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मयाली नेचर कैम्प में एशिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग, स्वदेश दर्शन योजना से होगा कायाकल्प - Mayali Nature Camp

Mayali Nature Camp जशपुर जिले का मयाली नेचर कैंप अब प्रदेश के पर्यटन नक्शे में शामिल हो गया है. सीएम विष्णुदेव साय की पहल पर मयाली को स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटन विभाग ने विकसित करने का फैसला किया है. Asia tallest Shivalinga in Jashpur

Mayali Nature Camp
मयाली नेचर कैम्प में एशिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 26, 2024, 8:08 PM IST

जशपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से जिले के प्रसिद्व प्राकृतिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल को बड़ी उपलब्धि मिली है. जिले के मयाली नेचर कैंप को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना के दूसरे चरण में शामिल कर लिया है. इस योजना में शामिल हो जाने से पर्यटन स्थल में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो सकेगा. साथ ही इसके प्रचार प्रसार होने से यहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी.


नेचर कैंप में घूमने की कई जगह : आपको बता दें कि मयाली नेचर कैंप जिले के कुनकुरी ब्लॉक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे में है. बेलसोंगा डेम और एशिया की सबसे ऊंचा शिवलिंग माना जाने वाला मधेश्वर पहाड़ का विहंगम मनमोहक दृश्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. वनविभाग ने इस जगह पर पर्यटकों के रुकने के लिए टेंट की व्यवस्था भी की है. इन टेंट हाउस में डेम के किनारे, हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर रात्रि विश्राम करने परिवार के साथ भारी संख्या में पर्यटक आते हैं. वीकेंड के दिनों में मयाली में लोगों की भीड़ ज्यादा जुटती है.मयाली नेचर कैंप में बोटिंग की भी सुविधा है.


कैक्टस की विशेष प्रजाति हो रही है विकसित : इसके लिए गाइड के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं. राज्य सरकार के सहयोग से मयाली नेचर कैम्प में कैकट्स गार्डन भी विकसित किया जा रहा है. इस विशेष गार्डन में देश भर में पाए जाने वाले कैक्ट्स की प्रजातियों को समेटा गया है ताकि युवा पीढ़ी कैक्टस से भली भांति परिचित हो सके. इसका एक उद्देश्य लोगों को बायोडायर्वसिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है.


10 करोड़ के मद से होगा कायाकल्प : स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है. इसके लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन करते हुए,विकास के लिए एक्शन प्लान और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है.

जशपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से जिले के प्रसिद्व प्राकृतिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल को बड़ी उपलब्धि मिली है. जिले के मयाली नेचर कैंप को पर्यटन विभाग ने स्वदेश दर्शन योजना के दूसरे चरण में शामिल कर लिया है. इस योजना में शामिल हो जाने से पर्यटन स्थल में बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से हो सकेगा. साथ ही इसके प्रचार प्रसार होने से यहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी.


नेचर कैंप में घूमने की कई जगह : आपको बता दें कि मयाली नेचर कैंप जिले के कुनकुरी ब्लॉक में चराईडांड़ बगीचा स्टेट हाईवे में है. बेलसोंगा डेम और एशिया की सबसे ऊंचा शिवलिंग माना जाने वाला मधेश्वर पहाड़ का विहंगम मनमोहक दृश्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. वनविभाग ने इस जगह पर पर्यटकों के रुकने के लिए टेंट की व्यवस्था भी की है. इन टेंट हाउस में डेम के किनारे, हरियाली से भरे हुए प्राकृतिक स्थल पर रात्रि विश्राम करने परिवार के साथ भारी संख्या में पर्यटक आते हैं. वीकेंड के दिनों में मयाली में लोगों की भीड़ ज्यादा जुटती है.मयाली नेचर कैंप में बोटिंग की भी सुविधा है.


कैक्टस की विशेष प्रजाति हो रही है विकसित : इसके लिए गाइड के साथ सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं. राज्य सरकार के सहयोग से मयाली नेचर कैम्प में कैकट्स गार्डन भी विकसित किया जा रहा है. इस विशेष गार्डन में देश भर में पाए जाने वाले कैक्ट्स की प्रजातियों को समेटा गया है ताकि युवा पीढ़ी कैक्टस से भली भांति परिचित हो सके. इसका एक उद्देश्य लोगों को बायोडायर्वसिटी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना भी है.


10 करोड़ के मद से होगा कायाकल्प : स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है. इसके लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन करते हुए,विकास के लिए एक्शन प्लान और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया गया है.

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