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कोसी ने मचाई तबाही, बाढ़ में बहे कई घर, फसल भी बर्बाद, राफ्ट से चुकुम गांव पहुंची प्रशासन की टीम - Many houses washed away

kosi river water level, Nainital Latest News, Flood in Ramnagar, Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में आफत की बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. नैनीताल जिले के चुकुम गांव में भारी बारिश के बाद कोसी नदी जमकर कहर बरपा रही है. बताया जा रहा है कि गांव में तीन से चार घर नदी में बह गए है. वहीं 15 से 20 बीघा फसल भी बर्बाद हो गई है.

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उत्ताराखंड में बारिश का कहर. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 14, 2024, 3:32 PM IST

Updated : Sep 14, 2024, 4:39 PM IST

रामनगर: उत्तराखंड में बीते तीन दिनों से आसमान से आफत बरस रही है. पहाड़ों पर भारी बारिश के कारण कोसी नदी का जल स्तर भी बढ़ गया है. ऐसे में नैनीताल जिले की रामनगर तहसील मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर चुकुम गांव में कोसी नदी ने जमकर तबाही मचाई है. बताया जा रहा है कि इस गांव का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया है. वहीं कोसी नदी के उफान पर आने से गांव के चार मकान भी नहर में बह गए और 15 से 20 बीघा फसल को भी नुकसान पहुंचा है.

रामनगर में कोसी नदी ने जमकर कहर बरपाया. (ETV Bharat)

उत्तराखंड में बीते तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण हाहाकार मचा हुआ है. पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है. मैदानी क्षेत्रों में बहने वाले सभी नदी-नाले उफान पर हैं. पहाड़ों पर जहां बारिश के कारण लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ गई हैं, तो वहीं मैदानी इलाकों में नदियों के किनारे भू-कटाव हो रहा है.

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कोसी नदी का जल स्तर बढ़ने से लगातार कटाव हो रहा है. (ETV Bharat)

गांव में चार घर बहे: चुकुम गांव के ग्रामीण लक्ष्मण सिंह रावत ने बताया कि कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से उनके इलाके में 15 से 20 बीघा जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद हो गई. वहीं तीन से चार घर भी नदी में बह गए हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से विस्थापन की गुहार लगाई है.

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कोसी नदी के उफान पर आने से चुकुम गांव का संपर्क कटा. (ETV Bharat)

विस्थापन के लिए 2016 में हुआ था सर्वे: लक्ष्मण सिंह रावत के मुताबिक गांव में फिलहाल 80 से 90 परिवार रहते हैं. चुकुम गांव के विस्थापन के लिए प्रशासन ने 2016 में सर्वे भी किया था. कई बैठकों के बाद प्रशासन ने तय किया था कि जिस ग्रामीण के पास गांव में जितनी भूमि है, उन्हें उतनी ही भूमि व वर्ग 4 की भूमि पर रहने वाले प्रति परिवार के मुखिया को कुछ रकम देकर यहां से विस्थापित किया जाएगा, लेकिन आजतक वो मामला अधर में लटका हुआ है.

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रामनगर क्षेत्र में कोसी नदी का रौद्र रूप (ETV Bharat)

प्रशासन का बयान: वहीं रामनगर के उपजिलाधिकारी राहुल शाह ने बताया कि प्रशासन की टीम की राफ्ट के जरिए चुकुम गांव में पहुंची है. क्षेत्र में आपदा राहत सामग्री बांटी गई है. साथ ही इलाके का जायजा भी लिया. उन्होंने बताया कि नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जा रही है.

चुकुम गांव के हालात: चुकुम गांव में 652 वोटर हैं. यहां प्राथमिक विद्यालय के बाद बच्चों को पढ़ाई के लिए करीब तीन किमी दूर कोसी नदी पार करके मोहान इंटर कॉलेज जाना पड़ता है. वहीं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 25 किमी दूर रामनगर आना पड़ता है. कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने पर ग्रामीण गांव में ही कैद हो जाते हैं. इस गांव में पहुंचने के लिए आपको अल्मोड़ा जिले के कुनखेत वन मार्ग से जंगल का करीब 8 किमी लंबा वैकल्पिक मार्ग लेना पड़ता है. वन्यजीवों के खतरे के बीच इस पैदल रास्ते के जरिये चुकुम गांव के ग्रामीण कुनखेत गांव पहुंचते हैं.

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रामनगर: उत्तराखंड में बीते तीन दिनों से आसमान से आफत बरस रही है. पहाड़ों पर भारी बारिश के कारण कोसी नदी का जल स्तर भी बढ़ गया है. ऐसे में नैनीताल जिले की रामनगर तहसील मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर चुकुम गांव में कोसी नदी ने जमकर तबाही मचाई है. बताया जा रहा है कि इस गांव का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया है. वहीं कोसी नदी के उफान पर आने से गांव के चार मकान भी नहर में बह गए और 15 से 20 बीघा फसल को भी नुकसान पहुंचा है.

रामनगर में कोसी नदी ने जमकर कहर बरपाया. (ETV Bharat)

उत्तराखंड में बीते तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण हाहाकार मचा हुआ है. पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रखा है. मैदानी क्षेत्रों में बहने वाले सभी नदी-नाले उफान पर हैं. पहाड़ों पर जहां बारिश के कारण लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ गई हैं, तो वहीं मैदानी इलाकों में नदियों के किनारे भू-कटाव हो रहा है.

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कोसी नदी का जल स्तर बढ़ने से लगातार कटाव हो रहा है. (ETV Bharat)

गांव में चार घर बहे: चुकुम गांव के ग्रामीण लक्ष्मण सिंह रावत ने बताया कि कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से उनके इलाके में 15 से 20 बीघा जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद हो गई. वहीं तीन से चार घर भी नदी में बह गए हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से विस्थापन की गुहार लगाई है.

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कोसी नदी के उफान पर आने से चुकुम गांव का संपर्क कटा. (ETV Bharat)

विस्थापन के लिए 2016 में हुआ था सर्वे: लक्ष्मण सिंह रावत के मुताबिक गांव में फिलहाल 80 से 90 परिवार रहते हैं. चुकुम गांव के विस्थापन के लिए प्रशासन ने 2016 में सर्वे भी किया था. कई बैठकों के बाद प्रशासन ने तय किया था कि जिस ग्रामीण के पास गांव में जितनी भूमि है, उन्हें उतनी ही भूमि व वर्ग 4 की भूमि पर रहने वाले प्रति परिवार के मुखिया को कुछ रकम देकर यहां से विस्थापित किया जाएगा, लेकिन आजतक वो मामला अधर में लटका हुआ है.

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रामनगर क्षेत्र में कोसी नदी का रौद्र रूप (ETV Bharat)

प्रशासन का बयान: वहीं रामनगर के उपजिलाधिकारी राहुल शाह ने बताया कि प्रशासन की टीम की राफ्ट के जरिए चुकुम गांव में पहुंची है. क्षेत्र में आपदा राहत सामग्री बांटी गई है. साथ ही इलाके का जायजा भी लिया. उन्होंने बताया कि नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जा रही है.

चुकुम गांव के हालात: चुकुम गांव में 652 वोटर हैं. यहां प्राथमिक विद्यालय के बाद बच्चों को पढ़ाई के लिए करीब तीन किमी दूर कोसी नदी पार करके मोहान इंटर कॉलेज जाना पड़ता है. वहीं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 25 किमी दूर रामनगर आना पड़ता है. कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने पर ग्रामीण गांव में ही कैद हो जाते हैं. इस गांव में पहुंचने के लिए आपको अल्मोड़ा जिले के कुनखेत वन मार्ग से जंगल का करीब 8 किमी लंबा वैकल्पिक मार्ग लेना पड़ता है. वन्यजीवों के खतरे के बीच इस पैदल रास्ते के जरिये चुकुम गांव के ग्रामीण कुनखेत गांव पहुंचते हैं.

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Last Updated : Sep 14, 2024, 4:39 PM IST
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