प्रभारी को देनी है. जांच में अगर लापरवाही सामने आएगी तो हम करवाई करेंगे." -डॉ अरुण कुमार, सिविल सर्जन दरभंगा

यह भी पढ़ेंः दरभंगा एम्स का निर्माण जल्द, बिहार सरकार ने 150.13 एकड़ जमीन किया ट्रांसफर - Darbhanga AIIMS

दरभंगा सदर पीएचसी का हाल (ETV Bharat)

दरभंगाः पीएचसी का मतलब है प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र. किसी आपात स्थिति में या बीमार होने के बाद मरीज को पहले पीएचसी में भर्ती कराया जाता है. प्राथमिक उपचार के बाद अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है तो उसे पीएचसी से हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. लेकिन पीएचसी में प्राथमिकी उपचार तभी सही से होगा जब वहां की व्यवस्था दुरुस्त हो.

बारिश और धूप में खराब हो रही दवाः दरभंगा जिले के सदर पीएचसी और सीएचसी की स्थिति दयनीय है. यहां लोगों को जीवन देने वाली दवा का ख्याल तक नहीं रखा जा रहा है तो मरीजों का क्या हाल होगा इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं. अस्पताल में लाखों रुपये की दवाइयां वर्षा के पानी के झोंके और धूप के कारण खराब हो रही है.

दरभंगा सदर पीएचसी का हाल
दरभंगा सदर पीएचसी का हाल (ETV Bharat)

सरकार को बताया जिम्मेदारः जानकारी के मुताबिक इन दवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के बीच निःशुल्क वितरण किया जाना था. विभागीय लापरवाही के कारण इन दवाओं को पीएचसी के बरामदे पर छोड़ दिया गया. सदर पीएचसी के प्रभारी इस नुकसान का ठीकरा सरकार पर फोर रहे हैं.

"सिविल सर्जन ऑफिस से ये सभी दवा मिली है. एडिशनल पीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए है. यहां दवा रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. पीएचसी को प्रखंड की ओर से कुल आठ कमरा मिला हुआ है, उसी में अस्पताल चल रहा है. बाद में अस्पताल को दवा भंडारण के लिए एक रूम और मिला लेकिन उसमे रखने के बाद भी बरामदा पर पड़ा हुआ है. इस क्षति का जिम्मेदार सरकार है. मेरे पास दवा रखने के लिए रूम नहीं है." -डॉ. उमाशंकर प्रसाद, सदर पीएचसी प्रभारी

दरभंगा सदर पीएचसी का हाल
दरभंगा सदर पीएचसी का हाल (ETV Bharat)

20 दिनों से स्थिति खराबः बता दें कि दवा भंडार के लिए सही स्थल के अभाव में करीब 35 दिनों से यही स्थिति है. इन दवाओं को तेज धूप व अस्पताल के बरामदे पर बारिश के झोंके बीच रखा गया है. इससे दवा की गुणवत्ता और उसकी शक्ति प्रभावित हो रही है. तय मापदंड के मुताबिक अधिकतर दवाओं को रूम टेंपरेचर 22 से 25 डिग्री सेल्सियस पर रखना चाहिए लेकिन यहां रखी गई दवाएं औसतन 38 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान झेल रही हैं. कुछ दवाओं को फ्रीजर में भी रखने की जरूरत होती है लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है.

दरभंगा सदर पीएचसी का हाल
दरभंगा सदर पीएचसी का हाल (ETV Bharat)

सिविल सर्जन बेखबरः बताते चले कि सदर प्रखंड में संचालित सरकारी अस्पतालों के लिए दवा की आपूर्ति सदर पीएचसी के माध्यम से की जाती है. हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर और अतिरिक्त स्वास्थ केंद्रों में दवा के भंडारण की व्यवस्था नहीं है. दूसरी तरफ पीएचसी में भी दवा के भंडारण की व्यवस्था नहीं है. इसको लेकर जिले का सिविल सर्जन बेखबर हैं. उन्होंने कहा कि इसके बारे उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

"मैने अभी दवा को देखी नहीं है कितनी भींगी है. इस बात की जानकारी सदर के पीएचसी के प्रभारी के द्वारा मुझे नहीं दी गई है. अगर दवा रखने की जगह की जानकारी हमें दी जाती तब तो हम व्यवस्था करते. नुकसान की जानकारी पीएचसी के प्रभारी को देनी है. जांच में अगर लापरवाही सामने आएगी तो हम करवाई करेंगे." -डॉ अरुण कुमार, सिविल सर्जन दरभंगा

यह भी पढ़ेंः दरभंगा एम्स का निर्माण जल्द, बिहार सरकार ने 150.13 एकड़ जमीन किया ट्रांसफर - Darbhanga AIIMS

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