देहरादून: चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं के मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा के दौरान अभी तक 12,82,911 श्रद्धालु धर्मों के दर्शन कर चुके हैं. इनमें 67 श्रद्धालुओं की मौत हृदय गति रूकने से हो चुकी है. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रा के लिए मेडिकल हिस्ट्री को अनिवार्य कर दिया है. साथ ही चारधाम हेल्थ पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है. इससे यात्रियों की स्वास्थ्य संबंधित तमाम जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी.
चारधाम यात्रा में अब तक 67 मौत: चारधाम यात्रा मार्गों पर लगातार बढ़ रहा श्रद्धालुओं के मौतों का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार 28 मई तक 67 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. जिसमें से सबसे अधिक केदारनाथ धाम में 33, बदरीनाथ धाम में 16, यमुनोत्री धाम में 13 और गंगोत्री धाम में 5 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. जिन यात्रियों की मौत हुई है उनमें से अधिकतर श्रद्धालुओं की उम्र 50 साल से अधिक है.
चारधाम यात्रा के लिए मेडिकल हिस्ट्री अनिवार्य: स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया चारधाम यात्रा पर जितने भी 50 साल से अधिक उम्र के यात्री आ रहे है उनकी अनिवार्य रूप से हेल्थ स्क्रीनिंग कराई जा रहाी है. पुरानी मेडिकल हिस्ट्री भी ली जा रही है. इसके अलावा जो यात्री, चारधाम यात्रा ने लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाता है तो उसको मेडिकल हिस्ट्री भरने के लिए भी नोटिफिकेशन दिया जाता है, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया गया है. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि आने वाले समय में सभी यात्रियों की मेडिकल हिस्ट्री को अनिवार्य किया जाएगा.
तैयार किया जा रहा चारधाम हेल्थ एप: इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग, यात्रियों की सुविधा को देखते हुए चारधाम हेल्थ एप भी तैयार कर रहा है, जिसको जल्द ही लांच किया जाएगा. स्वास्थ्य सचिव ने कहा स्वास्थ्य केंद्रों में बहुत कम श्रद्धालुओं की मौत हुई है. ऐसे यात्री जो यात्रा के लिए फिट नहीं है बावजूद इसके वो यात्रा करना चाहते है उनसे अंडरटेकिंग फॉर्म लिया जाता है. जिसमे यात्रा से संबंधित सभी रिस्क की जानकारी दी जाती है. ऐसे में ये यात्री अपने रिस्क पर यात्रा करते हैं.