अयोध्या : रामसेवकपुरम में निर्माणधीन विश्व हिंदू परिषद के आवासीय परिसर में बने मजदूरों के अस्थाई निवास में अचानक आग लग गई. आग से रसोई गैस सिलिंडर में विस्फोट से आग विकराल हो गई. परिसर में मौजूद मजदूर परिवारों ने मिलकर आग बुझाने की कोशिश की. इसमें तीन लोग झुलस गए. जिन्हें इलाज के लिए श्री राम अस्पताल भेजा गया है. अग्निकांड में लगभग 90 मजदूरों की गृहस्थी जलकर राख हो गई. लोगों का आरोप है कि सूचना मिलने के बाद दमकल वाहन बिना पानी के पहुंचे थे. हालांकि इस दौरान स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पा लिया था. वहीं आग लगने की जानकारी मिलने पर विश्व हिंदू परिषद के सदस्य भी मौके पर पहुंचे.
बता दें कि अयोध्या के रामघाट क्षेत्र स्थित रामसेवकपुरम में नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी के मजदूर काम कर रहे हैं. मजदूरों के रुकने के लिए टीन और प्लाटिक कोडैड से बने ईपैक सेट से अस्थाई निवास बनाए गए हैं. इनमें लगभग 12 कमरे बने हैं. हर कमरे में आठ लोगों के रुकने की व्यवस्था थी. इस समय यहां 90 लोग रह रहे थे. गुरुवार दोपहर सभी मजदूर 2 बजे भोजन करने के बाद अपने कार्य पर चले गए थे.
इसी दौरान आवास परिसर से अचानक तेज धुंए का गुबार उठने लगा और रसोई गैस सिलिंडर फटने की आवाज सुनाई देने लगी. आनन फानन मजदूर और अन्य स्थानीय निवासी घटनास्थल की तरफ दौड़े और आग को बुझाने लगे. इसी दौरान टेंपो चालक सुल्तानपुर निवासी रामकृष्ण मिश्रा, हृदयराम और लड्डूलाल प्लाटिक कोडैड शेड के ऊपर चढ़ गए, लेकिन आग से शेड गलने के कारण वह नीचे गिर गए और गंभीर रूप से झुलस गए. अन्य लोगों ने किसी तरह तीनों को निकालकर श्री राम अस्पताल भिजवाया.
विहिप प्रांतीय मीडिया प्रभारी ने बताया कि राम सेवकपुरम में 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन को लेकर खाद्यान्न वितरण के लिए केंद्र बनाया गया था. यहां पर बड़ी मात्रा में खाद्य सामग्री रखी थी. साथ ही यहां पर कुछ लोगों के रहने के लिए पीवीसी बिल्डिंग बनाई गई थी. आग लगने के कारण लाखों का नुकसान हुआ है. हमारे कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के सहयोग से आग बुझा ली गई थी. फायर ब्रिगेड की गाड़ी का विलंब और बिना पानी के पहुंचना बहुत ही दुखद है. अयोध्या जैसे संवेदनशील क्षेत्र में फायर ब्रिगेड चुस्त दुरुस्त होना चाहिए. कुछ लोग आग बुझाए जाने के दौरान घायल हुए हैं. उनका श्री राम अस्पताल में इलाज चल रहा है.