मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: सरकार की ओर से शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के दावे तो बहुत किए जाते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कई गांवों में प्राथमिक शिक्षा की हालत बेहद खराब है. लोग अपने बच्चों को पढ़ाना तो चाहते हैं, लेकिन स्कूल न होने से यहां के बच्चे शिक्षा से वंचित हैं. ऐसा ही एक गांव मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में हैं. जहां आजादी से लेकर अब तक स्कूल का निर्माण नहीं हो सका है. गांव में स्कूल न होने के कारण बच्चे 20 किलोमीटर दूर पढ़ाई करने जाते हैं.
ग्रामीणों ने की स्कूल भवन खोले जाने की मांग: छत्तीसगढ़ में शाला प्रवेश उत्सव मनाया जा चुका है. लेकिन एमसीबी जिले के भरतपुर तहसील के कुदरा पा गांव में कई बच्चे ऐसे है, जो पढ़ना तो चाहते है, पर उनके यहां स्कूल ही नहीं है. हमारे मौलिक अधिकारों में शिक्षा भी शामिल है, पर दुर्भाग्य है कि इस गांव के बड़े बुजुर्गों ने भी आज तक स्कूल का मुंह नहीं देखा है. यहां के लोगों ने अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए गांव में एक स्कूल खोले जाने की मांग की है.
हम तो पढ़े-लिखे नहीं हैं. हमारे बच्चे पढ़ लेते, हमारे बच्चे पढ़कर कुछ बनते तो इनका भी भविष्य अच्छा होता. इससे पहले कांग्रेस की सरकार थी. विधायक गुलाब कमरो यहां के विधायक थे. वोट मांगने आते थे. बोले थे कि इस गांव में एक स्कूल खुलवाएंगे, जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल पाएगी, लेकिन वोट मांगने आते हैं. उसके बाद वो अपना किया वादा भूल जाते हैं.-ग्रामीण
ग्रामीणों ने पूर्व विधायक से की थी मांग: यहां के ग्रामीणों की मानें तो ये क्षेत्र भरतपुर सोनहत विधानसभा अंतर्गत पड़ता है. यहां के पूर्व विधायक गुलाब कमरों से ग्रामीणों ने स्कूल खोले जाने की मांग तो की थी, हालांकि उन्होंने स्कूल खोले जाने को लेकर कोई पहल नहीं की. एक ग्रामीण ने कहा, "जब से यह गांव बसा है, तब से यहां स्कूल नहीं है. यहां भी प्राथमिक शाला खुल जाता, तो बच्चों को शिक्षा में सुविधा मिलती. दूर-दराज स्कूल जाने में बच्चों को भेजने से डर लगता है, क्योंकि घने जंगल हैं. जंगल में भी अब शेर-भालू और जंगली भैंस आ गए हैं. इससे डर लगा रहता है. स्कूल खुलने से बच्चे को पढ़ने में आसानी होती. इस गांव में लगभग 40 से 50 बच्चे हैं, जो शिक्षा से वंचित हैं."
बहुत ही इंटीरियर गांव है. यहां की आबादी और बाकी चीज बहुत कम है. बहुत ही दुरुस्थ वन्यांचल क्षेत्र होने के कारण अभी तक यहां स्कूल भवन का निर्माण नहीं हो पाया है. जैसे ही भवन की स्वीकृत मिल जाएगी, स्कूल भवन का निर्माण किया जाएगा. -अजय मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी, एमसीबी
बता दें कि जहां एक ओर गांव के लोग अपने बच्चों की शिक्षा के लिए गांव में स्कूल निर्माण की बात कह रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर जिला शिक्षा अधिकारी स्कूल भवन निर्माण की स्वीकृति मिलने की बात कह रहे हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि आखिरकार कब इस गांव में स्कूल भवन बन पाता है.