मथुरा : हंसराज कॉलोनी की रहने वाली गुंजन भारद्वाज भगवान कृष्ण की प्रेम दीवानी हैं. शनिवार को गुंजन का विवाह हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार ढोल-नगाड़ों के साथ भगवान कृष्ण की मूर्ति के साथ हुआ. बारातियों की स्वागत के लिए अनेक प्रकार के व्यंजन परिवार ने बनवाए. रिश्तेदार समेत तमाम लोग इस अनोखी शादी के साक्षी बने.
हाईवे थाना क्षेत्र के हंसराज कॉलोनी के रहने वाले पंडित चतुर्भुज आचार्य की 21 वर्षीय पुत्री गुंजन भारद्वाज ने शनिवार को भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति के साथ हिंदू-रीति-रिवाज से विवाह किया. ढोल-नगाड़े, बैंडबाजे के साथ बाराती घर पहुंचे. परिजनों ने घर पर खास तरह की सजावट भी कर रखी थी.
बारातियों के स्वागत के लिए अनेक प्रकार के पकवान भी बनाए गए थे. गुंजन का विवाह श्री कृष्ण भगवान से होने की खबर मिलने के बाद आसपास के लोग और रिश्तेदार भी घर पर पहुंचे. गुंजन ने भगवान की मूर्ति के साथ सात फेरे लिए.
गुंजन के पिता ने बारातियों के स्वागत के लिए पूड़ी-कचौड़ी व मिठाइयां भी बनवाई थीं. उन्होंने बताया कि गुंजन 11 वर्ष की आयु से ही भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर रही है. वक्त के साथ उनकी आस्था भगवान में बढ़ती चली गई. इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई छोड़कर वह पूरी तरह कृष्ण की हो गईं.
गुंजन ने बताया कि वह अपना पूरा समय भगवान की सेवा में लगाती हैं. शुरू में माता-पिता ने काफी समझाया लेकिन उनका मन भगवान के अलावा किसी और चीज में नहीं लगा. उन्होंने परिवार के सामने भगवान श्रीकृष्ण से विवाह करने की इच्छा जताई.
परिवार से कहा कि अगर कहीं और उनकी शादी कराई गई तो वह जिंदा नहीं रह पाएंगी. उनके इस फैसले पर परिवार में चार सालों तक विचार-विमर्श चलता रहा. आखिर में माता पिता की मंजूरी मिलने के बाद गुंजन ने कृष्ण भगवान के साथ शादी की.
गुंजन के पिता भागवत आचार्य हैं. दो भाई प्राइवेट नौकरी करते हैं. गुंजन ने बताया कि भगवान के प्रति आशा और भक्ति बचपन से ही उनके मन में है. वह अब इस संसार की मोह और माया से मुक्त हो चुकी हैं. पंडित चतुर्भुज आचार्य ने बताया कि विधि-विधान से शादी कराई गई.
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