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हवलदार कुंवर सिंह के शहीद होने पर तुंगनाथ घाटी में पसरा मातम, नम आंखों से दी गई विदाई - Martyr Kunwar Singh

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Last Rites of Havildar Kunwar Singh हवलदार कुंवर सिंह के शहीद होने पर तुंगनाथ घाटी में मातम पसरा हुआ है. आज उनके पैतृक घाट पर नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई. उनके भतीजे अमन सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी.

Last Rites of Havildar Kunwar Singh
हवलदार शहीद कुंवर सिंह पंचतत्व में विलीन (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी के पायनियर कंपनी में तैनात हवलदार शहीद कुंवर सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. उनका अंतिम संस्कार आकाशकामिनी नदी किनारे उनके पैतृक घाट में सैन्य सम्मान के साथ गमगीन माहौल में किया गया. उनके निधन से तुंगनाथ घाटी समेत सारी गांव में मातम पसरा हुआ है. शहीद कुंवर सिंह के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. उनके गांव सारी से आकाशकामिनी नदी के लिए निकली अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर उन्हें नम आंखों से भावभीनी विदाई दी.

टोपीडाग बॉर्डर पर हुए थे शहीद: बता दें कि तुंगनाथ घाटी के सारी गांव निवासी हवलदार कुंवर सिंह (उम्र 41 वर्ष) 9वीं पर्वतीय ब्रिगेड समूह के अंतर्गत 1842 पायनियर कंपनी में जोशीमठ मलारी से आगे ऊंचाई वाले टोपीडाग बॉर्डर पर तैनाती के दौरान शहीद हो गए थे. उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही तुंगनाथ घाटी समेत उनके गांव सारी में मातम छा गया. साथ ही परिजनों में कोहराम मच गया. बीती देर शाम को शहीद कुंवर सिंह का पार्थिव शहीद सेना के वाहनों से सारी गांव लाया गया.

Last Rites of Havildar Kunwar Singh
हवलदार शहीद कुंवर सिंह (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को देख लोगों की आंखें हुई नम: वहीं, तिरंगे में लिपटे पार्थिव को देखकर परिजन और ग्रामीण फूट-फूटकर रोने लगे. शहीद के पार्थिव शरीर को उनके घर पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया. जहां सेना के जवानों ने उन्हें सलामी देकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इसके बाद उनके गांव सारी से पैतृक घाट आकाशकामिनी नदी तक निकली अंतिम यात्रा में सैकड़ों ग्रामीणों, सैन्य अधिकारियों और जवानों ने शामिल होकर नम आंखों से विदाई दी. इसके बाद घाट पर सेना के जवानों ने सलामी दी. उनकी चिता को भतीजे अमन सिंह ने मुखाग्नि दी.

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रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी के पायनियर कंपनी में तैनात हवलदार शहीद कुंवर सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. उनका अंतिम संस्कार आकाशकामिनी नदी किनारे उनके पैतृक घाट में सैन्य सम्मान के साथ गमगीन माहौल में किया गया. उनके निधन से तुंगनाथ घाटी समेत सारी गांव में मातम पसरा हुआ है. शहीद कुंवर सिंह के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. उनके गांव सारी से आकाशकामिनी नदी के लिए निकली अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर उन्हें नम आंखों से भावभीनी विदाई दी.

टोपीडाग बॉर्डर पर हुए थे शहीद: बता दें कि तुंगनाथ घाटी के सारी गांव निवासी हवलदार कुंवर सिंह (उम्र 41 वर्ष) 9वीं पर्वतीय ब्रिगेड समूह के अंतर्गत 1842 पायनियर कंपनी में जोशीमठ मलारी से आगे ऊंचाई वाले टोपीडाग बॉर्डर पर तैनाती के दौरान शहीद हो गए थे. उनके शहीद होने की सूचना मिलते ही तुंगनाथ घाटी समेत उनके गांव सारी में मातम छा गया. साथ ही परिजनों में कोहराम मच गया. बीती देर शाम को शहीद कुंवर सिंह का पार्थिव शहीद सेना के वाहनों से सारी गांव लाया गया.

Last Rites of Havildar Kunwar Singh
हवलदार शहीद कुंवर सिंह (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को देख लोगों की आंखें हुई नम: वहीं, तिरंगे में लिपटे पार्थिव को देखकर परिजन और ग्रामीण फूट-फूटकर रोने लगे. शहीद के पार्थिव शरीर को उनके घर पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया. जहां सेना के जवानों ने उन्हें सलामी देकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. इसके बाद उनके गांव सारी से पैतृक घाट आकाशकामिनी नदी तक निकली अंतिम यात्रा में सैकड़ों ग्रामीणों, सैन्य अधिकारियों और जवानों ने शामिल होकर नम आंखों से विदाई दी. इसके बाद घाट पर सेना के जवानों ने सलामी दी. उनकी चिता को भतीजे अमन सिंह ने मुखाग्नि दी.

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