लखनऊ: बिहार के मुंगेर से 7 बदमाश आए, बाहर से ही इंडियन ओवरसीज बैंक की रेकी की और फिर शनिवार को दीवार काट कर 42 लॉकर्स तोड़ कर लगभग 6 करोड़ का सोना लेकर भाग गए. क्या सच में यह इतना आसान था? क्या बैंक के अंदर के किसी कर्मचारी या अधिकारी ने इन बदमाशों को एक एक जानकारी पहुंचाई थी.
ऐसा लगता है कि चोरों को यह पूरी तरह से पता था कि बैंक में कौन से लॉकर्स तोड़ने है और कौन से नहीं?
बिना कर्मचारी के मदद से चोरी असंभवः बैंक के पूर्व मैनेजर सर्व मित्र भट्ट ने बताया कि लॉकर्स रूम में यह कहीं भी नही लिखा हुआ होता है कि यह गोल्ड लोन लॉकर है या अन्य. सिर्फ नंबर होते हैं. ऐसे में इसमें कोई दो राय नही हैं कि बदमाशों की बैंक के अंदर के ही किसी कर्मचारी ने मदद की हो. ऐसी जानकारी सिर्फ वरिष्ठ कर्मचारी या फिर उन्हें होती है जो लॉकर्स रूम में आते-जाते हैं. सर्वमित्र के मुताबिक, गोल्ड लोने वाला सोना जब बैंक लॉकर्स में रखता है, तब उसका विवरण बैंक में रहता है. यदि सोना चोरी होता है तो इसकी जिम्मेदारी बैंक की होती है. जितना सोना चोरी होगा, वह लोन लेने वाले उपभोक्ता को वापस देना होगा. जबकि इन लॉकर्स में अधिक गोल्ड रहने की गारंटी रहती है. लेकिन अन्य लॉकर्स से यदि चोरी होती है तो बैंक की उसकी देनदारी नहीं बनती है. ऐसे में इसमें दो राय नहीं है कि यह बैंक कर्मी की मिलीभगत से हुआ है.
गोल्ड लोन लॉकर्स सुरक्षितः इंडियन ओवरसीज बैंक में चोरी के बाद पहुंचे रतन शंकर पाण्डेय का इस बैंक में गोल्ड लोन है. उन्होंने अपना सोना गिरवी रखा हुआ था. सूचना मिलने पर भागते हुए बैंक पहुंचे तो उन्हें मैनेजर संदीप सिंह ने बताया कि गोल्ड लोन वाले लॉकर्स सभी सुरक्षित है. मैनेजर ने उन्हें बताया कि चोर गोल्ड लोन लॉकर्स के अलावा अन्य लॉकर्स को तोड़ चोरी की.
बैंक का अलार्म स्लीपिंग मोड में थाः बैंक कर्मियों पर पुलिस का शक ऐसे ही नहीं गहराया है. दरअसल, चोरी के दिन बैंक में गार्ड ड्यूटी पर नहीं था, अलार्म भी नहीं बजा. पुलिस जांच में सामने आया है कि बैंक का अलार्म बीते 15 दिनों से स्लीपिंग मोड में था. संयुक्त पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था लखनऊ अमित वर्मा ने बताया कि यह एक प्रमुख बिंदु है. ऐसा कैसे संभव हो सकता है कि बिना किसी जानकारी के बदमाश गोल्ड लोन वाले लॉकर्स को छोड़ अन्य लॉकर्स को तोड़ गए. ऐसे में बैंक के अंदर के किसी व्यक्ति ने बदमाशों की क्या कोई मदद की है, इसकी जांच होगी.