नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के 12 जोन में वार्ड कमेटियों और स्टेंडिंग कमेटी के लिए सदस्य चुने जाने को लेकर अब नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गयी है. शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख थी. एमसीडी में 11 जोन ऐसे हैं जहां बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने दमखम दिखाने के लिए दावेदारी पेश की है. इन 12 में से एक जोन शाहदरा नॉर्थ में कांग्रेस ने भी तीनों पदों जोनल चेयरमैन, डिप्टी चेयरमैन और स्टेंडिंग कमेटी सदस्य के पद पर दावेदारी ठोक कर दोनों पार्टियों के लिए राह में रोड़े अटका दिए हैं. शाहदरा नॉर्थ जोन में कांग्रेस के पास भले ही बहुमत नहीं है, लेकिन वो यहां तीनों पद पर सशक्त दावेदारी ठोक 'किंगमेकर' की भूमिका में नजर आ रही है.
तीन जोन में निर्विरोध चुने जाएंगे कैंडिडेट : एमसीडी के 12 में से तीन जोन तो ऐसे है, जहां आम आदमी पार्टी और बीजेपी के कैंडिडेट निर्विरोध चुन लिए जाएंगे. दरअसल, इन तीनों जोन में दोनों पार्टियों की तरफ से एक दूसरे के सामने कोई कैंडिडेट नहीं उतारा है. जिसके चलते इनमें चेयरमैन, डिप्टी चेयरमैन और स्टेंडिंग कमेटी मैंबर का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है. इनमें खासतौर पर सिटी-सदर पहाड़गंज जोन, करोल बाग जोन और केशव पुरम जोन शामिल हैं. सिटी-एसपी जोन और करोल बाग में आम आदमी पार्टी के सामने कोई नामांकन पर्चा दाखिल नहीं हुआ है. जिसके चलते यह आप पार्टी की झोली में जाना तय है. वहीं, केशव पुरम जोन में बीजेपी कैंडिडेट के सामने किसी पद पर कोई नामांकन पत्र दाखिल नहीं होने से यहां निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है.
नरेला जोन में भाजपा को मिल सकती है जीत : अब मामला आप-कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा का उन जोनों को लेकर टिका है, जहां पर दोनों के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है. पिछले दिनों आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में गए 5 पार्षदों ने जहां आप पार्टी को मुश्किल में डाल दिया था, वहीं बीजेपी के लिए राह आसान कर दी थी. हालांकि, आप पार्टी के रामचंद्र 4 दिनों के भीतर ही बीजेपी छोड़कर पुन: घर वापसी कर गए हैं. रामचंद्र नरेला जोन के अंतर्गत आने वाले वार्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं. बावजूद इसके राम चंद्र के पार्टी में वापस जाने पर भी नरेला जोन में आम आदमी पार्टी के पास 9 निगम पार्षद हैं, जबकि बीजेपी के पास यहां 11 निगम पार्षद हैं. बीजेपी ने आप छोड़कर बीजेपी में आए पवर सहरावत को ही चेयरमैन पद पर उतारा है. जिसके चलते इस जोन में बीजेपी की जीत में कोई खास अड़चन नहीं दिख रही है.
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सेंट्रल जोन में AAP के पास बहुमत नहीं : इसके अलावा सेंट्रल जोन में भी आप के पास बहुमत नहीं है जिसके तीन पार्षद बीजेपी में जाने के बाद बड़ा नुकसान हुआ है. आम आदमी पार्टी 13 की संख्या से नीचे खिसकर 10 पर आ गई है जबकि बीजेपी 12 से बढ़कर 15 की संख्या हो गई है. आप पार्टी के मौजूदा पार्षद 10 में अगर कांग्रेस के दो पार्षद भी उसको समर्थन करते हैं तो भी आम आदमी पार्टी यहां जीत की ओर नहीं पहुंचती दिख रही है. इस तरह से बीजेपी को सिविल लाइन जोन, नजफगढ़ जोन, शाहदरा साउथ जोन और शाहदरा नॉर्थ जोन भी उसके कब्जे में आने वाले ही हैं. हालांकि, शाहदरा नॉर्थ में कांग्रेस की वजह से बीजेपी को कुछ मुश्किलें आ सकती हैं. आम आदमी पार्टी को यहां पर भी स्पष्ट बहुमत नहीं है. कांग्रेस ने भी तीनों पदों के लिए अपने प्रत्याशियों को उतार कर दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी की हुई हैं.
इन 5 सीटों पर कब्जा करने की स्थिति में AAP
इन सब आंकड़ों से यह सब साफ हो जा रहा है कि 12 में से 5 जोन (सिटी-सदर पहाड़गंज, करोल बाग, रोहिणी, वेस्ट, साउथ) पर आम आदमी पार्टी कब्जा करने की पूरी स्थिति में है अगर 4 सितंबर को होने वाली वोटिंग में कोई क्रॉस वोटिंग नहीं होती है. वहीं, बीजेपी संख्या बल के आधार पर 7 जोनों (केशव पुरम जोन, सिविल लाइन, नरेला, नजफगढ़, शाहदरा साउथ, शाहदरा नॉर्थ, सेंट्रल) में जीत की तरफ बढ़ती दिख रही है.
जोन जीतने के चलते बीजेपी को 7 स्टेंडिंग कमेटी मैंबर भी स्थायी समिति के लिए सातों जोन से मिल जाएंगे. इससे वह स्टेंडिंग कमेटी के चुनाव में आम आदमी पार्टी के सामने बराबर की टक्कर पर रहेगी. 18 सदस्यीय स्टेंडिंग कमेटी के चुनाव में दोनों दलों के पास सदस्यों की संख्या 9-9 हो जाएगी. इसके लिए आने वाले समय में जोड़तोड़ की राजनीति और तेज नजर आएगी, हालांकि स्टेंडिंग कमेटी के लिए चुनाव की तारीख का ऐलान होना बाकी है. स्टेंडिंग कमेटी के चुनाव में क्रॉस वोटिंग होने की प्रबल संभावनाओं से गुरेज नहीं किया जा सकता.
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