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धमतरी में शहीद जवान को पत्नी ने दी मुखाग्नि, बालाघाट में शहीद हुए थे टकेश्वर निषाद - MARTYR TAKESHWAR NISHAD

शहीद टकेश्वर की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, बालाघाट में ड्यूटी के दौरान शहीद हुआ था धमतरी का जवान.

wife of martyred soldier lit funeral pyre
पत्नी ने शहीद पति को दी मुखाग्नि (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 14, 2024, 9:09 PM IST

Updated : Oct 14, 2024, 10:41 PM IST

धमतरी: जवरगांव में शहीद जवान टकेश्वर निषाद की की अंतिम यात्रा निकाली गई. जवान की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए. नम आंखों से लोगों ने धमतरी के लाल को अंतिम विदाई दी. जवान टकेश्वर निषाद मध्य प्रदेश के बालाघाट में तैनात थे. ड्यूटी के दौरान जवान शहीद हुआ था. सोमवार को जवान का अंतिम संस्कार गृह ग्राम जवरगांव में किया गया. शहीद की पत्नी सीमा निषाद ने अपने बहादुर पति की चिता को मुखाग्नि दी. अपने पति को मुखाग्नि देने का फैसला खुद सीमा ने किया. सनातन परंपरा के मुताबिक अंतिम संस्कार मृतक का बेटा या फिर छोटा भाई और उसके पिता कर सकते हैं. शहीद की पत्नी सीमा ने अपने पति को मुखाग्नि देने का फैसला किया.

सम्मान के साथ शहीद टकेश्वर का अंतिम संस्कार: शहीद जवान टकेश्वर का पार्थिव शरीर सीआरपीएफ के वाहन से धमतरी में लाया गया. स्थानीय लोगों ने शहीद जवान को सम्मान और श्रद्धांजलि देने के लिए बाइक रैली निकाली. गांव वालों ने अमर शहीद की याद में देशभक्ति के नारे लगाए. अपने पति को मुखाग्नि देने के लिए सीमा अपने छह माह की छोटी बेटी को लेकर श्मशान घाट पहुंची थी. अंतिम संस्कार के सभी रस्मों को खुद शहीद की पत्नी सीमा ने पूरा किया.

पत्नी ने शहीद पति को दी मुखाग्नि (ETV Bharat)

सीआरपीएफ के जवान थे शहीद टकेश्वर: टकेश्वर के साथियो ने बताया कि वो 22 साल की उम्र में ही सीआरपीएफ में भर्ती हो गए थे. मिलनसार स्वभाव के होने के चलते अपने गांव घर में बहुत लोकप्रिय थे. हमेशा सब की मदद के लिए तैयार रहते थे. टकेश्वर कबड्डी के बड़े अच्छे खिलाड़ी थे. टकेश्वर से प्रेरणा लेकर गांव के तीन चार लोग सेना में भर्ती हुए. छुट्टियों में जब टकेश्वर गांव आते तो युवा लोग उनसे सेना में जाने की टिप्स लिया करते.

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सम्मान के साथ शहीद टकेश्वर का अंतिम संस्कार: शहीद जवान टकेश्वर का पार्थिव शरीर सीआरपीएफ के वाहन से धमतरी में लाया गया. स्थानीय लोगों ने शहीद जवान को सम्मान और श्रद्धांजलि देने के लिए बाइक रैली निकाली. गांव वालों ने अमर शहीद की याद में देशभक्ति के नारे लगाए. अपने पति को मुखाग्नि देने के लिए सीमा अपने छह माह की छोटी बेटी को लेकर श्मशान घाट पहुंची थी. अंतिम संस्कार के सभी रस्मों को खुद शहीद की पत्नी सीमा ने पूरा किया.

पत्नी ने शहीद पति को दी मुखाग्नि (ETV Bharat)

सीआरपीएफ के जवान थे शहीद टकेश्वर: टकेश्वर के साथियो ने बताया कि वो 22 साल की उम्र में ही सीआरपीएफ में भर्ती हो गए थे. मिलनसार स्वभाव के होने के चलते अपने गांव घर में बहुत लोकप्रिय थे. हमेशा सब की मदद के लिए तैयार रहते थे. टकेश्वर कबड्डी के बड़े अच्छे खिलाड़ी थे. टकेश्वर से प्रेरणा लेकर गांव के तीन चार लोग सेना में भर्ती हुए. छुट्टियों में जब टकेश्वर गांव आते तो युवा लोग उनसे सेना में जाने की टिप्स लिया करते.

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Last Updated : Oct 14, 2024, 10:41 PM IST
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