देहरादून: उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन चुनाव के दौरान प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां न सिर्फ मतदाताओं की परीक्षा लेती है, बल्कि पोलिंग पार्टियों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होती है. प्रदेश में मतदान के लिए कुल 11,729 मतदान केंद्र हैं. जिसमें कुछ मतदान केंद्र अति दुर्गम क्षेत्र में स्थित हैं. इसके साथ ही कुछ मतदान केंद्र ऐसे भी हैं जो काफी अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं. जो मतदाताओं के साथ ही पोलिंग पार्टियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी करते हैं.
उत्तराखंड राज्य के 9 जिले पर्वतीय जिलों में शुमार है, जबकि देहरादून और नैनीताल जिले का कुछ हिस्सा पर्वतीय क्षेत्र भी है. इसी क्रम में हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिला मैदानी जिलों में आता है. प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में तमाम ऐसे क्षेत्र हैं, जहां अभी तक सड़कें नहीं पहुंच पाई है. उन क्षेत्रों में मतदान केंद्र मौजूद हैं, जहां पोलिंग पार्टियों को खड़ी चढ़ाई चढ़कर मतदान केंद्र तक पहुंचना पड़ता है. यही नहीं, इन मतदान केंद्रों में पर्याप्त मूलभूत सुविधाओं को भी व्यवस्थित करने में निर्वाचन आयोग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
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हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, बल्कि हर चुनाव में निर्वाचन आयोग को इन मतदान केंद्रों में व्यवस्थाएं मुकम्मल करने और पोलिंग पार्टियों को भेजने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सबसे अधिक पैदल दूरी वाले मार्गों की बात करें तो चमोली जिले का डुमक मतदान केंद्र जाने के लिए 20 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़ना पड़ता है. जबकि इस मतदान केंद्र पर सिर्फ 252 मतदाता हैं. इसी क्रम में प्रदेश में सबसे अधिक ऊंचाई पर उत्तरकाशी जिले में स्थिति गंगोत्री पूरी मतदान केंद्र 10,170 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जहां सिर्फ 82 मतदाता हैं. पिथौरागढ़ जिले में स्थित कनार मतदान केंद्र जाने के लिए 18 किमी पैदल सफर करना पड़ता है. इस बूथ पर कुल 586 मतदाता हैं. जबकि उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री पूरी मतदान केंद्र, सबसे अधिक 10,170 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
सर्वाधिक पैदल दूरी वाले मतदान केंद्र
- चमोली जिले में स्थित डुमक मतदान केंद्र जाने के लिए 20 किमी पैदल मार्ग से जाना पड़ता है. इस बूथ पर कुल 252 मतदाता हैं.
- पिथौरागढ़ जिले में स्थित कनार मतदान केंद्र जाने के लिए 18 किमी पैदल मार्ग से जाना पड़ता है। इस बूथ पर कुल 586 मतदाता हैं.
- चंपावत जिले में स्थित कोटकेंद्री मतदान केंद्र जाने के लिए 17 किमी पैदल मार्ग से जाना पड़ता है। इस बूथ पर कुल 72 मतदाता हैं.
- उत्तरकाशी जिले में स्थित ओसला मतदान केंद्र जाने के लिए 17 किमी पैदल मार्ग से जाना पड़ता है. इस बूथ पर कुल 513 मतदाता हैं.
- उत्तरकाशी जिले में स्थित लिवाड़ी मतदान केंद्र जाने के लिए 14 किमी पैदल मार्ग से जाना पड़ता है. इस बूथ पर कुल 577 मतदाता हैं.
- पौड़ी जिले में स्थित छाम सौड़खेत मतदान केंद्र जाने के लिए 12 किमी पैदल मार्ग से जाना पड़ता है. इस बूथ पर कुल 801 मतदाता हैं.
- देहरादून जिले में स्थित बुरायला मतदान केंद्र जाने के लिए 10 किमी पैदल मार्ग से जाना पड़ता है. इस बूथ पर कुल 287 मतदाता हैं.
- देहरादून जिले में स्थित उदावा मतदान केंद्र जाने के लिए 10 किमी पैदल मार्ग से जाना पड़ता है. इस बूथ पर कुल 210 मतदाता हैं.
- अल्मोड़ा जिले में स्थित बबुरियानयाल मतदान केंद्र जाने के लिए 8 किमी पैदल मार्ग से जाना पड़ता है. इस बूथ पर कुल 278 मतदाता हैं.
सबसे अधिक ऊंचाई वाले मतदान केंद्र
- उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री पूरी मतदान केंद्र, सबसे अधिक 10,170 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
- चमोली जिले में स्थित कालगोठ मतदान केंद्र, सबसे अधिक 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
- टिहरी जिले में स्थित ठांगधार मतदान केंद्र, सबसे अधिक 8500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
- पिथौरागढ़ जिले में स्थित बोना मतदान केंद्र, सबसे अधिक 8202 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
- बागेश्वर जिले में स्थित किमू मतदान केंद्र, सबसे अधिक 7840 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
- रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगीनारायण मतदान केंद्र, सबसे अधिक 7608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
- नैनीताल जिले में स्थित मुक्तेश्वर मतदान केंद्र, सबसे अधिक 7500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
- नैनीताल जिले में स्थित ताड़ीखेत मतदान केंद्र, सबसे अधिक 7500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
- अल्मोड़ा जिले में स्थित डोनी मतदान केंद्र, सबसे अधिक 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
- अल्मोड़ा जिले में स्थित स्याही देवी गूंठ मतदान केंद्र, सबसे अधिक 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
- मसूरी में स्थित लंढौर मतदान केंद्र, सबसे अधिक 6540 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.