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मायावती बोलीं- हाथ में संविधान लेकर घूमने वाले आरक्षण पर क्यों चुप हैं, पीएम मोदी ने किया धोखा - BSP Supremo Mayawati - BSP SUPREMO MAYAWATI

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों से प्रधानमंत्री ने हवा हवाई वादा किया है. अचानक संसद सत्र खत्म होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सदन में ही बदला जा सकता था.

मायावती ने आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा को घेरा.
मायावती ने आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा को घेरा. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 10, 2024, 5:10 PM IST

Updated : Aug 10, 2024, 8:19 PM IST

बसपा सुप्रीमो मायावती. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायवती ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा, सपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर जमकर बरसीं. उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर सपा, कांग्रेस और आम आप से अपना स्टैंड क्लियर करने को कहा. भारतीय जनता पार्टी पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया.

मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक अगस्त के निर्णय को संसद में भी लाकर संशोधित करना था, लेकिन बिल लाने से पहले ही सांसद समाप्त कर दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जब एससी-एसटी वर्ग के सांसदों ने मुलाकात की तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि संशोधन करेंगे. लेकिन प्रधानमंत्री की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बात को लेकर पुष्टि की गई न उन्होंने मीडिया में ही आकर कुछ कहा. संसद सत्र भी समय से पहले खत्म कर दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी साफ-साफ देश की जनता को बताना चाहिए. अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों से प्रधानमंत्री ने हवा हवाई वादा किया है. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि चुनाव के पहले हाथ में संविधान की पुस्तक लिए फिरते थे, संविधान की दुहाई देते थे, लेकिन आज आरक्षण पर चुप्पी साधे हुए हैं. अब संविधान पर क्यों नहीं बोलते?

मायावती ने कहा कि भाजपा के साथ ही कांग्रेस ने आरक्षण को खत्म करने का काम किया है. अनुसूचित जाति जनजाति के सांसद और विधायकों से अपील की कि अपनी आवाज शांतिपूर्ण ढंग से आरक्षण के पक्ष में उठाते रहें. एससी एसटी वर्ग के लोगों को आगाह करते हुए कहा कि आरक्षण को लेकर सभी पार्टियों से सचेत रहें. देश में अनुसूचित जाति और जनजाति के लाखों पद खाली रखे गए. इसके बाद इन्हें खत्म कर दिया और सामान्य जाति को सौंप दिए गए. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी अनुसूचित जाति और जनजाति के वर्गों के पद आरक्षित किए जाएं. कहा कि जहां जहां कांग्रेस की सरकारें हैं वो इस आरक्षण के मुद्दे पर कुछ क्यूं नहीं बोल रही हैं?

राहुल गांधी पर इशारों-इशारों में हमला करते हुए मायावती ने कहा कि चुनाव में संविधान बचाने की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे. अब संविधान नहीं दिखा रहे. अब संविधान की बात नहीं कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी से सवाल किया कि आप भी बताए कि दिल्ली में इस फैसले को लागू करेगी या नहीं. उन्होंने कहा कि ये पार्टियां दोगली राजनीति न करें. प्रधानमंत्री के आश्वासन से काम नहीं चलेगा. अपना स्टैंड क्लियर करना होगा. संसद सत्र को कम से कम पांच से छह दिन चलाते और संशोधन बिल लाते. फिर से सदन बुलाएं और एक अगस्त के निर्णय को संशोधित कराएं. जिन राज्यों में चुनाव आने वाले हैं, वहां के लोग इसके लिए किसी भी पार्टी को माफ नहीं करेंगे.

बता दें कि एक दिन पहले प्रधानमंत्री से भेंट करने गए बीजेपी के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सांसदों को पीएम मोदी ने आश्वासन दिया था कि SC/ST वर्ग में क्रीमीलेयर को लागू नहीं होने देंगे. एससी-एसटी के आरक्षण में कोई उप-वर्गीकरण भी नहीं करने की उनकी मांगों पर ग़ौर किया जाएगा. जिसका मायावती ने स्वागत किया था. लेकिन तय समय से पहले सदन को अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर देने के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को बिल लाकर संशोधित न करने से अब मायावती नाराज हैं. उन्हें कांग्रेस और सपा के नेताओं से भी शिकायत है कि वह वोट के लिए हाथ में संविधान लेकर घूमते रहे. अब खामोश हैं.

जया बच्चन पर सवाल कहा, अरे...छोड़ो आप क्या

जब बसपा सुप्रीमो की प्रेस कॉन्फ्रेंस समाप्त हुई तो "ईटीवी भारत" संवाददाता ने बसपा सुप्रीमो से सवाल किया कि संसद की कार्रवाई सरकार ने ऐसे ही समाप्त नहीं कर दी. बल्कि सपा सांसद जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ का टकराव बढ़ गया था. सवाल पूरा हो पाता इससे पहले ही मायावती ने कहा, अरे...छोड़ो आप क्या जया बच्चन मतलब! इतना इंपॉर्टेंट मामला है‚ देश के करोड़ों एससी-एसटी वर्गों के हितों का मामला है. आप ध्यान डायवर्ट कर रहे हैं. इसके बाद मायावती ने कहा कि ऐसी बातें कर रहें हैं तो आप उनसे ही पूछो जाके. इसके बाद मायावती ने सभी मीडियाकर्मियों से जलपान करने को कहा, साथ ही पिछली बार इसकी व्यवस्था नहीं होने पर माफी मांगी. कहा आप लोग समझते होंगे कि बहन जी आपकी कम खिदमत कर पाती हैं. अब आप लोग के लिए इस बार व्यवस्था की है और मजाक कर हंसते हुए प्रेस कांफ्रेंस समाप्त की.

इसे भी पढ़ें-वक्फ संशोधन विधेयक पर सपा-बसपा हमलावर; मायावती बोलीं- सरकार न करे धार्मिक मसलों में दखलअंदाजी, अखिलेश ने भाजपा पर कसा तंज

बसपा सुप्रीमो मायावती. (Video Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायवती ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा, सपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर जमकर बरसीं. उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर सपा, कांग्रेस और आम आप से अपना स्टैंड क्लियर करने को कहा. भारतीय जनता पार्टी पर भी राजनीति करने का आरोप लगाया.

मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक अगस्त के निर्णय को संसद में भी लाकर संशोधित करना था, लेकिन बिल लाने से पहले ही सांसद समाप्त कर दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जब एससी-एसटी वर्ग के सांसदों ने मुलाकात की तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि संशोधन करेंगे. लेकिन प्रधानमंत्री की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बात को लेकर पुष्टि की गई न उन्होंने मीडिया में ही आकर कुछ कहा. संसद सत्र भी समय से पहले खत्म कर दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी साफ-साफ देश की जनता को बताना चाहिए. अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों से प्रधानमंत्री ने हवा हवाई वादा किया है. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि चुनाव के पहले हाथ में संविधान की पुस्तक लिए फिरते थे, संविधान की दुहाई देते थे, लेकिन आज आरक्षण पर चुप्पी साधे हुए हैं. अब संविधान पर क्यों नहीं बोलते?

मायावती ने कहा कि भाजपा के साथ ही कांग्रेस ने आरक्षण को खत्म करने का काम किया है. अनुसूचित जाति जनजाति के सांसद और विधायकों से अपील की कि अपनी आवाज शांतिपूर्ण ढंग से आरक्षण के पक्ष में उठाते रहें. एससी एसटी वर्ग के लोगों को आगाह करते हुए कहा कि आरक्षण को लेकर सभी पार्टियों से सचेत रहें. देश में अनुसूचित जाति और जनजाति के लाखों पद खाली रखे गए. इसके बाद इन्हें खत्म कर दिया और सामान्य जाति को सौंप दिए गए. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी अनुसूचित जाति और जनजाति के वर्गों के पद आरक्षित किए जाएं. कहा कि जहां जहां कांग्रेस की सरकारें हैं वो इस आरक्षण के मुद्दे पर कुछ क्यूं नहीं बोल रही हैं?

राहुल गांधी पर इशारों-इशारों में हमला करते हुए मायावती ने कहा कि चुनाव में संविधान बचाने की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे. अब संविधान नहीं दिखा रहे. अब संविधान की बात नहीं कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी से सवाल किया कि आप भी बताए कि दिल्ली में इस फैसले को लागू करेगी या नहीं. उन्होंने कहा कि ये पार्टियां दोगली राजनीति न करें. प्रधानमंत्री के आश्वासन से काम नहीं चलेगा. अपना स्टैंड क्लियर करना होगा. संसद सत्र को कम से कम पांच से छह दिन चलाते और संशोधन बिल लाते. फिर से सदन बुलाएं और एक अगस्त के निर्णय को संशोधित कराएं. जिन राज्यों में चुनाव आने वाले हैं, वहां के लोग इसके लिए किसी भी पार्टी को माफ नहीं करेंगे.

बता दें कि एक दिन पहले प्रधानमंत्री से भेंट करने गए बीजेपी के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सांसदों को पीएम मोदी ने आश्वासन दिया था कि SC/ST वर्ग में क्रीमीलेयर को लागू नहीं होने देंगे. एससी-एसटी के आरक्षण में कोई उप-वर्गीकरण भी नहीं करने की उनकी मांगों पर ग़ौर किया जाएगा. जिसका मायावती ने स्वागत किया था. लेकिन तय समय से पहले सदन को अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर देने के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को बिल लाकर संशोधित न करने से अब मायावती नाराज हैं. उन्हें कांग्रेस और सपा के नेताओं से भी शिकायत है कि वह वोट के लिए हाथ में संविधान लेकर घूमते रहे. अब खामोश हैं.

जया बच्चन पर सवाल कहा, अरे...छोड़ो आप क्या

जब बसपा सुप्रीमो की प्रेस कॉन्फ्रेंस समाप्त हुई तो "ईटीवी भारत" संवाददाता ने बसपा सुप्रीमो से सवाल किया कि संसद की कार्रवाई सरकार ने ऐसे ही समाप्त नहीं कर दी. बल्कि सपा सांसद जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ का टकराव बढ़ गया था. सवाल पूरा हो पाता इससे पहले ही मायावती ने कहा, अरे...छोड़ो आप क्या जया बच्चन मतलब! इतना इंपॉर्टेंट मामला है‚ देश के करोड़ों एससी-एसटी वर्गों के हितों का मामला है. आप ध्यान डायवर्ट कर रहे हैं. इसके बाद मायावती ने कहा कि ऐसी बातें कर रहें हैं तो आप उनसे ही पूछो जाके. इसके बाद मायावती ने सभी मीडियाकर्मियों से जलपान करने को कहा, साथ ही पिछली बार इसकी व्यवस्था नहीं होने पर माफी मांगी. कहा आप लोग समझते होंगे कि बहन जी आपकी कम खिदमत कर पाती हैं. अब आप लोग के लिए इस बार व्यवस्था की है और मजाक कर हंसते हुए प्रेस कांफ्रेंस समाप्त की.

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Last Updated : Aug 10, 2024, 8:19 PM IST
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