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स्टैंडिंग कमेटी सदस्य के चुनाव को लेकर मेयर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया - Shelly Oberoi approached SC

Shelly Oberoi Approached SC: दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय ने स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने कहा कि यह चुनाव असंवैधानिक है.

मेयर शेली ओबेरॉय
मेयर शेली ओबेरॉय (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 29, 2024, 10:13 PM IST

Updated : Sep 30, 2024, 6:15 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की मेयर शेली ओबेरॉय ने शुक्रवार को हुए एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य के चुनाव को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुंदर सिंह तंवर ने जीत हासिल की है. आम आदमी पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए आरोप लगाया था कि यह प्रक्रिया दिल्ली नगर निगम अधिनियम के विपरीत है. मेयर की ओर से याचिका में यह तर्क दिया गया कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव उपराज्यपाल के निर्देशों के आधार पर हुआ.

दिल्ली नगर निगम प्रक्रिया और व्यवसाय संचालन विनियमन 1958 के विनियमन 51 का संदर्भ देते हुए कहा गया है कि स्थायी समिति के लिए चुनाव महापौर की अध्यक्षता में निगम की बैठक में होना चाहिए. इसके अलावा, विनियमन 3 (2) निर्दिष्ट करता है कि ऐसी बैठकों के लिए तिथि, समय और स्थान केवल महापौर द्वारा तय किया जा सकता है.

याचिका में यह भी कहा गया है कि डीएमसी अधिनियम की धारा 76 निर्दिष्ट करती है कि इन बैठकों के लिए पीठासीन अधिकारी महापौर या उनकी अनुपस्थिति में उप-महापौर होना चाहिए. हालांकि, निर्वाचित मेयर की जगह आईएएस अधिकारी को बैठक का पीठासीन अधिकारी बनाया गया, जो याचिकाकर्ता का तर्क है कि पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक है.

यह भी पढ़ें- मोबाइल ने बनाया MCD स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को राष्ट्रीय मुद्दा, जानें कैसे

उल्लेखनीय है स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य का पद भाजपा की कमलजीत सहरावत के लोकसभा में निर्वाचित होने के कारण जून में रिक्त हुआ था. इससे पहले शुक्रवार को भाजपा ने स्थायी समिति में रिक्त स्थान को भरने के लिए चुनाव कराने में विफल रहने को लेकर मेयर के खिलाफ अवमानना याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

भाजपा का कहना है कि मेयर ने पांच अगस्त को दिए गए कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन किया है, जिसमें स्थायी समिति के एक सदस्य के खाली पद को भरने का निर्देश दिया था. साथ ही 26 सितंबर को चुनाव कराने का निर्देश दिया था. मेयर ने चुनाव कराने में विफल रहते हुए पांच अक्टूबर को चुनाव की अगली तारीख तय की थी. फिर उप-राज्यपाल के निर्देश पर 27 सितंबर को चुनाव संपन्न हुआ था.

यह भी पढ़ें- AAP सरकार पर बीजेपी का हमला, कहा- केजरीवाल ने लैंडफिल साइट सफाई पर दिल्ली वालों को दिया धोखा

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की मेयर शेली ओबेरॉय ने शुक्रवार को हुए एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य के चुनाव को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुंदर सिंह तंवर ने जीत हासिल की है. आम आदमी पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए आरोप लगाया था कि यह प्रक्रिया दिल्ली नगर निगम अधिनियम के विपरीत है. मेयर की ओर से याचिका में यह तर्क दिया गया कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव उपराज्यपाल के निर्देशों के आधार पर हुआ.

दिल्ली नगर निगम प्रक्रिया और व्यवसाय संचालन विनियमन 1958 के विनियमन 51 का संदर्भ देते हुए कहा गया है कि स्थायी समिति के लिए चुनाव महापौर की अध्यक्षता में निगम की बैठक में होना चाहिए. इसके अलावा, विनियमन 3 (2) निर्दिष्ट करता है कि ऐसी बैठकों के लिए तिथि, समय और स्थान केवल महापौर द्वारा तय किया जा सकता है.

याचिका में यह भी कहा गया है कि डीएमसी अधिनियम की धारा 76 निर्दिष्ट करती है कि इन बैठकों के लिए पीठासीन अधिकारी महापौर या उनकी अनुपस्थिति में उप-महापौर होना चाहिए. हालांकि, निर्वाचित मेयर की जगह आईएएस अधिकारी को बैठक का पीठासीन अधिकारी बनाया गया, जो याचिकाकर्ता का तर्क है कि पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक है.

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उल्लेखनीय है स्टैंडिंग कमेटी के छठे सदस्य का पद भाजपा की कमलजीत सहरावत के लोकसभा में निर्वाचित होने के कारण जून में रिक्त हुआ था. इससे पहले शुक्रवार को भाजपा ने स्थायी समिति में रिक्त स्थान को भरने के लिए चुनाव कराने में विफल रहने को लेकर मेयर के खिलाफ अवमानना याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

भाजपा का कहना है कि मेयर ने पांच अगस्त को दिए गए कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन किया है, जिसमें स्थायी समिति के एक सदस्य के खाली पद को भरने का निर्देश दिया था. साथ ही 26 सितंबर को चुनाव कराने का निर्देश दिया था. मेयर ने चुनाव कराने में विफल रहते हुए पांच अक्टूबर को चुनाव की अगली तारीख तय की थी. फिर उप-राज्यपाल के निर्देश पर 27 सितंबर को चुनाव संपन्न हुआ था.

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Last Updated : Sep 30, 2024, 6:15 AM IST
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