जोधपुर. राज्य विधानसभा में सोमवार को शून्य काल के दौरान खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने डायलिसिस मशीनों की खरीद में हुए गड़बड़ झाले का मामला उठाया. प्रदेश के चिकित्सा विभाग के राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से आचार संहिता में डायलिसिस मशीनों की खरीद हुई थी. इस पर जवाब देते हुए चिकित्सा मंत्री खींवसर ने कहा कि मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन चिकित्सा मंत्री ने मशीनों की खरीद की फाइल पर अपने हस्ताक्षर नहीं होने की बात कही है, जबकि मेरे पास ऐसे दस्तावेज मौजूद है, जिनमें उनके हस्ताक्षर हैं.
अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बेनीवाल की मांग पर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर से जवाब दिलवाया. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि इसकी जानकारी मिलने के तुरंत बाद अधिकारियों की बैठक बुलाई गई और यह बात सही है कि मशीनों की खरीद की फाइल पर तत्कालीन चिकित्सा मंत्री के हस्ताक्षर मौजूद है. हम इसकी गहन जांच करेंगे. बेनीवाल की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से जांच की मांग पर मंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर एसीबी को जांच देंगे.
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बीजेपी विधायक हिजाब पर पाबंदी लगा रहे : विधायक रफीक खान ने प्रदेश में चिरंजीवी योजना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि यह योजना बंद है या चालू. जनता चिरंजीवी कार्ड लेकर अस्पताल में घूम रही है. उनका इलाज नहीं हो रहा है. इसके बाद उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को गंगापुर में भाजपा विधायक ने स्कूल में कहा कि यहां हिजाब पर पाबंदी है. वो किस हैसियत से यह बोल रहे हैं. जिस दिन संविधान लागू हुआ, उसी दिन वो संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. इसको लेकर सदन में हंगामा भी हुआ. प्रतिपक्ष ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया.
शाहपुरा में बंदरों पर नियंत्रण करें : विधायक मनीष यादव ने शाहपुरा में बंदरों के आतंक को लेकर मामला उठाया. उन्होंने कहा कि शाहपुरा मुख्यालय के अलावा आसपास के पंचायत क्षेत्र में बंदरों का जोरदार आतंक है. बीते कुछ सालों में 2000 से ज्यादा लोगों को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाने पड़े हैं. सरकार इन पर नियंत्रण कर जनता को राहत प्रदान करें. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह खाली शाहपुरा का मामला नहीं है, अजमेर में भी कई जगह ऐसे हालात हैं.