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भयावह हादसों का गवाह रह चुका है धुमाकोट, 2018 एक्सीडेंट में 48 लोगों ने गंवाई थी जान, अब अल्मोड़ा में कई मरे

अल्मोड़ा बस एक्सीडेंट में धुमाकोट तहसील के लोग मारे गये, 2018 में धुमाकोट में भी हुआ था बड़ा हादसा

ALMORA BUS ACCIDENT
भयावह हादसों का गवाह रह चुका है धुमाकोट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 4, 2024, 9:06 PM IST

Updated : Nov 4, 2024, 10:37 PM IST

पौड़ी गढ़वाल: अल्मोड़ा सल्ट बस हादसे के बाद एक बार फिर से पौड़ी जनपद के धुमाकोट में साल 2018 में हुई बड़ी सड़क दुर्घटना की भयावह यादें ताजा गो गई हैं. पौड़ी के धुमाकोट में हुई सड़क दुर्घटना में 48 लोगों की मौत हुई थी. साथ ही 13 लोग घायल हुए थे. इसके बाद साल 2022 में भी धुमाकोट में बड़ा सड़क हादसा हुआ था. जिसमें 33 लोगों की मौत हुई थी. अब अल्मोड़ा के सल्ट में बड़ा सड़क हादसा हुआ है. जिसमें भी धुमाकोट तहसील के कई लोगों ने जान गंवाई है.

दीपावली का त्योहार समाप्त होते ही लोगों की खुशियां मातम में बदल गई. आज पौड़ी जनपद के धुमाकोट तहसील से एक बस सवारियों को लेकर रामनगर अल्मोड़ा जा रही थी. ये बस रास्ते में सड़क से नीचे जा गिरी. जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई. इसमें 27 लोग घायल हुए हैं. इससे जुड़ी घटना साल 2018 में धुमाकोट में हुई थी. जिसमें 48 लोगों की मौत हुई थी. 13 लोग घायल हो गए थे. सड़क हादसों में कहीं ना कहीं सड़कों की बेहतर हालत न होना बसों में क्षमता से अधिक सवारी का बैठना यह तमाम कारण है. इससे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क हादसे हो रहे हैं. इस घटना में पौड़ी जिले और अल्मोड़ा जिले से लोगों की मौत हुई है. जिस पर सभी लोगों ने अपनी संवेदना भी व्यक्त की है.

भयावह हादसों का गवाह रह चुका है धुमाकोट (ETV BHARAT)

आरटीओ पौड़ी द्वारिका प्रसाद ने बताया जो बस तहसील धुमाकोट से रामनगर अल्मोड़ा के लिए निकली थी उसके सभी दस्तावेज सही हैं. उसकी फिटनेस भी सही समय पर हुई थी. उसका परमिट 2025 तक वैध है. वहीं, विकास चौहान सदस्य संभागीय परिवहन प्राधिकरण उत्तराखंड ने बताया देखा जा रहा है कि बसों में क्षमता से अधिक सवारियों के बैठने से सड़क हादसे हो रहे हैं, यह दुखद है. पहाड़ों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी दूरस्थ क्षेत्रों में वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था न होने के चलते वाहन चालक क्षमता से अधिक सवारी बैठाते हैं. उन्होंने कहा अगर इन इलाकों में यदि वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था हो तो सड़क हादसों पर अंकुश लगाया जा सकता है.

पढे़ं- 36 मौत, 27 घायल, सामने आई अल्मोड़ा बस हादसे की डिटेल, एक क्लिक में पढ़ें

पौड़ी गढ़वाल: अल्मोड़ा सल्ट बस हादसे के बाद एक बार फिर से पौड़ी जनपद के धुमाकोट में साल 2018 में हुई बड़ी सड़क दुर्घटना की भयावह यादें ताजा गो गई हैं. पौड़ी के धुमाकोट में हुई सड़क दुर्घटना में 48 लोगों की मौत हुई थी. साथ ही 13 लोग घायल हुए थे. इसके बाद साल 2022 में भी धुमाकोट में बड़ा सड़क हादसा हुआ था. जिसमें 33 लोगों की मौत हुई थी. अब अल्मोड़ा के सल्ट में बड़ा सड़क हादसा हुआ है. जिसमें भी धुमाकोट तहसील के कई लोगों ने जान गंवाई है.

दीपावली का त्योहार समाप्त होते ही लोगों की खुशियां मातम में बदल गई. आज पौड़ी जनपद के धुमाकोट तहसील से एक बस सवारियों को लेकर रामनगर अल्मोड़ा जा रही थी. ये बस रास्ते में सड़क से नीचे जा गिरी. जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई. इसमें 27 लोग घायल हुए हैं. इससे जुड़ी घटना साल 2018 में धुमाकोट में हुई थी. जिसमें 48 लोगों की मौत हुई थी. 13 लोग घायल हो गए थे. सड़क हादसों में कहीं ना कहीं सड़कों की बेहतर हालत न होना बसों में क्षमता से अधिक सवारी का बैठना यह तमाम कारण है. इससे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क हादसे हो रहे हैं. इस घटना में पौड़ी जिले और अल्मोड़ा जिले से लोगों की मौत हुई है. जिस पर सभी लोगों ने अपनी संवेदना भी व्यक्त की है.

भयावह हादसों का गवाह रह चुका है धुमाकोट (ETV BHARAT)

आरटीओ पौड़ी द्वारिका प्रसाद ने बताया जो बस तहसील धुमाकोट से रामनगर अल्मोड़ा के लिए निकली थी उसके सभी दस्तावेज सही हैं. उसकी फिटनेस भी सही समय पर हुई थी. उसका परमिट 2025 तक वैध है. वहीं, विकास चौहान सदस्य संभागीय परिवहन प्राधिकरण उत्तराखंड ने बताया देखा जा रहा है कि बसों में क्षमता से अधिक सवारियों के बैठने से सड़क हादसे हो रहे हैं, यह दुखद है. पहाड़ों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी दूरस्थ क्षेत्रों में वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था न होने के चलते वाहन चालक क्षमता से अधिक सवारी बैठाते हैं. उन्होंने कहा अगर इन इलाकों में यदि वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था हो तो सड़क हादसों पर अंकुश लगाया जा सकता है.

पढे़ं- 36 मौत, 27 घायल, सामने आई अल्मोड़ा बस हादसे की डिटेल, एक क्लिक में पढ़ें

Last Updated : Nov 4, 2024, 10:37 PM IST
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