नई दिल्ली: JNU छात्र संघ चुनाव में बहुत जोरों-शोरों से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. मंगलवार रात दोनों मुख्य संगठनों ने मशाल जलाकर शक्ति प्रदर्शन किया. इस मशाल जुलूस में काफी भीड़ देखी गई. JNU में 22 मार्च को वोटिंग होनी है और 24 मार्च को नतीजे आएंगे. चार साल बाद जेएनयू में छात्र संघ चुनाव होने जा रहा है. जिसमें दोनों ही संगठन अपनी-अपनी जीत का दावा ठोक रहे हैं.
मशाल जुलूस में क्या हुआ:
चुनाव मे ज्यादा समय नहीं रह गया है, इसलिए दोनों संगठनों ने रात में अपना शक्ति प्रदर्शन किया. दोनों हीं संगठनों ने विशाल मशाल जुलुस निकाला. एबीवीपी ने जहां गंगा ढाबे से निकलकर कई हॉस्टलों से होते हुए चंद्रभागा हॉस्टल तक जुलूस निकाला वहीं लेफ्ट संगठनों का मशाल जुलूस चंद्रभागा हॉस्टल से निकलकर गंगा ढाबे तक गया. इस दौरान दोनों हीं संगठनों के छात्रों ने जमकर नारेबाजी की. साबरमती ढाबे के पास दोनों हीं संगठनों का मशाल जुलूस आमने सामने होने वाला था, लेकिन इलेक्शन कमीशन के वोलेंटियर और JNU सिक्योरिटी के जवानों ने ह्युमन चैन बनाकर एक-दूसरे के आमने सामने होने की स्थिति को रोका फिर भी दोनों संगठनों ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
जेएनयु मे छात्र संघ का चुनाव पूरे शबाब पर हैं. मुख्य मुकाबला यहां ABVP औऱ लेफ्ट संगठनों के बीच में है. अभी तक जेएनयू छात्र संघ पर लेफ्ट विंग का कब्जा रहा है. लेकिन बीते दिनों मे एबीवीपी बढ़चढ़ कर मुद्दों को उठा रही है. एबीवीपी हर मामले पर अपनी उपस्थिति कैम्पस में दर्शाती आ रही है. JNU में लेफ्ट विंग के कई संगठन है, जैसे आइसा डीएसएफआई, एसएफआई और बापसा. पिछली बार भी लेफ्ट संगठनों ने एक होकर गठबंधन में चुनाव लड़ा था इस बार भी वहीं तस्वीर देखी जा रही है जबकि ABVP अकेले ही चुनावी मैदान में उतरी हुई है.
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20 मार्च को JNU में रात के समय प्रेजिडेंसियल डिबेट होगा जिसमे अलग अलग संगठनों के छात्र संघ अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अपना अपना एजेंडा बताएंगे औऱ वोटरों को लुभाने का प्रयास करेंगे. JNU में चुनावी रंग भी अन्य यूनिवर्सिटियों से अलग होता है यहां चुनाव भी और चुनाव प्रचार भी दोनों अलग माने जाते है. यहां छात्र संगठन मेस और हॉस्टल मे घूम घूमकर चुनाव प्रचार करते हैं. प्रचार के लिए नारेबाजी से हटकर यहां परंपरागत डफली बजाकर अपना संदेश छात्रों तक पहुंचाया जाता है.
इस मशाल जुलूस मे एबीवीपी के जुलूस मे भारी संख्या देखी गयी वहीं लेफ्ट संगठन के जुलूस मे एबीवीपी के मुकाबले थोड़ी कम थी. आज के शक्ति प्रदर्शन के बाद देखना होगा कि 22 तारीख को छात्र किस संगठन के उम्मीदवार को वोट देते हैं औऱ उसका नतीजा क्या निकलता है ये आने वाले 24 मार्च को पता चलेगा.
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