धर्मशाला: कांगड़ा जिला मुख्यालय धर्मशाला के समीप बागनी गांव के शहीद अक्षय कपूर का पार्थिव शरीर आज उनके घर पहुंचा. पार्थिव शरीर के चौथे दिन घर पहुंचने पर पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई. बेटे को तिरंगे में लिपटा देख परिजनों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. शहीद अक्षय की पत्नी और मां कई बार बेसुध हुई.
शहीद अक्षय की पत्नी ने दुल्हन के लिबास में पति को विदाई दी. वहीं, मां ने नोटों का हार पहनाकर शहीद बेटे को विदा किया. गौरतलब है कि सेना की डोगरा रेजिमेंट में तैनात 29 वर्षीय अक्षय का छह दिसंबर को अरूणाचल प्रदेश में हार्ट अटैक से निधन हो गया था. इस बारे में सैन्य अधिकारियों ने परिजनों को सूचित कर दिया था. पिछले तीन दिनों से परिवार शहीद बेटे की पार्थिव देह का इंतजार कर रहे था. शनिवार को शहीद की पार्थिव देह दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा योल कैंट पहुंचाई गई थी, जहां से सोमवार सुबह पार्थिव देह शहीद के गांव बागनी पहुंची. आज सैन्य सम्मान के साथ शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अंतिम विदाई दी गई.
पति की पार्थिव देह के घर पहुंचते ही शहीद की पत्नी और मां बेसुध हो गई. आस पास मौजूद लोगों ने उन्हें ढांढस बंधाया. अक्षय की बहन ने भी भाई को सैल्यूट कर अंतिम विदाई दी. इस दौरान हर आंख नम थी. पूरा गांव भारत माता की जय, अक्षय कपूर अमर रहे के नारों से गूंज उठा. पार्थिव देह को बड़े भाई ने मुखाग्नि दी. पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद अक्षय का अंतिम संस्कार किया गया. मृतक सैनिक को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय विधायक सुधीर शर्मा भी मौजूद थे.
धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि, 'बहुत छोटी आयु में शहीद हुए अक्षय कुमार के परिवार को भगवान इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे. कांगड़ा का क्षेत्र शहीदों की धरती है, देश की रक्षा के लिए कांगड़ा के कई जवानों औऱ सैन्य अधिकारियों ने शहादत दी है. ऐसे ही जवानों से प्रेरणा लेकर हजारों युवा फौज में जाते हैं.'
बता दें कि अक्षय कपूर साल 2015 में महज 19 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. दो महीने पहले 7 अक्टूबर को शादी हुई थी. आंखों में नमी लिए भारी मन से शहीद के पिता ने कहा कि इतनी खुशी के बाद इतना बड़ा गम हमारा इंतजार कर रहा था. शादी के बाद अक्षय अपनी पत्नी के साथ नए जीवन की शुरुआत करने की तैयारी की ही थी, लेकिन किस्मत ने कुछ और ही तय कर रखा था.
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