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मायावती का विपक्षी दलों पर हमला, कहा-वोट के लिए संत रविदास की प्रतिमा पर नेता टेक रहे माथा

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने संत गुरु रविदास की जयंती (Saint Ravidas Jayanti) पर विपक्ष दलों के नेताओं पर हमला बोला है. मायावती ने कहा कि स्वार्थ की खातिर संत गुरु व उनके उपदेशों की अनदेखी व उपेक्षा करने वाले कुछ राजनीतिक दल के नेता माथा टेकने में लगे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 24, 2024, 3:35 PM IST

लखनऊ : 'मन चंगा तो कठौती में गंगा' का अमर संदेश देने वाले संत गुरु रविदास की जयंती पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद मायावती ने देशभर के लोगों को बधाई दी है. इस दौरान मायावती ने इशारों इशारों में विपक्षी दलों के नेताओं पर प्रहार किया है. उन्होंने कहा है कि 'संकीर्ण स्वार्थ की खातिर संत गुरु व उनके उपदेशों की अनदेखी व उपेक्षा करने वाले उनको माथा टेकने में लगे हैं, लेकिन सही में वह गरीबों का भला कभी नहीं कर सकते हैं. उनकी सरकार ऐसा नहीं करती है. इसीलिए आज के संकीर्णता व द्वेष से ग्रस्त माहौल में मन को हर लिहाज से वाकई में चंगा करने की जरूरत है'.

जात-पात विकास में बड़ा बाधकः बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर संत गुरु रविदास की जयंती की बधाई देकर उन्हें नमन किया है. उन्होंने कहा कि संत गुरु रविदास ने अपना सारा जीवन लोगों को इंसान बनने के लिए, इंसानियत का संदेश देने में गुजारा. खासकर जाति, भेद के खिलाफ आजीवन संघर्ष करते रहे. उनका संदेश धर्म या किसी स्वार्थ खासकर राजनीतिक चुनावी स्वार्थ की पूर्ति के लिए नहीं, बल्कि समाज सेवा और जन चेतना के लिए ही था, जिसे वर्तमान में खासकर सरकारों की तरफ से पूरी तरह से भुला दिया गया है. इसी वजह से अमन चैन आपसी भाईचारे और सुख समृद्धि का वातावरण काफी कुछ न के बराबर है, जबकि वोटों की स्वार्थ की खातिर संत गुरु व उनके उपदेशों की हमेशा अनदेखी और उपेक्षा करने वाले लोग उनका माथा टेकते देखे जा सकते हैं. खासकर शासक वर्ग को हर लिहाज से अपना मन वाकई में चंगा करने की सख्त जरूरत है. जिससे समाज व देश में सही मायने में हर प्रकार से सुखी व संपन्न हो सके. वाराणसी में छोटी समझे जाने वाली जाति में जन्म लेने के बावजूद प्रभु भक्ति के बल पर रविदास ब्रह्माकार हुए. एक प्रबल समाज सुधारक के तौर पर वे आजीवन कड़ा संघर्ष करके समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ और सुधार लाने की पुरजोर कोशिश करते रहे. वे जाति भेदभाव पर कड़ा प्रहार करते हुए कहते हैं कि मानव जाति एक है इसीलिए सभी को समान समझकर प्रेम करना चाहिए. उनका मानना था कि जात-पात व मानवता के समग्र विकास में बड़ा बाधक हैं.

बसपा सरकार में संत रविदास के नाम पर बहुत कार्य हुएः मायावती ने कहा कि संत रविदास के सम्मान में व उनकी स्मृति को बनाए रखने के लिए बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने उत्तर प्रदेश में अनेक कार्य किए. संत रविदास के नाम पर भदोही को जिला मुख्यालय का दर्जा सुरक्षित रखते हुए नया संत रविदास जिला बनाया. जिसे सपा सरकार ने जातिवादी व राजनीतिक विद्वेष के कारण बदल दिया. लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने भी इसका नाम अब तक बहाल नहीं किया है, जो बेहद दुखद है. फैजाबाद में संत गुरु रविदास राजकीय महाविद्यालय का निर्माण, वाराणसी में संत रविदास पार्क व घाट, वाराणसी में ही संत रविदास की प्रतिमा की स्थापना, संत रविदास सम्मान पुरस्कार की स्थापना बीएसपी के शासनकाल में हुए. संत रविदास पॉलिटेक्निक चंदौली की स्थापना, संत रविदास एससी एसटी प्रशिक्षण संस्थान, वाराणसी में गंगा नदी पर बने पुल का नाम संत रविदास के नाम पर करने और स्वीकृति, इसके अलावा भी कई और कार्य बीएसपी की सरकार के दौरान बिना किसी मांग के अपनी पहल पर ही किए.

लोगों को सावधान रहने की जरूरतः मायावती ने कहा कि जातिवादी तत्वों पर पार्टियों से जो केवल वोटों के स्वार्थ की राजनीति करने में माहिर हैं, उनसे लोगों को सावधान रहने की ज्यादा जरूरत है. संत गुरु रविदास के उपदेश के मुताबिक पार्टी व सरकारें अगर मन चंगा करके कार्य करेंगे तभी यहां मजलूम लोगों का सही में भला होगा. देश में विकास की गंगा भी जरूर बहेगी. मायावती ने कहा कि ऐसा चाल चरित्र और चेहरा किसी भी राजनीतिक दल का यहां आज तक नजर नहीं आता. कुल मिलाकर दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़े वर्ग में जन्मे महान संतों गुरुओं और महापुरुषों के आगे नतमस्तक होना एक बात है, लेकिन करोड़ों अनुयायियों के प्रति हीन भावना की संकीर्ण और जातिवादी सोच, उनका उद्धार करने का सही कार्य नहीं करना वास्तव में जनता को नकारना है.

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लखनऊ : 'मन चंगा तो कठौती में गंगा' का अमर संदेश देने वाले संत गुरु रविदास की जयंती पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद मायावती ने देशभर के लोगों को बधाई दी है. इस दौरान मायावती ने इशारों इशारों में विपक्षी दलों के नेताओं पर प्रहार किया है. उन्होंने कहा है कि 'संकीर्ण स्वार्थ की खातिर संत गुरु व उनके उपदेशों की अनदेखी व उपेक्षा करने वाले उनको माथा टेकने में लगे हैं, लेकिन सही में वह गरीबों का भला कभी नहीं कर सकते हैं. उनकी सरकार ऐसा नहीं करती है. इसीलिए आज के संकीर्णता व द्वेष से ग्रस्त माहौल में मन को हर लिहाज से वाकई में चंगा करने की जरूरत है'.

जात-पात विकास में बड़ा बाधकः बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर संत गुरु रविदास की जयंती की बधाई देकर उन्हें नमन किया है. उन्होंने कहा कि संत गुरु रविदास ने अपना सारा जीवन लोगों को इंसान बनने के लिए, इंसानियत का संदेश देने में गुजारा. खासकर जाति, भेद के खिलाफ आजीवन संघर्ष करते रहे. उनका संदेश धर्म या किसी स्वार्थ खासकर राजनीतिक चुनावी स्वार्थ की पूर्ति के लिए नहीं, बल्कि समाज सेवा और जन चेतना के लिए ही था, जिसे वर्तमान में खासकर सरकारों की तरफ से पूरी तरह से भुला दिया गया है. इसी वजह से अमन चैन आपसी भाईचारे और सुख समृद्धि का वातावरण काफी कुछ न के बराबर है, जबकि वोटों की स्वार्थ की खातिर संत गुरु व उनके उपदेशों की हमेशा अनदेखी और उपेक्षा करने वाले लोग उनका माथा टेकते देखे जा सकते हैं. खासकर शासक वर्ग को हर लिहाज से अपना मन वाकई में चंगा करने की सख्त जरूरत है. जिससे समाज व देश में सही मायने में हर प्रकार से सुखी व संपन्न हो सके. वाराणसी में छोटी समझे जाने वाली जाति में जन्म लेने के बावजूद प्रभु भक्ति के बल पर रविदास ब्रह्माकार हुए. एक प्रबल समाज सुधारक के तौर पर वे आजीवन कड़ा संघर्ष करके समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ और सुधार लाने की पुरजोर कोशिश करते रहे. वे जाति भेदभाव पर कड़ा प्रहार करते हुए कहते हैं कि मानव जाति एक है इसीलिए सभी को समान समझकर प्रेम करना चाहिए. उनका मानना था कि जात-पात व मानवता के समग्र विकास में बड़ा बाधक हैं.

बसपा सरकार में संत रविदास के नाम पर बहुत कार्य हुएः मायावती ने कहा कि संत रविदास के सम्मान में व उनकी स्मृति को बनाए रखने के लिए बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने उत्तर प्रदेश में अनेक कार्य किए. संत रविदास के नाम पर भदोही को जिला मुख्यालय का दर्जा सुरक्षित रखते हुए नया संत रविदास जिला बनाया. जिसे सपा सरकार ने जातिवादी व राजनीतिक विद्वेष के कारण बदल दिया. लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने भी इसका नाम अब तक बहाल नहीं किया है, जो बेहद दुखद है. फैजाबाद में संत गुरु रविदास राजकीय महाविद्यालय का निर्माण, वाराणसी में संत रविदास पार्क व घाट, वाराणसी में ही संत रविदास की प्रतिमा की स्थापना, संत रविदास सम्मान पुरस्कार की स्थापना बीएसपी के शासनकाल में हुए. संत रविदास पॉलिटेक्निक चंदौली की स्थापना, संत रविदास एससी एसटी प्रशिक्षण संस्थान, वाराणसी में गंगा नदी पर बने पुल का नाम संत रविदास के नाम पर करने और स्वीकृति, इसके अलावा भी कई और कार्य बीएसपी की सरकार के दौरान बिना किसी मांग के अपनी पहल पर ही किए.

लोगों को सावधान रहने की जरूरतः मायावती ने कहा कि जातिवादी तत्वों पर पार्टियों से जो केवल वोटों के स्वार्थ की राजनीति करने में माहिर हैं, उनसे लोगों को सावधान रहने की ज्यादा जरूरत है. संत गुरु रविदास के उपदेश के मुताबिक पार्टी व सरकारें अगर मन चंगा करके कार्य करेंगे तभी यहां मजलूम लोगों का सही में भला होगा. देश में विकास की गंगा भी जरूर बहेगी. मायावती ने कहा कि ऐसा चाल चरित्र और चेहरा किसी भी राजनीतिक दल का यहां आज तक नजर नहीं आता. कुल मिलाकर दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़े वर्ग में जन्मे महान संतों गुरुओं और महापुरुषों के आगे नतमस्तक होना एक बात है, लेकिन करोड़ों अनुयायियों के प्रति हीन भावना की संकीर्ण और जातिवादी सोच, उनका उद्धार करने का सही कार्य नहीं करना वास्तव में जनता को नकारना है.

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