लखनऊ: बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बसपा को छोड़कर दूसरी राजनीतिक दलों पर जमकर हमला बोला है. मायावती ने एक्स पर किए पोस्ट के जरिए एक ओर जहां इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट की पहल को सही ठहराया है. वहीं बॉन्ड के जरिए चंदा लेने वाले पार्टियों की आलोचना की. साथ ही मायावती ने वह वजह भी बताई कि, किन कारणों के चलते बीएसपी पूंजीपतियों व धन्नासेठों से एक भी रुपये नहीं लेती है.
'बीएसपी बड़े बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल से दूर है': बसपा प्रमुख और पूर्व सीएम मायावती अपने एक्स पर किए पोस्ट में लिखा कि 'रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के बाद चर्चित गुप्त चुनावी बाण्ड से उगे धनबल से देश की राजनीति और चुनाव को भी जनहित व जनमत से दूर करने की प्रक्रिया के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला महत्वपूर्ण है. संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतत प्रयास जरूरी है'.
'’जहाँ सहारा वहां इशारा’, इससे बचने के लिए बीएसपी बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल से दूर है. और जिस कारण यूपी में चार बार बनी सरकार में जनहित, जनकल्याण व गरीबी और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए ऐतिहासिक पहल की, जबकि दूसरी पार्टियां अधिकतर स्वार्थ में ही लगी हैं. उनका कहना है कि देश में अब लोकसभा के लिए हो रहे आमचुनाव में जनहित व देशहित में इन बातों का खास महत्व है तभी बहुजन हितैषी सरकार देश में बनकर लोगों को जानलेवा महंगाई, बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन के लाचार जीवन से मुक्ति मिल पाएगी. वरना गरीबों की गरीबी व अमीरों की अमीरी लगातार बढ़ती जाएगी'.
बीएसपी ही गरीबों की हितैषी है: बता दें कि, अभी तक जो इलेक्टोरल बांड का ब्योरा सामने आया है उसमें बहुजन समाज पार्टी को कहीं से भी बॉन्ड के जरिए चंदा नहीं मिला है. हाल ही में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधान परिषद सदस्य व लखनऊ मंडल प्रभारी भीमराव अंबेडकर ने बयान दिया था कि, देश में सिर्फ एक मात्र दल बहुजन समाज पार्टी ही है जिसने किसी से भी बॉन्ड के जरिए कोई चंदा नहीं लिया. देश की सभी पार्टियां भ्रष्ट हैं, सिर्फ बहुजन समाज पार्टी ही गरीबों की हितैषी है, इसीलिए उसे कहीं से कोई पैसा न मिलता है और न ही लेने की जरूरत है.