धौलपुर. जिले में राजाखेड़ा के इंछापुरा गांव में सोमवार को शहीद हवलदार रंजीत सिंह सिकरवार का उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी गई. इस दौरान एक श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया. सिक्किम में बाढ़ आपदा में 4 अक्टूबर 2023 को लापता हुए हवलदार रंजीत सिकरवार को 8 महीने बाद सुराग नहीं लगने पर शहीद घोषित किया गया है. सोमवार को आर्मी के ऑफिसर एवं जवानों की टुकड़ी ने इच्छापुरा गांव पहुंचकर शहीद रंजीत सिकरवार को भावभीनी विदाई दी.
4 अक्टूबर 2023 की रात्रि को आई थी बाढ़ : जानकारी के मुताबिक सिक्किम की तीस्ता नदी में 4 अक्टूबर 2023 की रात्रि को अचानक बाढ़ आ गई थी. इस बाढ़ हादसे में कुछ जवानों के साथ रंजीत सिकरवार भी लापता हो गए थे. करीब 41 सेना की गाड़ियां भी पानी के तेज बहाव में बह गई थी. बाढ़ आपदा में लापता होने के बाद सेना सैनिकों की काफी तलाश की, लेकिन रंजीत सिकरवार का सुराग नहीं लगा. 8 महीने बाद सेना ने हवलदार रंजीत सिकरवार को शहीद घोषित किया है. सोमवार को आर्मी के ऑफिसर एवं सेना की टुकड़ी गांव पहुंच गई. राष्ट्रीय सम्मान के साथ शाहीद को भावभीनी ने विदाई दी.
इसे भी पढ़ें-राजस्थान के लाल छोटू राम को दी गई अंतिम विदाई, 'अमर जवान जिंदाबाद' के जयकारों से गूंजा इलाका
वर्ष 2001 में सेना में हुये थे भर्ती : शहीद के भाई कमल सिंह बताया कि रंजीत वर्ष 2001 में सेना में भर्ती हुए थे. आर्मी में रहकर उन्होंने ईमानदारी एवं जिम्मेदारी के साथ देश की सेवा की. बाढ़ आपदा की घटना से पूर्व 22 साल तक आर्मी में नौकरी की. परिवार में पत्नी रेखा, बड़ा पुत्र अंकित सिकरवार एवं छोटा अंकेश सिकरवार है. 8 महीने बाद आर्मी ने शहीद का दर्जा दिया है. पत्नी रेखा एवं बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है. सेना के अधिकारियों ने शहीद के पिता कल्याण सिंह को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सौंप कर शहीद को अंतिम सलामी दी. श्रद्धांजलि सभा में जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी, राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा, पंचायत समिति प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार तोमर, नागेश कुशवाह, कृष्ण सिकरवार सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.