रोहतक: मेडिकल छात्रा का अपहरण और मारपीट मामले में हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने पीजीआईएमएस रोहतक में जाकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. इसके बाद रेनू भाटिया ने पीड़ित मेडिकल छात्रा से भी बातचीत की. छात्रा ने बताया कि अब वो पीजीआईएमएस में नहीं पढ़ना चाहती. रेनू भाटिया ने बताया कि छात्रा ने बातचीत में बताया कि आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर पिछले 7 महीने में कई बार उसके साथ मारपीट कर चुका था और जान से मारने की धमकी देता था.
मेडिकल छात्रा से मारपीट मामले में महिला आयोग ने लिया संज्ञान: आरोपी यहां तक कहता था कि अगर इस बारे में किसी को बताया, तो वो उसके भाई का कत्ल कर देगा. पीड़िता की परीक्षा थी. उससे पहले आरोपी ने उसका आई कार्ड वापस ले लिया. आई कार्ड वापस देने की बात कहकर ही जबरदस्ती आरोपी ने पीड़िता को अपनी कार में बैठा लिया. आयोग की चेयरपर्सन ने बताया कि छात्रा के साथ बेरहमी से मारपीट की गई. छात्रा के शरीर पर कई जगह कट के निशान हैं. उन्होंने कहा कि महिला आयोग किसी भी ऐसा घटना को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने पीजीआईएमएस को भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए.
रेनू भाटिया ने ली मामले की जानकारी: रेनू भाटिया ने कहा कि आयोग आरोपी डॉक्टर की एमबीबीएस की डिग्री रद्द करने की नेशनल मेडिकल कमीशन से सिफारिश करेगा. वहीं, डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर संजय तिवारी ने बताया कि छात्रा ने पहले कभी भी अपने साथ हुई मारपीट व उत्पीड़न के बारे में नहीं बताया. गौरतलब है कि पीजीआईएमएस रोहतक की बीडीएस की प्रथम वर्ष की छात्रा का 16 अगस्त की शाम को संस्थान के ही रेजीडेंट डॉक्टर मनिंदर कौशिक ने कार में अपहरण कर लिया. फिर वो उसे रात को अंबाला व चंडीगढ़ घुमाता रहा.
2 दिन की पुलिस रिमांड पर आरोपी: 17 अगस्त को दोपहर करीब साढ़े 3 बजे उसे रोहतक वापस लेकर आया. इस दौरान चंडीगढ़ में उसके मारपीट की गई. पीड़िता ने इस घटना की जानकारी पीजीआईएमएस प्रशासन और परिजनों को को दी. पीड़ित छात्रा की परिजनों व वकील के सामने काउंसलिंग कराई गई. छात्रा की मेडिकल जांच हुई. मजिस्ट्रेट के सामने भी छात्रा के बयान दर्ज कराए गए. पीजीआईएमएस पुलिस स्टेशन में शिकायत दी गई. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. आरोपी फिलहाल 2 दिन की पुलिस रिमांड पर है.
आरोपी की पीजीआई में एंट्री बैन: मामला सामने आने के बाद हेल्थ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आरोपी रेजीडेंट डॉक्टर को संस्थान से निलंबित कर दिया और पीजीआईएमएस में प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी. पीड़ित छात्रा का सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो रहा है. जिसमें वो अपने शरीर पर चोट के निशान दिखा रही है. पीड़ित छात्रा डेंटल कॉलेज में बीडीएस प्रथम वर्ष में पढ़ती है, जबकि आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर एनाटॉमी में एमडी कर रहा है. मेडिकल छात्रा ने बताया था कि आरोपी डॉक्टर उसे करीब 7 महीने से परेशान कर रहा था.