ETV Bharat / state

मथुरा जंक्शन से बच्ची चोरी का मामला; निर्दोष मां समेत चार लोग रिहा, जांच अधिकारी के खिलाफ होगी कार्रवाई - MATHURA NEWS

7 जनवरी 2023 को मथुरा जंक्शन से ढाई साल की बच्ची हो गई थी गायब.

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo credit: ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 7, 2025, 8:40 PM IST

मथुरा : बच्चा चोरी के आरोप में जिला कारागार में बंद निर्दोष मां समेत चार लोगों को रिहा करने का आदेश दिया गया है. यह आदेश शुक्रवार को अपर मुख्य न्यायिक रेलवे ने दिया है. इसके साथ ही जांच अधिकारी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है.

अधिवक्ता विष्णु कुमार ने बताया कि अपर मुख्य न्यायिक रेलवे कोर्ट ने बच्ची चोरी के आरोप में जेल में बंद निर्दोष मां सहित चार लोगों को रिहा करने के आदेश शुक्रवार को दिया है. कोर्ट ने जीआरपी जांच अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश जारी किया है. पुलिस ने जिस बच्ची को बरामद किया, उसका डीएनए भी महिला से मिल गया है.

अधिवक्ता नितिन कुमार नायक ने बताया कि 7 जनवरी 2023 को मथुरा जंक्शन से ढाई साल की बच्ची गायब हो गई थी. जीआरपी ने मुकदमा दर्जकर अक्टूबर 2023 को दिल्ली से पांच आरोपी गिरफ्तार करके बच्चा चोरी का खुलासा कर दिया था, लेकिन कानूनी प्रक्रिया होने के बाद बच्ची और आरोपी महिला का डीएनए कराया गया तो दोनों का मैच हो गया. कोर्ट ने जेल में बंद बच्ची की मां सहित सभी को रिहा करने का आदेश दिया है.





क्या था मामला : बता दें कि 7 जनवरी 2023 को मथुरा जंक्शन से एक महिला फूलवती भटिंडा अपने परिवार के साथ ढाई साल की बच्ची को लेकर जा रही थी. मथुरा जंक्शन से बच्ची चोरी हो गई. जीआरपी पुलिस ने इधर-उधर छानबीन शुरू की, लेकिन बच्ची का कुछ पता नहीं चला. 8 जनवरी को बच्ची चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. जीआरपी की कई टीम बच्ची बरामद करने में जुट गई.

अधिवक्ता के मुताबिक, बच्ची चोरी के मामले में जीआरपी ने दिल्ली के एक आश्रम के पास से दो महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. जीआरपी ने मासूम को बरामद करने का दावा किया और बच्ची को महिला को सौंप दिया. जीआरपी ने इस मामले में महिला हिना चौहान, काजल, राम मिलन, तुलसी और अतुल के खिलाफ संगीन धारा में मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया था, जबकि महिला काजल एक साल पहले ही कारागार से छूट गई थी.




डीएनए रिपोर्ट में हुआ खुलासा : अधिवक्ता के मुताबिक, 16 अक्टूबर 2024 को मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराने के बाद बच्ची और महिला का डीएनए कराने की मांग की गई. न्यायालय की अनुमति मिलने के बाद दोनों का डीएनए कराया गया. 31 अक्टूबर 2024 को बच्ची का डीएनए मिल गया. कोर्ट ने डीएनए के आधार पर जेल में बंद निर्दोष लोगों को रिहा करने के आदेश दिया.

यह भी पढ़ें : चन्दौली में अस्पताल से 14 दिन का बच्चा चोरी, मां ने देवरानी पर लगाया आरोप, संचालक भी शामिल - Child Thief in Chandauli - CHILD THIEF IN CHANDAULI

मथुरा : बच्चा चोरी के आरोप में जिला कारागार में बंद निर्दोष मां समेत चार लोगों को रिहा करने का आदेश दिया गया है. यह आदेश शुक्रवार को अपर मुख्य न्यायिक रेलवे ने दिया है. इसके साथ ही जांच अधिकारी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है.

अधिवक्ता विष्णु कुमार ने बताया कि अपर मुख्य न्यायिक रेलवे कोर्ट ने बच्ची चोरी के आरोप में जेल में बंद निर्दोष मां सहित चार लोगों को रिहा करने के आदेश शुक्रवार को दिया है. कोर्ट ने जीआरपी जांच अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश जारी किया है. पुलिस ने जिस बच्ची को बरामद किया, उसका डीएनए भी महिला से मिल गया है.

अधिवक्ता नितिन कुमार नायक ने बताया कि 7 जनवरी 2023 को मथुरा जंक्शन से ढाई साल की बच्ची गायब हो गई थी. जीआरपी ने मुकदमा दर्जकर अक्टूबर 2023 को दिल्ली से पांच आरोपी गिरफ्तार करके बच्चा चोरी का खुलासा कर दिया था, लेकिन कानूनी प्रक्रिया होने के बाद बच्ची और आरोपी महिला का डीएनए कराया गया तो दोनों का मैच हो गया. कोर्ट ने जेल में बंद बच्ची की मां सहित सभी को रिहा करने का आदेश दिया है.





क्या था मामला : बता दें कि 7 जनवरी 2023 को मथुरा जंक्शन से एक महिला फूलवती भटिंडा अपने परिवार के साथ ढाई साल की बच्ची को लेकर जा रही थी. मथुरा जंक्शन से बच्ची चोरी हो गई. जीआरपी पुलिस ने इधर-उधर छानबीन शुरू की, लेकिन बच्ची का कुछ पता नहीं चला. 8 जनवरी को बच्ची चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. जीआरपी की कई टीम बच्ची बरामद करने में जुट गई.

अधिवक्ता के मुताबिक, बच्ची चोरी के मामले में जीआरपी ने दिल्ली के एक आश्रम के पास से दो महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. जीआरपी ने मासूम को बरामद करने का दावा किया और बच्ची को महिला को सौंप दिया. जीआरपी ने इस मामले में महिला हिना चौहान, काजल, राम मिलन, तुलसी और अतुल के खिलाफ संगीन धारा में मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया था, जबकि महिला काजल एक साल पहले ही कारागार से छूट गई थी.




डीएनए रिपोर्ट में हुआ खुलासा : अधिवक्ता के मुताबिक, 16 अक्टूबर 2024 को मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराने के बाद बच्ची और महिला का डीएनए कराने की मांग की गई. न्यायालय की अनुमति मिलने के बाद दोनों का डीएनए कराया गया. 31 अक्टूबर 2024 को बच्ची का डीएनए मिल गया. कोर्ट ने डीएनए के आधार पर जेल में बंद निर्दोष लोगों को रिहा करने के आदेश दिया.

यह भी पढ़ें : चन्दौली में अस्पताल से 14 दिन का बच्चा चोरी, मां ने देवरानी पर लगाया आरोप, संचालक भी शामिल - Child Thief in Chandauli - CHILD THIEF IN CHANDAULI

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.