ETV Bharat / state

क्या है मम्प्स रोग जिसके लिए चिकित्सा विभाग ने जारी की है गाइडलाइन, बच्चों का रखें ध्यान - Utility News - UTILITY NEWS

मम्प्स रोग देश में लगातार पैर पसार रहा है. खासकर बच्चों को अपनी जद में ले रहा है. राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने भी इसके लिए गाइडलाइन जारी की है. इस रिपोर्ट में जानिए क्या है मम्प्स और क्या है इसके बचाव के उपाय.

MUMPS SPREADING AMONG CHILDREN
MUMPS SPREADING AMONG CHILDREN
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 30, 2024, 7:55 AM IST

जयपुर. 10 मार्च 2024 का दिन, जब इसी एक दिन में केरल में मम्स के 190 मामले सामने आए. ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग में यह हड़कंप सिर्फ अभी मचा हो, पिछले तीन माह में मम्स के केरल में 11000 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं, और ये बीमारी देश में लगातार पैर पसार रही है. राजस्थान चिकित्सा विभाग ने भी इसके लिए गाइडलाइन जारी की है. राजस्थान में भी इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस रिपोर्ट में जानिए क्या है मम्प्स रोग और क्या है इससे बचाव के उपाय.

मम्प्स आमतौर पर बुखार से स्टार्ट होता है. यह एक वायरस के कारण फैलता है, जिसे RNA वायरस कहा जाता है. हवा के माध्यम से वायरस का संक्रमण फैलता है. इस बीमारी में मूंह पर सूजन शुरू हो जाती है. क्योंकि, कान के पीछे वाले पैरोटिड ग्लैंड्स मुंह में सलाइवा बनाते हैं, यह वायरस सलाइवेरी ग्लैंड को प्रभावित करता है. जिन्होंने अभी तक मम्प्स की वैक्सीन नहीं लगाई है, उनमें यह रोग जल्दी फैलता है.

ये रोग खासकर बच्चों को अपनी जद में ले रहा है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतते हुए बच्चों व वयस्कों में होने वाले इस संक्रामक रोग के प्रसार पर नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए गाइडलाइन जारी की है. जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर बताते हैं कि मम्प्स संक्रामक रोग है, जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकते या लार के माध्यम से दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति तक आसानी से फैलता है. इसके नियंत्रण और रोकथाम के लिए मम्प्स संक्रमण के लक्षणों की पहचान, बचाव व शीघ्र चिकित्सकीय उपचार-परामर्श के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने मम्प्स संक्रमण के मुख्य लक्षणों के बारे में जानकारी दी है, जो इस प्रकार है -

  • गले में लार ग्रंथि में 1 से 3 दिनों तक दर्द.
  • मूंह पर सूजन.
  • मांसपेशियों में दर्द और सूजन.
  • भूख न लगना.

बचाव के उपाय :

स्वस्थ्य व्यक्ति ऐसे लक्षणों वाले व्यक्ति से दूरी बनाएं. रोगी के सम्पर्क में आने के 2 से 3 सप्ताह बाद लक्षण प्रकट होते हैं और 10 से 14 दिनों तक रोगी को प्रभावित करते हैं. उन्होंने बताया कि इस रोग के होने पर रोगी में अंडकोष, स्तन, मस्तिष्क, अंडाशय, अग्नाश्य, रीढ़ की हड्डी में सूजन हो सकती है. साथ ही कुछ दुर्लभ मामलों में बहरापन की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. जिन्होंने MMR (मीज़ल्स, मम्प्स, रूबेला) की वैक्सीन नहीं लगवाई, उन्हें यह ज्यादा प्रभावित करता है.

जयपुर. 10 मार्च 2024 का दिन, जब इसी एक दिन में केरल में मम्स के 190 मामले सामने आए. ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग में यह हड़कंप सिर्फ अभी मचा हो, पिछले तीन माह में मम्स के केरल में 11000 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं, और ये बीमारी देश में लगातार पैर पसार रही है. राजस्थान चिकित्सा विभाग ने भी इसके लिए गाइडलाइन जारी की है. राजस्थान में भी इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस रिपोर्ट में जानिए क्या है मम्प्स रोग और क्या है इससे बचाव के उपाय.

मम्प्स आमतौर पर बुखार से स्टार्ट होता है. यह एक वायरस के कारण फैलता है, जिसे RNA वायरस कहा जाता है. हवा के माध्यम से वायरस का संक्रमण फैलता है. इस बीमारी में मूंह पर सूजन शुरू हो जाती है. क्योंकि, कान के पीछे वाले पैरोटिड ग्लैंड्स मुंह में सलाइवा बनाते हैं, यह वायरस सलाइवेरी ग्लैंड को प्रभावित करता है. जिन्होंने अभी तक मम्प्स की वैक्सीन नहीं लगाई है, उनमें यह रोग जल्दी फैलता है.

ये रोग खासकर बच्चों को अपनी जद में ले रहा है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतते हुए बच्चों व वयस्कों में होने वाले इस संक्रामक रोग के प्रसार पर नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए गाइडलाइन जारी की है. जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर बताते हैं कि मम्प्स संक्रामक रोग है, जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकते या लार के माध्यम से दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति तक आसानी से फैलता है. इसके नियंत्रण और रोकथाम के लिए मम्प्स संक्रमण के लक्षणों की पहचान, बचाव व शीघ्र चिकित्सकीय उपचार-परामर्श के निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने मम्प्स संक्रमण के मुख्य लक्षणों के बारे में जानकारी दी है, जो इस प्रकार है -

  • गले में लार ग्रंथि में 1 से 3 दिनों तक दर्द.
  • मूंह पर सूजन.
  • मांसपेशियों में दर्द और सूजन.
  • भूख न लगना.

बचाव के उपाय :

स्वस्थ्य व्यक्ति ऐसे लक्षणों वाले व्यक्ति से दूरी बनाएं. रोगी के सम्पर्क में आने के 2 से 3 सप्ताह बाद लक्षण प्रकट होते हैं और 10 से 14 दिनों तक रोगी को प्रभावित करते हैं. उन्होंने बताया कि इस रोग के होने पर रोगी में अंडकोष, स्तन, मस्तिष्क, अंडाशय, अग्नाश्य, रीढ़ की हड्डी में सूजन हो सकती है. साथ ही कुछ दुर्लभ मामलों में बहरापन की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. जिन्होंने MMR (मीज़ल्स, मम्प्स, रूबेला) की वैक्सीन नहीं लगवाई, उन्हें यह ज्यादा प्रभावित करता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.