पटनाः बिहार में बीपीएससी शिक्षक परीक्षा पेपर लीक मामले का उद्वेदन आर्थिक अपराध इकाई ने किया है. इस मामले में ईओयू ने मास्टरमाइंड को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान डॉ. शिव कुमार के रूप में हुई है. इस मामले में अब तक पुलिस ने 279 आरोपियों की गिरफ्तार कर चुकी है.
नालंदा से जुड़ा तारः पेपर लीक का तार नालंदा से जुड़ा लग रहा है. ईओयू के मुताबिक अनुसंधान के क्रम में नालंदा के नगरनौसा निवासी संजीव कुमार गिरोह के सक्रिय सदस्य डॉक्टर शिव कुमार उर्फ बिट्टू को गिरफ्तार किया गया है. शिव कुमार संजीव सिंह का बेटा बताया जाता है. माना जा रहा है कि दोनों पिता-पुत्र पेपर लीक में शामिल था.
UP पुलिस भर्ती पेपर लीक में भी शामिलः डॉ शिवकुमार पूर्व में भी 2012 और 2017 में नीट यूजी परीक्षा प्रश्न पत्र लीक कांड का अभियुक्त था. इस संदर्भ में पत्रकार नगर थाने में प्राथमिक की भी दर्ज कराई गई थी. पत्रकार नगर थाना कांड में डॉक्टर शिव कुमार का सहयोगी शुभम मंडल उर्फ शिवम मंडल की तलाश भी की जा रही है. अंतरराज्यीय गैंग के तार उत्तर प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और बिहार से जुड़े हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लेखन में भी इन दोनों की संलिप्त सामने आई थी.
मध्य प्रदेश से गिरफ्तारीः आर्थिक अपराध इकाई ने अभिक्तों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया था. मास्टरमाइंड डॉक्टर शिवकुमार की गिरफ्तारी मध्य प्रदेश के उज्जैन से की गई है. इसके साथ गिरोह के अन्य चार साथी को भी गिरफ्तार किया गया है. इसमें संदीप कुमार, प्रदीप कुमार, तेज प्रकाश और सौम्या कुमारी शामिल है. पुलिस संजीव सिंह की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
प्रिंटिंग प्रेस से पेपर खरीदता थाः पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि कई वर्षों से प्रश्न पत्र लीक करवाने के धंधे में लगे थे. लगातार इस फिराक में रहते थे कि किस प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्न पत्र किस प्रिंटिंग प्रेस में छप रहा है और उसका ट्रांसपोर्टेशन किस प्रकार किया जा रहा है. प्रेस के कर्मचारियों से मोटी राशि का सौदा करते थे.
कूरियर कंपनी भी जांच के घेरे मेंः पूछताछ में बताया कि प्रश्न पत्र प्राप्त हो जाने के बाद अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व होटल रिजॉर्ट बैंक्वेट हॉल और सुरक्षित जगह पर ले जाकर अपनी अभिरक्षा में उत्तर याद कराने के बाद केंद्र तक पहुंचाने का काम करते थे. डीटीडीसी कूरियर के जरिए ये लोग ट्रांसपोर्टेशन का काम करते थे और उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है. सभी से पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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