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होली पर घर बैठे ऐसे करें मिलावटी मिठाई, मावे, पनीर और दूध की पहचान - HOLI 2024

HOLI 2024, प्रदेश में त्योहारी सीजन आते ही मिठाइयों में मिलावट का खेल शुरू हो जाता है. मिलावट की रोकथाम के लिए चिकित्सा विभाग त्योहारों पर अभियान भी चलाता है, लेकिन तब तक भारी मात्रा में मिलावटी मिठाइयां, पनीर और मावा बाजार में खप चुका होता है. अब चिकित्सा विभाग ऐसे घरेलू उपायों के प्रचार प्रसार पर जोर दे रहा है, जिससे घर बैठे ही मिलावटी खाद्य सामग्री की जांच हो सके.

While examining food items in the laboratory of the medical department
चिकित्सा विभाग की प्रयोगशाला में खाद्य पदार्थों की जांच करते हुए
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 23, 2024, 2:13 PM IST

Updated : Mar 23, 2024, 2:26 PM IST

चिकित्सा विभाग की प्रयोगशाला में खाद्य पदार्थों की जांच करते हुए

जयपुर. होली में मिठाई का स्वाद न हो तो होली के रंग फीके रहते हैं. वहीं, त्योहार का सीजन आते ही बाजार में मिलावट के सौदागर भी सक्रिय हो जाते हैं. ऐसे में आपके स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचें, इसके लिए आप खुद भी घर बैठे इन मिठाइयों में मिलावट की जांच कर सकते हैं. चिकित्सा विभाग की फूड एनालिस्ट शुचिता अग्रवाल ने बताया कि आमतौर पर बाजार में मिलने वाले दूध, पनीर और मावे में विभिन्न हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं. सोप स्टोन, नुकसान देने वाले रंग, सेकरीन और एल्यूमीनियम का वर्क आदि इसमें शामिल है, जो स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इनमें मिलावट की पहचान करना अत्यंत जरूरी है.

घर बैठे इस तरह करें मिलावट की जांच:

  1. दूध में मिलावट की जांच: इसमें टिन्चर आयोडिन की कुछ बूंद डालिए. दूध में यदि मिलावट हुई तो दूध का रंग गहरा नीला या काला हो जाएगा, जबकि शुद्ध दूध का रंग कॉफी जैसा होगा.
  2. मावे में मिलावट की जांच: मावे में कुछ बूंदे टिंचर आयोडीन की मिलाएं, यदि मावे का रंग गहरा भूरा हो जाता है तो मावे में मिलावट नहीं है. यदि मावे का रंग गहरा नीला हो जाता है तो इसमें मिलावट है.
  3. देशी घी की जांच: एक परखनली में बराबर मात्रा में घी और सान्द्र हाइड्रो क्लोरिक एसिड डालें. उसमें दो-तीन बूंद फरफ्यूराल सोल्यूशन या चीनी के कुछ दानों को तवे पर गर्म करके डालकर हिलाएं. एसिड लेयर में पिंक कलर आता है तो यह घी मिलावटी है.
  4. सरसों के तेल की जांच: सरसों का तेल एक परखनली में लेकर बराबर मात्रा में सान्द्र नाइट्रिक एसिड डालकर हिलाएं. एसिड लेयर में गुलाबी रंग दिखाई देता है तो तेल में आर्जीमोन ऑयल की मिलावट है.
  5. बेसन: एक परखनली में बेसन को पानी में घोलकर उसमें सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक एसिड की तीन चार बूंद डालकर गरम करें, यदि हल्का गुलाबी रंग आता है जो बाद में लाइट बैंगनी कलर में बदल जाता है तो बेसन मिलावटी है, ध्यान रहे शुद्ध बेसन रंग नहीं बदलता है.
  6. केसर: शुद्ध केसर पानी में शीघ्र घुल जाती है, जबकि नकली नहीं. वहीं, केसर यदि असली है तो आसानी से नहीं टूटती है जबकि नकली टूट जाती है.
  7. चांदी का वर्क: चांदी के वर्क का उपयोग मिठाइयों को सजाने के लिए बहुत ज्यादा किया जाता है. इसकी शुद्धता की जांच के लिए एक आसान प्रयोग है. शुद्ध चांदी का वर्क जलाने पर आसानी से जल जाता, जबकि मिलावटी नहीं.

यह भी पढ़ें: धुलंडी पर चंद्र ग्रहण की छाया, कब मनाएं त्योहार, जानें किन बातों का रखना है ध्यान

मिलावटी खाद्य पदार्थों के प्रयोग से होने वाले नुकसान

  1. शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो जाती है
  2. पौष्टिक तत्वों की कमी के चलते थकान, कमजोरी, दुर्बलता की शिकायत हो सकती है.
  3. पौष्टिक तत्वों की कमी से कई बीमारियां एवं संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
  4. पौष्टिक तत्वों की कमी वाले मिलावटी खाद्य पदार्थ गर्भवती महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के लिए सबसे अधिक हानिकारक होते हैं.
  5. मिलावटी भोजन बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में भी बाधक होता है.

चिकित्सा विभाग की प्रयोगशाला में खाद्य पदार्थों की जांच करते हुए

जयपुर. होली में मिठाई का स्वाद न हो तो होली के रंग फीके रहते हैं. वहीं, त्योहार का सीजन आते ही बाजार में मिलावट के सौदागर भी सक्रिय हो जाते हैं. ऐसे में आपके स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचें, इसके लिए आप खुद भी घर बैठे इन मिठाइयों में मिलावट की जांच कर सकते हैं. चिकित्सा विभाग की फूड एनालिस्ट शुचिता अग्रवाल ने बताया कि आमतौर पर बाजार में मिलने वाले दूध, पनीर और मावे में विभिन्न हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं. सोप स्टोन, नुकसान देने वाले रंग, सेकरीन और एल्यूमीनियम का वर्क आदि इसमें शामिल है, जो स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इनमें मिलावट की पहचान करना अत्यंत जरूरी है.

घर बैठे इस तरह करें मिलावट की जांच:

  1. दूध में मिलावट की जांच: इसमें टिन्चर आयोडिन की कुछ बूंद डालिए. दूध में यदि मिलावट हुई तो दूध का रंग गहरा नीला या काला हो जाएगा, जबकि शुद्ध दूध का रंग कॉफी जैसा होगा.
  2. मावे में मिलावट की जांच: मावे में कुछ बूंदे टिंचर आयोडीन की मिलाएं, यदि मावे का रंग गहरा भूरा हो जाता है तो मावे में मिलावट नहीं है. यदि मावे का रंग गहरा नीला हो जाता है तो इसमें मिलावट है.
  3. देशी घी की जांच: एक परखनली में बराबर मात्रा में घी और सान्द्र हाइड्रो क्लोरिक एसिड डालें. उसमें दो-तीन बूंद फरफ्यूराल सोल्यूशन या चीनी के कुछ दानों को तवे पर गर्म करके डालकर हिलाएं. एसिड लेयर में पिंक कलर आता है तो यह घी मिलावटी है.
  4. सरसों के तेल की जांच: सरसों का तेल एक परखनली में लेकर बराबर मात्रा में सान्द्र नाइट्रिक एसिड डालकर हिलाएं. एसिड लेयर में गुलाबी रंग दिखाई देता है तो तेल में आर्जीमोन ऑयल की मिलावट है.
  5. बेसन: एक परखनली में बेसन को पानी में घोलकर उसमें सान्द्र हाइड्रोक्लोरिक एसिड की तीन चार बूंद डालकर गरम करें, यदि हल्का गुलाबी रंग आता है जो बाद में लाइट बैंगनी कलर में बदल जाता है तो बेसन मिलावटी है, ध्यान रहे शुद्ध बेसन रंग नहीं बदलता है.
  6. केसर: शुद्ध केसर पानी में शीघ्र घुल जाती है, जबकि नकली नहीं. वहीं, केसर यदि असली है तो आसानी से नहीं टूटती है जबकि नकली टूट जाती है.
  7. चांदी का वर्क: चांदी के वर्क का उपयोग मिठाइयों को सजाने के लिए बहुत ज्यादा किया जाता है. इसकी शुद्धता की जांच के लिए एक आसान प्रयोग है. शुद्ध चांदी का वर्क जलाने पर आसानी से जल जाता, जबकि मिलावटी नहीं.

यह भी पढ़ें: धुलंडी पर चंद्र ग्रहण की छाया, कब मनाएं त्योहार, जानें किन बातों का रखना है ध्यान

मिलावटी खाद्य पदार्थों के प्रयोग से होने वाले नुकसान

  1. शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो जाती है
  2. पौष्टिक तत्वों की कमी के चलते थकान, कमजोरी, दुर्बलता की शिकायत हो सकती है.
  3. पौष्टिक तत्वों की कमी से कई बीमारियां एवं संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
  4. पौष्टिक तत्वों की कमी वाले मिलावटी खाद्य पदार्थ गर्भवती महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के लिए सबसे अधिक हानिकारक होते हैं.
  5. मिलावटी भोजन बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में भी बाधक होता है.
Last Updated : Mar 23, 2024, 2:26 PM IST
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